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गोप ने सात दिवसीय स्वदेशी खादी स्टाल का फीता काटकर किया उद्घाटन

 

रिपोर्ट/सतीश कुमार नारद संवाद

बाराबंकी। आज दुनिया महात्मा गांधी के विचारों को एक विकल्प के रूप में देख रही है। जी-20 सम्मेलन में भारत आए विश्व के शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्षों ने महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचकर उन्हें नमन किया, उससे उन्होंने विश्व को अहिंसा की ताकत का एहसास कराया। उन्होंने यह साबित किया कि आज भी गांधी को भारत की परिधि से बाहर स्वीकार किया जाता है। गांधी को समझना है तो हमें उनके विचार सिर्फ पढ़ना नही बल्कि जीवन में उतारना होगा। यह कहना है उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप नगर के गांधी भवन स्थित सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयन्ती पर आयोजित अमृत महात्मा गांधी सप्ताह के शुभारंभ पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। 

इससे पहले श्री गोप ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर मार्ल्यापण करते हुए बापू को नमन किया। तदोपरान्त गांधी भवन में लगी सात दिवसीय स्वदेशी खादी स्टाल का फीता काटकर उद्घाटन किया। रविवार को गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा महात्मा गांधी की 154वीं जयन्ती वर्ष पर आयोजित किये जा रहे साप्ताहिक कार्यक्रमों की श्रंखला का शुभारंभ किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी मो उमैर किदवई कर रहे थे। इस मौके पर पूर्व मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने हिन्दी और उर्दू के 40 पत्रकारों को खादी का अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सामाजिक सहभागिता सम्मान से सम्मानित किया। जिनमें वरिष्ठ पत्रकार हशमत उल्लाह, तारिक खान, सतीश श्रीवास्तव, आनन्द त्रिपाठभ्, श्रृतिमान शुक्ला, कृष्ण कुमार द्विवेदी, संजय वर्मा, संतोष शुक्ला, सुमंगल दीप त्रिवेदी आदि कई पत्रकार सम्मानित हुए। 

गांधीवादी चिन्तक एवं कार्यक्रम के संयोजक राजनाथ शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी सत्य के बाद मानवता के हामी थे। उनकी मानवता दया एवं परोपकार पर आधारित थी। गांधी कल भी प्रासंगिक थे, आज भी है और कल भी रहेगें। अध्यक्षीय उद्बोधन में समाजसेवी मो उमैर किदवई ने कहा कि आज विदेशों में गांधी के प्रति लोगों की निष्ठा बढ़ी है। किन्तु इस बात पर दुखः जताया कि भारत में लोग गांधी को भूलते से जा रहे हैं। नयी पीढी के बच्चे गांधी के विचारों को उन अर्थों में नही समझ पा रहे है जिन अर्थों में जुड़ना चाहिये। यह दायित्व है कि हम गांधी के विचार नयी पीढ़ी तक पहुँचायें। 

अतिथियों का स्वागत और संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व विधायक सरवर अली, पूर्व विधायक रामगोपाल रावत, प्रख्यात शायर डॉ अंजुम बाराबंकवी, वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी कासिफ, जिला सहकारी विकास संघ के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला, जिला पंचायत सदस्य लवली रावत, साझी विरासत के संयोजक परवेज अहमद, हुमायूं नईम खान, वेद रावत, मृत्युंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, फरहत उल्लाह किदवई, अनवर मबहूब किदवई, वीरेन्द्र मौर्य, हसमत अली गुड्डू, अशोक शुक्ला, भरतलाल सिंह, नीरज दूबे, सत्यवान वर्मा, मनीष सिंह, तौफीक अहमद, सरदार आलोक सिंह आदि कई लोग मौजूद रहे। 

विषेष:- 02 अक्टूबर को सुबह 9 बजे गांधी भवन में गांधी भजन से कार्यक्रम की शुरूआत होगी। तदोपरान्त झण्डारोहण, चरखा कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसके मुख्य अतिथि पूर्व आईजी राजेश कुमार पाण्डेय होंगे। इसके बाद गांधी दर्शन पर व्याख्यानमाला आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम संयोजक राजनाथ शर्मा ने बताया कि सायंकाल 5ः00 बजे गांधी भवन में गांधी जीवन दर्शन, मद्य निषेध, कौमी एकता एवं स्वदेशी स्वावलम्बन पर परिचर्चा के बाद समाज की लब्ध प्रतिष्ठ शख्सियतों को सामाजिक सहभागिता सम्मान दिया जाएगा। तदोपरान्त 45वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित होगा। जिसके संयोजक प्रख्यात शायर डॉ अंजुम बाराबंकवी होंगे। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद संजय सिंह होंगे।

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