वाराणसी में घर से चॉकलेट के बहाने बहलाकर गांव की चार वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने आज फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अनुभव द्विवेदी ने 6 साल के इंतजार के बाद पीड़िता को न्याय दिया।
.
अदालत ने चौबेपुर क्षेत्र के निवासी अभियुक्त अखिलेश गुप्ता को बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर बीस हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को दो माह के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान भी किया। अदालत में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने पक्ष रखा।
पहले बताते हैं घटनाक्रम जिसमें हुई सजा
अभियोजन ने कोर्ट में बताया कि चौबेपुर थाना क्षेत्र निवासी चार वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने चौबेपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि तीन अगस्त 2018 को उसकी चार वर्षीय मासूम बच्ची को उसके पड़ोस में रहने वाला अभियुक्त अखिलेश गुप्ता बहला-फुसलाकर अपने घर में ले गया।
अपने घर के ऊपर बने टीनशेड के कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पुत्री के चिल्लाने की आवाज सुनकर जब वादी और उसकी पत्नी वहां पहुंची तो देखा कि उसकी पुत्री लहूलुहान हालत में बेहोश पड़ी थी। अभियुक्त उससे जबरदस्ती के बीच खुद भी खून के बीच था।
बेटी को लहुलुहान देखकर पिता और मां चीखते हुए युवक से भिड़ गए। हालांकि मौके का फायदा उठाकर वह भाग निकला। पिता ने पुलिस को सूचना दी और घटनास्थल पर बुलाया। पुलिस ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद मेडिकल कराया।
पिता की तहरीर पर केस दर्ज कर अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अदालत ने मुकदमे के विचारण के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त के अपराध को जघन्य मानते हुए उसे बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।