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Population Census may Start in 2025: अगली जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ किया है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार 2025 की शुरुआत में जनगणना कराएगी. हालांकि अभी तक जाति जनगणना पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
बता दें कि आमतौर पर हर 10 साल में की जाने वाली जनगणना आखिरी बार 2011 में की गई थी. 2021 में नई जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया था. तब से लेकर अब तक यह टलता ही रहा.
2026 में जारी किए जाएंगे आंकड़े
टेलीग्राफ ने अपनी एक रिपोर्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से बताया है कि जनगणना 2025 की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है, और जनसंख्या के आंकड़े 2026 तक घोषित किए जाएंगे. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जाति जनगणना पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इस बात पर सुझाव मांगे जा रहे हैं कि जाति गणना सामान्य प्रैक्टिस का हिस्सा होगी या नहीं.
हाल ही में बढ़ा है रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त का कार्यकाल
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण का कार्यकाल अगस्त 2026 तक बढ़ा दिया था. उनका कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त हो रहा था. अब तक जनसंख्या जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की अलग-अलग गणना की जाती रही है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग को इसमें शामिल नहीं किया जाता है. जनगणना के दौरान हर भारतीय के धर्म के बारे में भी पूछा जाता है. टेलीग्राफ ने अपनी इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और धर्मों की मौजूदा गणना में ओबीसी श्रेणी को जोड़ने और सामान्य, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की श्रेणियों के अंदरउप-श्रेणियों का सर्वेक्षण करने के बारे में सुझाव दिया गया है.
अब बदल जाएगा जनगणना का साइकल
सूत्रों की मानें तो 2025 में जनगणना के साथ इसका साइकल भी बदल जाएगा. अब इसके बाद अगली जनगणना 2035 में की जाएगी. यहां ये बता दें कि केंद्र सरकार ने अभी तक जनगणना के बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है. सूत्रों ने कहा कि जनगणना समाप्त होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू हो जाएगा और संभवतः 2028 तक पूरा हो जाएगा, जो 2029 में होने वाले अगले आम चुनाव से पहले होगा.
इस बार ऑनलाइन खुद भी भर सकेंगे जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार डोर टु डोर जनगणना के अलावा लोगों को ऑनलाइन जनगणना फ़ॉर्म भरकर खुद सारी डिटेल भरने का ऑप्शन मिलेगा. इसके लिए, जनगणना प्राधिकरण ने एक स्व-गणना पोर्टल तैयार किया है, लेकिन इसे अभी लॉन्च किया जाना बाकी है. स्व-गणना के दौरान, आधार और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से भरना होगा. जो लोग स्व-गणना करना चाहते हैं, उन्हें पहले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
इस बार पूछे जाएंगे 31 सवाल
रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यालय ने जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले 31 प्रश्न भी तैयार किए हैं. इन सवालों में लैंडलाइन टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, एक (बेसिक) मोबाइल या स्मार्टफोन, एक साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप या वैन आदि की उपलब्धा से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे. परिवारों से यह भी पूछा जाएगा कि वे कौन से अनाज खाते हैं; उनके पीने के पानी और लाइट के मुख्य स्रोत क्या हैं; शौचालयों तक उनकी पहुंच है या नहीं; शौचालयों के प्रकार; नहाने की सुविधा, रसोई और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन की उपलब्धता; खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य ईंधन, रेडियो सेट, ट्रांजिस्टर और टेलीविजन सेट की उपलब्धता है या नहीं.
रिश्तों से लेकर घर से जुड़े सवाल भी होंगे शामिल
लोगों से फर्श में इस्तेमाल की जाने वाली प्रमुख सामग्रियों के बारे में भी पूछा जाएगा, उनके घर की छत और फर्श; घर की स्थिति; घर में लोगों की संख्या; क्या घर की मुखिया महिला, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति है; घर के स्वामित्व में विशेष रूप से रहने वाले कमरों की संख्या और घर में विवाहित जोड़ों की संख्या क्या है.
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