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Mahakumbh Prayagraj foreigners Sanatan Dharma | महाकुंभ में 68 विदेशियों ने सनातन धर्म अपनाया: अमेरिकी साइंटिस्ट बोले- उजाले का अहसास हो रहा, रूस की नताशा बोलीं- शांति मिली


प्रयागराज2 घंटे पहले

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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में मंगलवार को 68 विदेशी नागरिकों ने विधि-विधान से सनातन धर्म अपना लिया। इनमें सबसे बड़ी संख्या अमेरिकी नागरिकों की रही। सनातन अपनाने वालों में 41 अमेरिका, 7 ऑस्ट्रेलिया, 4 स्विट्जरलैंड, 3 फ्रांस, 3 बेल्जियम, 2 यूके, 2 आयरलैंड, 2 कनाडा और नॉर्वे, जापान, इटली और जर्मनी के एक-एक नागरिक शामिल हैं।

विदेशी श्रद्धालुओं को सनातन शांति की यह राह जगतगुरु साईं मां लक्ष्मी देवी दिखा रही हैं। उन्होंने कहा- जीवन में शांति तलाशते विदेशियों को सनातन में आकर शांति का अनुभव हो रहा है। सनातन की राह में शामिल होने के बाद उनके चेहरे पर मुस्कुराहट है। दिमाग शांत है, मन की उथल-पुथल समाप्त हो चुकी है। उन्हें अब जीवन में एक राह मिल चुकी है।

गले में तुलसी की माला धारण की कुंभ नगर के सेक्टर- 17 स्थित शक्ति धाम में मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 68 श्रद्धालुओं ने गुरु दीक्षा प्राप्त की। गले में तुलसी माला और हाथ में फूल और फल की डलिया लिए हुए जगतगुरु सांई मां लक्ष्मी देवी से दीक्षा प्राप्त करते इन श्रद्धालुओं के चेहरे पर आज अद्भुत चमक दिखाई पड़ रही थी।

सनातन सभी को शांति की राह दिखाता है जगतगुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने कहा- जीवन में लक्ष्य की तलाश में भटक रहे और मानसिक अशांति से जूझ रहे इन विदेशी श्रद्धालुओं के जीवन में सांईं मन से मिलने के बाद अब शांति और आनंद का निवास हो चुका है। वैदिक मंत्रों का उच्चारण करके वह अपनी खुशी को जाहिर भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा- सनातन सभी को शांति की राह दिखाता है। इसकी सरलता और सहजता सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी वजह से हर कोई इधर खिंचा चला रहा है। उन्होंने बताया कि आज 68 विदेशी श्रद्धालुओं ने उनसे गुरु दीक्षा ली है।

डेटा साइंटिस्ट बोले- अंधेरे में उजाले का एहसास होने लगा माइकल कैनेडी अमेरिका में रहते हैं। वह एक डेटा साइंटिस्ट हैं। उन्होंने कहा- पहले उनके जीवन में स्पष्टता की कमी थी, वह कंफ्यूज थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना चाहिए, लेकिन जगतगुरु सांई मां के संपर्क में आने के बाद उन्हें अंधेरे में उजाले का एहसास होने लगा। उन्होंने बताया कि गुरु दीक्षा लेने के बाद उन्हें काफी अच्छा अनुभव हो रहा है।

रूस की नताशा कर्टेस बोलीं- मुझे शांति सनातन में ही मिली रूस की फोटोग्राफर नताशा कर्टेस जो अब अमेरिका में रहती हैं, उन्होंने कहा- दुनियाभर घूमने के बाद भी मुझे शांति सनातन में ही मिली है। वह कहती हैं कि इससे पहले वह पूरी तरह यथार्थवादी थीं, लेकिन अब दीक्षा लेने के बाद अद्भुत आनंद महसूस कर रही हैं। इस अनुभव का हिस्सा बन कर उनका जीवन धन्य हो गया।

न्यूयॉर्क की रहने वाली मेगन अभी स्टूडेंट हैं, वह बताती हैं कि गुरु दीक्षा मेरे लिए एक अविश्वसनीय अनुभव था। मैंने अपनी गुरु साईं मां और अपने आत्मा पथ के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के साथ खुद के लिए एक नए संस्करण में कदम रखा है।

गुरु दीक्षा लेने वालों में ये भी रहे इनके अलावा गुरु दीक्षा में USA में संपत्ति प्रबंधन का काम करने वाले सुसान मुचनिज, ऑस्ट्रेलिया मे हीलर का काम करने वाली डीन हिंडर-हॉकिन्स, कनाडा में मार्केटिंग मैनेजर नतालिया इजोटोवा, इंडोनेशिया में मनो चिकित्सक, जस्टिन वॉटसन, बेल्जियम में प्रशासक का काम करने वाले इंगे तिजगत सहित कुल 68 लोग शामिल हुए।

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