जहां एक तरफ तकनीक और आधुनिकता ने पारंपरिक व्यवसायों को लगभग भुला दिया है, वहीं सुल्तानपुर के राम सम्हारे ने खजूर के पत्तों से झाड़ू बनाकर एक अनोखी मिसाल पेश की है. उनका ये पारंपरिक काम न सिर्फ उनकी रोजी-रोटी का साधन है, बल्कि पुरानी परंपराओं और ग्रामीण आत्मनिर्भरता की ताकत को भी दर्शाता है.
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