स्थानीय सिविल लाइन चौकी पुलिस व लेखपाल की कारगुजारी से परेशान पीड़ित जायेगा मुख्यमंत्री दरबार
कृष्ण कुमार शुक्ल नारद संवाद न्यूज
बाराबंकी।शहर के पुलिस लाइन चैराहा पर बने मंदिर की जमीन पर लगे पीपल के पेड़ को काटने व मंदिर के अन्दर से रास्ता निकालने को लेकर मंदिर के प्रबंधक ने जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार व पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर अवैध कब्जे को ढहाये जाने की मांग किया है।
प्राप्त विवरण के अनुसार मंदिर के प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस लाइन चैराहा, स्टेशन रोड स्थित श्री जंगलेश्वर शिव हनुमान मंदिर की मैं देखरेख लगभग 15 वर्षो से करता चला आ रहा है, मंदिर पर प्रत्येक शनिवार को सुन्दर काण्ड पाठ का आयोजन भी होता है, तथा कई धार्मिक अनुष्ठान व कार्यक्रम होते है, विगत माह अयोध्या धाम स्थित श्रीराम जन्मभूमि के गर्भगृह में ‘‘श्री रामलला विराजमान’’ होने के पावन अवसर में मंदिर में कलश यात्रा व श्रीराम चरित मानस अखण्ड पाठ तथा हवन प्रसाद वितरण व दीपोत्सव का आयोजन किया गया था। मंदिर परिसर में 1 काफी पुराना पीपल का पेड़ लगा हुआ है, जबकि पूर्व में 1 जामुन, 2 शहतूत, 2 बेल, 1 चंदन का पेड़ लगा था जिसको विपक्षीजन अरविन्द्र उर्फ टिंकू, रवि प्रकाश उर्फ लकी, संजय, जमुना प्रसाद, संतोष कुमारी, ऊषा देवी, मुन्ना, हिमांशु व मेडिकल स्टोर संचालक मनोज जो पड़ोस में रहते हैं। मंदिर की तरफ जबरदस्ती रास्ता खोलकर भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं। विपक्षीजन काफी पैसे वाले हैं इस कारण चैकी इंचार्ज व लेखपाल से मिलकर 1 बेल व 1 चंदन तथा 2 शहतूत के पेड़ कटवा दिया हैं, अब प्रशासन के कुछ अधिकारियों से मिलकर मंदिर परिसर में बाकी बचे पेड़ पीपल, नीम, जामुन के पेड़ कटवाने की फिराक में हैं। ताकि मंदिर परिसर की तरफ कब्जा करने की मंशा से दुकान का शटर व छज्जा निकालने के लिए 3 फिट सरिया निकाला है। मना करने पर विपक्षीजन धमकी दे रहे हैं कि हमने सबको खरीद लिया है, मेरा कुछ नहीं कर पाऊंगे बचे पेड़ की कटवा दूंगा और दुकान का शटर भी इधर रखूंगा छज्जा भी निकलवा लूंगा, मेरा कुछ नहीं कर पाओगे। विपक्षीजन अवैध निर्माण करवा रहे हैं और जल्द से जल्द छत ढालने की फिराक में हैं जिसके लिए सटरिंग लगा लिया है और मैटेरियल इकट्ठा कर लिया और चोरी चुपके कार्य करवाना चाहते है। अवैध निर्माण को रोकवाते हुए किये गये अवैध निर्माण को ढहाया के लिए पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है। अब देखना है कि क्या जिला प्रशासन इस प्रकरण में कोई कार्यवाही करेगा या पीड़ित मुख्यमंत्री के दरबार में जाने के लिए मजबूर होगा। यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।