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योगी सरकार में कराहता किसान खुशहाल माफिया प्रशासन के सरंक्षण में हो हुई अरबों की फर्जी धान खरीद

रिपोर्ट-अनुराग राजू मिश्रा शाहजहांपुर

लखनऊ निवासी अजय श्रीवास्तव और सचिन डीएस का सहकारी संघ के सभी सेंटरो पर कब्जा

शाहजहांपुर।सहकारिता विभाग में ईमानदार मंत्री की नियुक्ति होने के बाबजूद उनके ही गृह जनपद में वास्तविक किसान को अपना धान औने पौने दामों में राइस मिल या आढ़त पर बेचना पड़ा।और धान माफियाओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर चकबंदी वाले गांवों से फर्जी खतौनी तैयार करके अरबों का घोटाला कर डाला ।
यहां पर बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में संघ के समर्पित ईमानदार कार्यकर्ता जे पी एस राठौर को ईमानदार होने की वजह से सहकारिता विभाग में स्वतंत्र प्रभार से राज्यमंत्री बनाया गया।
उनके गृह जनपद में जिला सहकारी बैंक में उनके भाई डीपीएस राठौर चैयरमैन है इसके बाबजूद जनपद में धान खरीद में अरबों रुपए का घोटाला किया गया जोकि सोचनीय विषय है।
पहले धान खरीद में बटाईदार का पंजीकरण करवाकर घोटाला किया जाता है लेकिन सरकार ने धान खरीद को पारदर्शी बनाने के लिए इस बार बटाईदार का पंजीकरण प्रतिबंधित कर दिया इसके बाद धान माफियाओं ने तहसील प्रशासन से सांठ गांठ करके गांव के अन्य किसानों की जमीनों के खतौनी खाता संख्या का प्रयोग करके हजारों की संख्या में फर्जी खतौनिया तैयार करके फर्जी धान खरीद की गई अधिकारी सब कुछ जानते हुए मौन साधे बैठे है।

भ्रष्टाचार यहाँ से लेकर सूबे तक फैला हुआ है लखनऊ के रहने बाले अजय श्रीवास्तव जो की ट्रांसपोर्ट का कार्य करते हैं उसका पूरे जनपद के सेंटरो पर 50 से 60 प्रतिशत हिस्सेदारी रहती है पूरे जनपद में अधिकतर अजय श्रीवास्तव का ही कब्जा है इनके सहयोगी सचिन डीएस का यूपीएसएस और यूपी सीयू के सेंटरो पर कब्जा है सचिन डीएस लखनऊ के इंदिरानगर कालोनी में अनुपम अरोड़ा के मकान में किराये पर रहते हैं वहीं गली में पंचर जोड़ने बाले के लड़के मनीष को सचिन डीएस ने सिंधौली में दो सेंटर सौंप रखे हैं जहाँ पर मनीष और सचिन ने मिलकर किसानों का शोषण किया और धान खरीद सिर्फ कागजों में कर रहे हैं हैंडलिंग का ठेका निजाम रोड लाइन्स और परिवहन का ठेका अमन कांट्रेक्टर का है इन लोगों ने भी भाड़े के लोगों को अपना कार्य सौंप रखा है जिनसे मोटी कमीशन पहले ही ले ली जाती है दूसरा हैंडलिंग का ठेका नितिन रघुबंशी के पास और परिवहन का ठेका संजीव गुप्ता कांट के पास है यह सभी नेताओं से मिलकर किसानों का शोषण करते हैं।
धान खरीद में भ्रस्टाचार के तार जनपद से लेकर लखनऊ तक जुड़े हुए हैं जिससे साफ है की धान खरीद में कितना बड़ा घोटाला किया जा रहा है।

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