पुष्पेंद्र कुमार तिवारी | बलिया27 मिनट पहले
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हमले में चाचा-भतीजे की हुई मौत।
बलिया में बुधवार शाम दो परिवारों के बीच जमीनी विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव में हुए इस हमले में चाचा-भतीजे की हत्या कर दी गई, जबकि एक महिला समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
घटना बुधवार देर शाम करीब 7:30 से 8:00 बजे के बीच सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के भवानी मंदिर के पास की है। मोतीचंद्र यादव (60) अपने घर पर थे, तभी पड़ोसी पट्टीदार रामजीत यादव के परिवार के लोग लाठी-डंडा, कुदाल, फावड़ा और कुल्हाड़ी लेकर पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। जब तक कोई कुछ समझ पाता, हमलावरों ने हमला बोल दिया।
परिवार के लोगों पर ताबड़तोड़ वार किए गए, जिसमें मोतीचंद्र, उनके चचेरे भाई अनिल (42), भतीजा पंकज (24) और गीता (55) गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं अनिल की पत्नी चंद्रकला, बेटी संजना (13) और बेटे शुभम (10) को भी चोटें आईं।
घायलों को आनन-फानन में सीएचसी सिकंदरपुर ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने अनिल और पंकज को मृत घोषित कर दिया, जबकि मोतीचंद्र और गीता मऊ के प्रकाश हॉस्पिटल में इलाज जारी है।
पहले देखें घटना से जुड़ी तस्वीरें…
अनिल यादव (फाइल फोटो)।
पंकज यादव (फाइल फोटो)।
इसी जमीन को लेकर था विवाद।
घटना बाद मौके पर पहुंची पुलिस।
घटना बाद मौके पर पहुंची पुलिस।
इसी घर के सामने अलाव ताप रहे थे अनिल और पंकज।
अब विस्तार से जानते हैं पूरा मामला…
मोती चंद्र यादव और उनके पड़ोसी रामजीत यादव के परिवारों के बीच जमीन को लेकर पिछले करीब 25 वर्षों से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों के बीच पहले भी कई बार मारपीट हो चुकी है। बुधवार शाम अनिल और उसका भतीजा पंकज घर के सामने एक दूसरे मकान के बाहर अलाव ताप रहे थे। पत्नी और बेटियां घर खाना बना रही थीं। इसी दौरान रामजीत यादव के परिवार के करीब 10 लोग लाठी-डंडा और धारदार हथियार लेकर पहुंचे और परिवार पर हमला बोल दिया।
अनिल का बेटा शिवम।
विकलांग दादा को भी नहीं बख्शा
हमलावरों ने पंकज के चचेरे दादा मोती को भी बुरी तरह पीटा। मोती चलने-फिरने में असमर्थ हैं और अविवाहित हैं। इसके अलावा अनिल के मासूम बेटे-बेटियों पर भी डंडे बरसाए। हमला करने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।
1995 से कोर्ट में मामला, लिखित आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं
मृतक पंकज के मौसेरे भाई ऋषिकेश यादव ने बताया कि रामजीत यादव ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। यह मामला 1995 से ही कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट की ओर से जमीन को कब्जामुक्त कराने का लिखित आदेश प्रशासन को जारी किया गया था, पर एसडीएम और पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अनिल की बेटी संजना।
एक माह पूर्व भी हुई थी मारपीट
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक महीने पूर्व दोनों परिवारों में मारपीट हुई थी। जिसमें दोनों पक्षों से 4-4 लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए दोनों पक्षों से कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया था और कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। इसके बाद आरोपियों को छोड़ दिया गया था। इसी बात को लेकर रामजीत यादव के परिवार के लोग बदला लेने की फिराक में थे।
अनिल की पत्नी गीता।
इलाहाबाद में पढ़ते हैं पंकज के जुड़वा भाई, पिता सीआरपीएफ में
पंकज यादव के दो छोटे जुड़वा भाई प्रवीण और पीयूष इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई करते हैं। तीन बहने साथ में रहती हैं। घटना के वक्त दोनों भाई इलाहाबाद में थे। वहीं पंकज के पिता सीआरपीएफ में दिल्ली में तैनात हैं। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, पंकज के पिता कुछ दिन पूर्व घर आए थे, पर विवाद के चलते छुट्टी खत्म होने से पहले ही वापस चले गए।
एसपी बोले- दोनों घरों से सीसीटीवी के डीवीआर जब्त
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ओमवीर सिंह फोरेंसिक टीम समेत मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य इकट्टा किए। एसपी ने कहा कि अब तक परिजनों से तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। दोनों घरों में सीसीटीवी लगे मिले हैं। डीवीआर जब्त कर लिए गए हैं। हमलावरों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा मामले में ढिलाई बरतने की भी जांच हो रही है। अगर कोई दोषी मिला तो कार्रवाई होगी। हमलावरों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल आरोपी फरार हैं। गांव में फोर्स तैनात की गई है।