Naradsamvad

ब्रेकिंग न्यूज़
गायत्री शक्तिपीठ द्वारा नगर पंचायत सुबेहा में निकाली गई भव्य कलश यात्रा बाराबंकी साइबर सेल में तैनात आरक्षी राजन यादव साइबर एक्सपर्ट द्वारा बताए गए साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपाय Lock put on Ghazi Miyan’s dargah in Prayagraj | प्रयागराज में गाजी मियां की दरगाह पर लगा ताला: हर रविवार लगने वाले रौजा मेले पर रोक, थाना अध्यक्ष बोले- आक्रांताओं की पूजा नहीं होगी – Phulpur (Prayagraj) News Parliament Security Breach; Neelam Azad Jail | Bhagat Singh Biography | संसद में सेंध, आरोपी बोले- कुछ गलत नहीं किया: पेशी पर आए पिता ने कहा- बेटे मनोरंजन के लिए रोटी और चटनी लाया Welcome to the new District President of BJP | भाजपा के नए जिलाध्यक्ष का स्वागत: गाजीपुर में ओमप्रकाश राय बोले- यह BJP के हर समर्पित कार्यकर्ता का सम्मान है – Ghazipur News Bihar CM Nitish Kumar Controversy; BJP JDU | National Anthem | आज का एक्सप्लेनर: किसी के भी पांव छू लेना, राष्ट्रगान के बीच हंसने लगना; क्या CM नीतीश वाकई बीमार, चुप क्यों है बीजेपी
[post-views]

कथित, जाहिल यूट्यूबर गिरा रहे हैं पत्रकारिता की साख!जिम्मेदारों को देना होगा ध्यान, तभी बचेगा कलमकारों का सम्मान

 

