{“_id”:”67162549082dd45ec6074d48″,”slug”:”exclusive-state-s-first-cardiac-rehabilitation-center-will-open-in-cardiology-2024-10-21″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Exclusive: काॅर्डियोलॉजी में खुलेगा प्रदेश का पहला कार्डिएक रिहैबिलिटेशन सेंटर, तीन तल का बनेगा भवन”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
रजा शास्त्री, अमर उजाला, कानपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Mon, 21 Oct 2024 03:26 PM IST विज्ञापन
एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट – फोटो : सोशल मीडिया
Trending Videos एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में प्रदेश का पहला कार्डिएक रिहैबिलिटेशन सेंटर खुलेगा। इस सेंटर में हृदय रोगियों को इलाज से ठीक करने के साथ रोगी को पहले वाली स्थिति में लाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही हृदय रोगियों के जीन का अध्ययन करके पता किया जाएगा कि क्या उनकी पीढ़ियां में रोग से प्रभावित हो सकती हैं? अगर संकेत मिलेंगे तो उन्हें रोग से बचाव के तरीके बताए जाएंगे। यहां योग और ध्यान का सेंटर भी होगा। विज्ञापन
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तीन तल के इस सेंटर को एक कंपनी के सीएसआर फंड से बनाया जाएगा। कंपनी के जिम्मेदारों के साथ शनिवार को काॅर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट प्रबंधन के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। फिलहाल सेंटर के लिए अनुमानित बजट तीन करोड़ रुपये है। लेकिन इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा का कहना है कि अगर बजट बढ़ेगा तो भी कोई दिक्कत नहीं है। कार्डिएक रिहैबिलिटेशन सेंटर जरूरी है। यह प्रदेश का पहला है। सेंटर का कार्य दो-तीन महीने में शुरू हो जाएगा। पांच-छह महीने में रोगी सुविधाएं शुरू कर दी जाएंगी।
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हृदय रोगी बढ़ रहे हैं, इसके साथ ही रोगियों का आयु वर्ग घट गया है। ऐसी स्थिति में कार्डिएक रिहैबिलिटेशन सेंटर की जरूरत बढ़ गई है। उसकी रोकथाम के लिए नई व्यवस्था जरूरी है। जेनेटिक अध्ययन से रोगी की स्वास्थ्य कुंडली बन जाएगी। यह भी पता किया जाएगा कि अगली पीढ़ी में रोग ग्रस्त होने का कितना अंदेशा है। बचाव के तरीके अपनाकर रोग से बचाव हो सकता है। – प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा, निदेशक एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट
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