{“_id”:”6729163ee18f4d507503a9a4″,”slug”:”challenge-for-foreigners-to-return-to-surat-and-mumbai-amethi-news-c-96-1-ame1002-128803-2024-11-05″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Amethi News: परदेसियों के लिए सूरत व मुंबई लौटना चुनौती”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
अमेठी सिटी। दीपावली का त्योहार परिवार संग मनाने के बाद सूरत व मुंबई की वापसी परदेसियों के लिए चुनौती बनी है। ट्रैक पर संचालित नियमित व स्पेशल ट्रेन में वेटिंग का आकंड़ा 200 के पार है। लखनऊ व प्रयागराज से गुजरने वाली ट्रेनों में भी कन्फर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है।
लखनऊ-प्रतापगढ़ रेल ट्रैक पर मुंबई के लिए संचालित उद्योगनगरी के साथ स्पेशल ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची का आंकड़ा 200 के पार चल रहा है। इतना ही नहीं वाराणसी-मुंबई, सूरत स्पेशल ट्रेन में भी कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा है। त्योहारों पर ऑनलाइन के साथ ही बुकिंग काउंटर पर टिकट बुक करवाने के लिए लोग परेशान हैं। मुंबई के तत्काल कोटे के टिकट तो एक मिनट से कम में ही बुक हो जा रहे हैं। मुंबई के लिए संचालित उद्योगनगरी व स्पेशल ट्रेनों में त्योहारों के आसपास लंबी प्रतीक्षा सूची है।
गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर सोमवार को तत्काल टिकट के लिए कतार में लगे लोगों को न एसी में जगह मिली और न ही स्लीपर कोच में। ऐसे में यात्रियों को मायूस होकर लौटना पड़ा। दीपावली पर परिवार संग मुंबई से घर आए गौरीपुर निवासी पवन कुमार ने बताया कि वह मुंबई में रहते हैं। गांव में दीपावली मनाने के बाद अब वापसी करनी है, लेकिन कन्फर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है। अकेले होते तो वेटिंग टिकट पर यात्रा कर लेते, लेकिन पत्नी व बच्चों संग होेने से वापसी में परेशानी हो रही है। तत्काल कोटे से टिकट करवाने के लिए दो दिन से नंबर लगा रहे हैं, लेकिन नहीं मिल पा रहा है। यही हाल अन्य यात्रियों का है।
सोमवार को गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर एसी कोच में तत्काल टिकट के लिए 10 लोग कतार में लगे थे, लेकिन सिर्फ तीन को ही टिकट मिल सका। यही हाल स्लीपर कोच का रहा। स्लीपर में तत्काल टिकट के लिए 23 लोग कतार में लगे थे, जिसमें आठ लोगों को ही टिकट मिल सके।
पहले से ही लोग बुक करा लेते हैं सीट
स्टेशन मास्टर प्रवीण सिंह ने बताया कि त्योहार पर लोग पहले से आरक्षित टिकट बुक करवा लेते हैं। ऐसे में ट्रेनों में वेटिंग हो जाती है। तत्काल कोटे के टिकट नियमित बुक हो रहे हैं, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण टिकट जल्दी बुक हो जा रहे हैं। विभाग की कोशिश रहती है कि अधिक से अधिक यात्रियों को तत्काल कोटे के टिकट का लाभ मिल सके।