ब्यूरो रिपोर्ट नारद संवाद न्यूज बाराबंकी। इन दिनों सैकड़ों यूट्यूबर व स्वयं घोषित कथित पत्रकार सक्रिय हैं।जिनकी भाषा शैली अत्यन्त फूहड़ व अश्लीलता से भरी हुई होती है।वह बिन बुलाये सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक व प्रशासनिक कार्यक्रमों की वीडियो मांग कर खबर चलाने की महारत हासिल कर ली है।जिनकी खबरों में लेखनी का कोई मकसद ही नही रहता है।कम पढ़े लिखे लोग उनकी वीडियो को मनोरंजन की भांति कमेडियन के रूप में देखना पसंद करते हैं।वहीं कुछ तो नौकरी भी कर दिलाने का कार्य करते हैं और लोगों से धन की उगाही भी करते हैं।ऐसी खबरें आज कल सोशल मीडिया पर ज्यादा दिखाई दे रही है।जिन्हें पत्रकारिता की एबीसीडी कभी नहीं मालूम है वह खुद को पत्रकार बताते रहते है।अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितने शिक्षित पत्रकार हैं।इसके अलावा यूट्यूब पर फर्जी नाम का न्यूज चैनल बनाकर प्रेस आईडी कार्ड बेचने का धंधा भी शुरू कर दिया है।यूट्यूबरों द्वारा कई अनैतिक अवैध धंधा करने वाले अधिकांश लोगों को प्रेस आईडी कार्ड देकर पत्रकार बनाया जा चुका है।उक्त पत्रकार अपने वाहन पर मंडल प्रेस ब्यूरो चीफ व एमडी, प्रेस, पत्रकार लिखवाकर नियम, कानून, कायदे की धज्जियां उड़ा रहे है।इसके आलावा लोहा पीटने वाला, शौचालय में पानी मारने वाला, कपड़ा स्त्री करने वाला, सर्विस सेंटर व मोटरसाइकिल रिपेयरिंग करने वाला भी वर्तमान समय में कहीं न कहीं ऐसे पत्रकारों द्वारा दिए गए प्रेस आईडी के सहारे पत्रकारिता से जुड़ा हुआ महसूस करता है।कई बार समझ में नही आता है कि ऐसे लोगों को क्या कहा व माना जाय। ऐसे फर्जी पत्रकारों द्वारा पत्रकारिता का स्तर गिरने के कारण प्रतिष्ठित पत्रकारों को भी फर्जी केस में फंसाने के लिए तरह-तरह के ताने-बाने बुने जा रहे हैं।इसी के साथ इनकी एक गैंग है जिसमे कई किस्म के लुच्चे भी शामिल हैं जो प्रतिदिन वसूली का नया नया तरीका खोजकर लाते हैं फिर ब्लैकमेलिंग करते है और जितना भी पैसा आता है उसको चार भाग में बांट लेते है। है। यूं तो पत्रकारिता लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ माना जाता है। पत्रकार वही होता है, जिसके सवालों में दम और बेबाक लेखनी हो जो समाज को सच का आईना दिखा सके, लेकिन साहब यहां तो पत्रकार नही बल्कि ब्लैकमेलरों की संख्या ज्यादा नजर आती हैं। ऐसे कथित पत्रकार जिन्हें न पढ़ना आता, न बोलने का कोई सहूर है। न सवालों का कोई पता और न ही पत्रकारिता की सही मायने में कोई जानकारी है। सिर्फ ब्लैकमेलिंग और अवैध उगाही को पत्रकारिता समझते हैं। इनकी वजह से पत्रकारिता का वर्तमान में स्तर गिरता जा रहा है,और इनमें अकड़, एटीट्यूट बेशुमार दिखता है, जबकि अंदर न कोई ज्ञान होता है और न ही शिक्षा उनके पास होती है। ब्लैकमेलिंग करने वाले ऐसे ही कुछ पत्रकारिता का चोला ओढ़कर ही ब्लैकमेलर यदि आपके आये तो उनसे उनकी शैक्षिक योग्यता का सवाल जरूत कर लीजिए। ब्लैकमेलिंग को नीयत से आपके काम में दखल देने वाले ऐसे फर्जी लोग पत्रकार नहीं होते बल्कि कार्डधारक हो सकते हैं। उनसे डरने की बजाय बल्कि उन्हें मुहतोड़ जवाब देकर चलता करें यदि न मानें तो पुलिस को शिकायत कर उन्हें हवालात को रास्ता दिखाये। कुछ तो सूचना विभाग व पुलिस विभाग के ग्रुप से जुड़कर सिर्फ सूचना की खबरों को केवल कॉपी पेस्ट करने में ग्रुपों में माहिर हैं।एक विशेष प्रकार का ग्रुप है जो प्रशासन के आला अधिकारियों को अपनी जेब में लेकर घूमता है। जब देखो तब वह जमीन पर रहता नही है हमेशा उसका पैर आसमान में ही रहता है, खैर यह खबर किसी व्यक्ति विशेष पर आधारित नही है। यदि इस खबर खबर से किसी की कार्य शैली उजागर होती है तो मात्र संयोग माना जाये। फिलहाल जो डिप्लोमा धारक पत्रकार हैं उनके ऊपर सरकार को ध्यान देना चाहिए।जो फर्जी पत्रकार बने बैठे जो अपने वाहनों पर पत्रकार प्रेस लिखा देते हैं, लेकिन पत्रकारिता की परिभाषा उनको मालूम ही नहीं है। ऐसे में सरकार को सर्च अभियान चलाना चाहिए जिससे असली और नकली पत्रकार का पता चल सके। वहीं कुछ तथाकथित मान्यता प्राप्त पत्रकार अपने आप को बहुत बड़े पत्रकार समझते हैं उनका खबरों से कोई लेना-देना है नहीं दूसरे की कापी पेस्ट किया करते रहते हैं और तो और एक बार किसी तरह से रिनिवल कार्ड हो जाता है तो वह हमेशा के लिए मान्यता प्राप्त पत्रकार अपने आप को बोलते रहते हैं।प्रतिवर्ष कार्ड को रिनिवल भी नहीं कराते और खबरों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ झूठ का चोला पहन कर अपने आप को मान्यता प्राप्त पत्रकार बताते रहते हैं।

Loading

अन्य खबरे

गोल्ड एंड सिल्वर

Our Visitors

1464187
Total Visitors
error: Content is protected !!