अंसल को लेकर LDA ने IRP (दिवालिया समाधान प्रक्रिया) में दावा ठोका है। LDA ने दावा किया है कि अथॉरिटी को बिना नोटिस दिए NCLT (राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण) ने अंसल पर कार्रवाई की।
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अंसल की टाउनशिप में LDA का भी कुछ हिस्सा शामिल है। लेकिन, अंसल API ने पूरी जमीन बेच दी। LDA अब NCLT के आदेश के खिलाफ दिल्ली में NCLAT (राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण) पहुंच गया है। मंगलवार को टीम एक बार फिर दिल्ली जाएगी।

यह तस्वीर अंसल API के लखनऊ स्थित ऑफिस के बाहर की है।
NCLT का कोई निर्णय मान्य नहीं
एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने बताया कि NCLT द्वारा असल साइंस सिटी मामले में आदेश पूरी तरीके से लखनऊ विकास प्राधिकरण के खिलाफ है। LDA या फिर किसी भी सरकारी विभाग को न तो इस मामले में कोई पक्ष लिया गया न ही कोई नोटिस दिया गया। ऐसे में NCLT का निर्णय LDA को मान्य नहीं है। LDA इस मामले में IRP में अपील करने जा रहा है।
टाउनशिप की जमीन अब IRP का अधिकार
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने अंसल कंपनी को दिवालिया घोषित करने के बाद बोर्ड को भंग कर दिया है। ऐसे में टाउनशिप की जमीन अंसल के अधिकार में नहीं रही। अब NCLT की ओर से नियुक्त किया गया रिसीवर ही उस पर निर्णय लेगा।
अंसल के खिलाफ यह कार्रवाई एक फाइनेंस कंपनी का पैसा न लौटाने का लेकर की गई है। दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों ने अंसल के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदर्शन किया था। जिसके बाद इस मामले में मुख्यमंत्री ने आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

सुशांत गोल्फ सिटी रेलवे लाइन के पास इसी जमीन के लिए विवाद चल रहा है।
अंसल ने बेच दी ग्राम समाज की 219.35 एकड़ जमीन
अंसल एपीआई बिल्डर ने ग्राम समाज की 219.35 एकड़ जमीन बेच दी है। बिल्डर ने जमीन तो बेची लेकिन इसका 203.98 करोड़ रुपए आज तक जमा नहीं किया। उससे जमीन की कीमत वसूलने के लिए जिला प्रशासन और एलडीए के अधिकारी केवल बैठकें ही करते रहे।
कुछ अधिकारियों ने बिल्डर पर दबाव बनाकर अपने तथा कुछ ने रिश्तेदारों के नाम प्लाट खरीद लिया, लेकिन सरकारी पैसे की वसूली नहीं करायी।
बनाई गई कमेटी, जल्द रिपोर्ट सौंपी जाएगी
अंसल टाउनशिप में LDA के पास बंधक कितनी जमीन किस-किस को बेची गई, कितनी बची, कितनी जमीन टाउनशिप में है। कितनी आवंटित हुई सहित कई बिंदुओं का सही पता लगाने के लिए जांच होगी। उसको लेकर मंडलायुक्त के आदेश पर एक उच्चस्तरीय कमेटी LDA वीसी की अध्यक्षता में बनाई गई है। यह एक एक महीने में जांच पूरी करेगी और उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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