Naradsamvad

ब्रेकिंग न्यूज़
जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा अनुशासन, एकाग्रता और लक्ष्य प्राप्ति के लिए जिज्ञासा का होना आवश्यक : जिला जज डीएम एसपी ने थाना समाधान दिवस में जनता की सुनी समस्या बाराबंकी में पेट्रोल पंप पर ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ चलाया गया अभियान, दर्जनो बाइक-स्कूटी वाहनो के कटे चालान प्रयागराज न्यूज़: महाकुंभ में कल्पवास कर गंगा स्नान करने आएगी एपल फोन के जनक स्टीब्स की पत्नी… Chandauli police arrested one person with Chinese Manjha | चंदौली पुलिस ने चायनीज मांझा के साथ एक को दबोचा: दो गत्तों से 130 लच्छी चायनिज मांझा बरामद – Chandauli News The prince of Jaunpur built the statue of Ram Mandir | जौनपुर के राजकुमार ने बनाया राम मंदिर का स्टेच्यू: महाकुंभ को लेकर अखाड़ा समिति को भेंट किया, 6 फीट की है ऊंचाई – Jaunpur News
[post-views]

प्रयागराज में महाकुंभ की अनौपचारिक शुरुआत, जूना और किन्नर अखाड़ों का शाही अंदाज में नगर प्रवेश


Prayagraj News Today: प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ के लिए अखाड़ों के साधू- संतों का आगमन शुरू हो गया है. औपचारिक तौर पर आज यानी रविवार (3 नवंबर) को सबसे पहले सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना और उससे संबद्ध किन्नर अखाड़े के संतों ने ढोल नगाड़ों और बैंड बाजों के बीच शाही अंदाज में नगर प्रवेश किया. 

साधू- संतों का शाही जुलूस करीब डेढ़ किलोमीटर लम्बा था और इसमें रथों पर रखे चांदी के हौदों पर सवार महामंडलेश्वर और दूसरे संत आकर्षण का केंद्र रहे. जूना और किन्नर अखाड़े के संतो ने शाही अंदाज में जब घोड़ों और रथों पर सवार होकर शहर में प्रवेश किया तो फूलों की बारिश कर उनका स्वागत किया गया. 

महाकुंभ अनौपचारिक शुरूआत
अखाड़ों के संतों के नगर प्रवेश के साथ ही आज से प्रयागराज कुंभ की अनौपचारिक शुरुआत हो गई है. जुलूस में सबसे आगे घोड़ों पर सवार ढोल पीटकर लोगों को अपने आगमन का संदेश देते नागा सन्यासी थे तो उनके पीछे जूना अखाड़े के आराध्य भगवान दत्तात्रेय की स्थापित मूर्ति थी. 

अखाड़े की धर्म ध्वजा भी इस शाही जुलूस में शान से लहरा रही थी. शाही जुलूस में सबके आकर्षण का केंद्र किन्नर अखाड़े के संत रहे. किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण और महामंडलेश्वर साध्वी कौशल्यानंद गिरि का दर्शन करने उनका आशीर्वाद पाने के लिए लोगों में जबरदस्त उत्सुकता दिखाई दी. 

साधु संतों का शहर में भव्य प्रवेश 
करीब ढाई हजार साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए जूना अखाड़े के सन्यासियों के कुम्भ मेला आगमन को शाही अंदाज देने के लिए देश के कई हिस्सों से बैंड पार्टियां बुलाई गई थीं. इसमें तमाम संत घोड़ों पर जयकारे लगाते हुए सवार थे तो महामंडलेश्वर और दूसरे संत रथों पर रखे चांदी के हौदों पर सवार थे. 

जूना अखाड़े के रमता पंच, दोनों अखाड़ों के संत और साथ आए करीब एक हजार साधू- संत अब संगम क्षेत्र में ही रूक कर अखाड़े के लिए मेले का इंतजाम करेंगे. अखाड़े के यही लोग धर्म ध्वजा स्थापित करने और अखाड़े की पेशवाई की भी व्यवस्था करेंगे. जूना और किन्नर अखाड़े के इन साधुओं का शाही प्रवेश देखने के लिए शहर में जगह- जगह लोगों की भारी भीड़ मौजूद थी. 

14 दिसंबर को होगी इनकी पेशवाई
कोई नमन कर तो कोई फूल चढ़ाकर अखाड़े के इन सन्यासियों का दर्शन करते हुए इनका आशीर्वाद ले रहा था. महाकुंभ क्षेत्र में जूना और किन्नर अखाड़े की पेशवाई 14 दिसंबर को होगी. जूना अखाड़े का यह शाही जुलूस गंगापार के रहिमापुर इलाके से शुरू होकर मेला क्षेत्र होता हुआ मौजगिरी मंदिर तक गया. 

नगर प्रवेश करने वाले संत शहर के अलग-अलग आश्रमों में रुकेंगे. महाकुंभ मेले इनके लिए यमुना किनारे मौजगिरि घाट पर अलग से टेंट सिटी बसाई गई है. इस मौके पर नगर में प्रवेश के वक्त सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

ये भी पढ़ें: CM योगी को किसने दी बाबा सिद्दीकी की तरह जान से मारने की धमकी, जानिए कौन है फातिमा



Source link

अन्य खबरे

गोल्ड एंड सिल्वर

Our Visitors

1029416
Total Visitors
error: Content is protected !!