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सिस्टम की मार -बाबा भी अड़ गए आर पार-फैसला पर डिगी निगाहें -बाबा ने खोद डाली अपनी समाधि

भावनियापुर मठ पर प्रसाशन नतमस्तक-बाबा भी अड़िग-निगरानी में पुलिस तैनात

प्रशासन का सिस्टम फेल-श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के मठ के साथ बड़ा खेल-शाशन को अनहोनी की चिंता

प्रशासन की सफाई-बाबा ने फिर समाधि तैयार कराई

राघवेन्द्र मिश्रा-नारद संवाद न्यूज़ एजेंसी

बाराबंकी। बाराबंकी के भवनियापुर स्थित मठ का मामला आये दिन तूल पकड़ता चला जा रहा है सितम्बर की तारीख नजदीक आ रही है ठीक वैसे वैसे प्रशासन भी अपनी निगरानी बढ़ाता जा रहा है यहाँ पर दिन में दो सिपाही और रात में दो कांस्टेबल की ड्यूटी भी लगाई जा रही है बाबा की निगरानी कई आंखों से की जा रही है। लगभग चौदह वर्षों से चले आ रहे मठ के मुकदमे में अभी तक न्यायालय से कोई फैसला नही आया है लेकिन इस वार बाबा मुकुंद पुरी ने जिंदा समाधि लेने का बड़ा ऐलान किया है जिससे साशन और प्रशासन के हांथ पांव फुले पड़े हैं। थाना पति मुकुंद पुरी के मुताबिक अब इस मठ की लड़ाई का फैसला जिंदा समाधि लेंने के बाद ही होगा लगातार चौदह बर्षों से चला आ रहा है वाद अभी भी न्यायालय में बंचित है प्रशासन सम्बंधित अधिकारी बाबा को मनाने में लगे हैं इधर बाबा मुकुंद पुरी भी अपने पूरे जूना अखाड़े के साथ अपनी बात पर अड़े हैं कि अगर अगस्त माह की अंतिम तारीख तक कोई फैसला नही आता है तो जिंदा समाधि लेने के लिए तैयार हूँ। मीडिया में लगातार खबरें चल रही है प्रशासन भी अपनी सफाई दे रहा है लेकिन भाजपा की जीरो टालरेंस वाली सरकार में पिछले बीस बर्षों की लड़ाई में अभी तक मठ को न्याय नही मिला है। जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि इस मठ से जुड़ी कई शाखाएं बाराबंकी में सनातनी रूप में संचालित है लेकिन फिर भी मुकुंद पुरी को न्याय न मिलना सरकार को कटघरे में खड़ा करती है। सनातन को बढ़ावा देने वाली बीजेपी की सरकार में उनके आलाधिकारी मामले को अभी तक बंचित करते आये हैं जिससे जनता सहित बाबा मुकुंद पुरी के मठ को अभी तक न्याय नही मिला है ज्ञात हो थाना पति मुकुंद पुरी ने दिसम्बर 2022 माह में न्याय न होने पर जिंदा समाधि लेने की औपचारिक घोषणा की थी जिसके बाद प्रशासन द्वारा महंत मुकुंद पुरी को जनवरी माह में मामले का निस्तारण कर न्याय का भरोसा दिलाया था और महंत मुकुंद पुरी का जिंदा समाधि लेने वाला संकल्प तुड़वा दिया था जनवरी से लेकर अगस्त तक का इंतज़ार करने के बाद महंत मुकुंद पूरी ने एक बार फिर जिंदा समाधि लेने का संकल्प कर लिया है। उपजिलाधिकारी राम आसरे वर्मा सहित तहसीलदार राहुल सिंह सहित पुलिस क्षेत्राधिकारी जटाशंकर सिंह ने बाबा को मनाने के लिए इस बार कई कदम उठाए लेकिन बाबा ने अपना संकल्प बापस नही लिया। पुलिस के जाबांज सिपाही आज कल बाबा की निगरानी करने में लगे हैं उधर प्रशासन अभी भी मामले को ठंडे बस्ते में डालकर बाबा का संकल्प तुड़वाने में लगा है और मामले को लंबित कर उचित न्याय का भरोसा देते हुए समय की मांग की जा रही है। महंत मुकुंद पूरी ने अपनी समाधि पूर्ण रूप से खोदकर तैयार कर चुके हैं बाबा के अनुसार समाधि में केवल सजावट का कार्य बचा है। सरकार सनातन प्रेमियों को न्याय के लिए क्यो भटका रही है इस पर जनता बार बार सवाल कर रही है कहाँ गए राम राज्य में जनता को न्याय दिलाने वाले नेता और अधिकारी, क्या मठ को न्याय मिलेगा या नही ये तो बाद कि बात है लेकिन बाबा 1 सितम्बर को ज़िंदा समाधि लेने के लिए तैयार हैं। फिलहाल माहौल इतना गर्म है कि महंत मुकुंद पूरी के समर्थन में भाकियू के तमाम नेता सहित श्री राम सेवा समिति के पदाधिकारियों ने भी बाबा को अपना समर्थन देते हुए मनोबल बढ़ाया है।

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