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China BYD Success Story; Hyderabad EV Plant | Market Cap | मेगा एंपायर- भाई से उधार लेकर शुरू की BYD: अब टेस्ला को पछाड़ने की तैयारी; भारत में हर साल बनाएगी 6 लाख इलेक्ट्रिक कार Crowds gathered in temples on Ramnavami of Chaitra Navratri | चैत्र नवरात्रि की रामनवमी पर मंदिरों में उमड़ी भीड़: संतकबीरनगर में श्रद्धालुओं ने किया हवन-पूजन, कन्या पूजन कर लिया आशीर्वाद – Sant Kabir Nagar News शून्य से शिखर तक: एक रंगकर्मी की अमर यात्रा  फ़र्ज़ी दस्ताबेज बनाकर कराया फ़र्ज़ी बैनामा-बिहारी पुत्र सर्वजीत के दास्ताबेज बनाने वालों पर भी नही हुई कोई कार्यवाही पहले फ्रॉड फिर समझौता का दबाव और उसके बाद बैनामा कैंसिलेशन की याचिका दायर LSG Owner Sanjiv Goenka Controversy; Rishabh Pant KL Rahul | MS Dhoni | स्पॉटलाइट- राहुल के बाद अब पंत को ‘फटकारते’ दिखे गोयनका: खराब प्रदर्शन पर भड़के, धोनी को भी कप्तानी से हटाया था; फैंस ने बताया सही
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China BYD Success Story; Hyderabad EV Plant | Market Cap | मेगा एंपायर- भाई से उधार लेकर शुरू की BYD: अब टेस्ला को पछाड़ने की तैयारी; भारत में हर साल बनाएगी 6 लाख इलेक्ट्रिक कार


चीन की कंपनी BYD (Build Your Dreams) इंडियन मार्केट में अपनी इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने जा रही है। साथ ही कंपनी हैदराबाद में अपना EV प्लांट भी लगाएगी। BYD की ये कार टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार को टक्कर देगी। कंपनी ने इस कार को सुपर ई-प्लेटफॉर्म नाम दिया

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ये कार 5 मिनट चार्ज होने पर 400 KM तक चलेगी। रिचार्जेबल बैटरियों का प्रोडक्शन करने वाली कंपनी BYD ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक कार के लिए दुनियाभर में मशहूर है। उधार लेकर शुरू हुई कंपनी का रेवेन्यू आज 7.9 लाख करोड़ रुपए है।

मेगा एंपायर में आज कहानी चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी BYD की

BYD की शुरुआत साल 1995 में चीन के शेन्जेन शहर में हुई थी। चीन के इंजीनियर और एंटरप्रेन्योर वांग चुआनफु ने कंपनी की नींव रखी थी। शुरुआत में यह कंपनी रिचार्जेबल बैटरियां बनाती थी। खासतौर पर मोबाइल फोन और कैमरे के लिए।

वांग का जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। इन्होंने मिडिल स्कूल के दौरान ही अपने माता-पिता को खो दिया। वांग ने केमिकल इंजीनियरिंग के बाद बीजिंग नॉनफेरस मेटल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट से मास्टर्स किया।

वांग चुआनफु जिन्होंने BYD कंपनी की नींव रखी थी। रिचार्जेबल बैटरी बनाने से शुरू की थी कंपनी।

वांग चुआनफु जिन्होंने BYD कंपनी की नींव रखी थी। रिचार्जेबल बैटरी बनाने से शुरू की थी कंपनी।

1990 की बात है। चीन में बैटरियों की भारी डिमांड थी, खासकर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए। जापान और कोरिया की बैटरी कंपनियां चीन को महंगी बैटरियां बेच रही थीं। वांग को लगा कि अगर चीन में सस्ती और अच्छी बैटरियां बनाई जाएं, तो देश में टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री को जबरदस्त बढ़ावा मिल सकता है।

वांग, बैटरियों और एनर्जी स्टोरेज की तकनीक में एक्सपर्ट थे। वांग ने अपनी कंपनी बनाने के बारे में सोचा, लेकिन उनके पास फंड नहीं था। वांग ने अपनी सेविंग्स के अलावा चचेरे भाई से करीब 3.52 लाख डॉलर यानी 3.01 करोड़ रुपए उधार लिए।

चीन सरकार टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को बढ़ावा दे रही थी। BYD को भी सरकारी स्कीमों और सब्सिडी से फायदा मिला।

साल 1995 में 20 लोगों की छोटी टीम के साथ कंपनी शुरू हुई। कंपनी के नाम पर बात करते हुए एक इंटरव्यू में वांग बताते हैं कि शुरू में यह नाम केवल तीन चीनी अक्षरों बी या दी था, बाद में इसे मोटिवेशनल अर्थ के साथ जोड़ा गया। यानी Build Your Dreams अपने सपने बनाओ।

साल 2000 में BYD ने Motorola को बैटरियां सप्लाई करने के बारे में सोचा। वांग की इंग्लिश अच्छी नहीं थी, लेकिन मोटोरोला के अधिकारियों से उन्हें इंग्लिश में ही बात करनी पड़ती थी। ये डील वांग के लिए काफी मुश्किल थी, लेकिन उस वक्त मार्केट में मोटोरोला के मोबाइल का दबदबा था। वांग किसी भी कीमत पर ये डील करना चाहते थे।

BYD कंपनी Motorola की बैटरियां बनाने का काम करने लगी। इससे कंपनी के प्रॉफिट में तेजी आई।

BYD कंपनी Motorola की बैटरियां बनाने का काम करने लगी। इससे कंपनी के प्रॉफिट में तेजी आई।

वो लगातार कोशिश करते रहे। आखिरकार, कीमत कम होने की वजह से मोटोरोला ने BYD बैटरियों को टेस्ट करने का फैसला किया और कंपनी के साथ एक बड़ी डील की। इसके बाद BYD की ग्रोथ तेज हो गई।

साल 2003 में BYD ने ऑटो सेक्टर में कदम रखा। इसने चीन की एक छोटी कार कंपनी ‘Qinchuan Automobile’ को खरीदा और फिर अपने खुद के नाम से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कार बनानी शुरू की।

साल 2005 में BYD ने BYD F3 नाम से पहली कार लॉन्च की। ये कार चीन में काफी पॉपुलर हुई और इसकी वजह से ऑटो सेक्टर BYD को पहचान मिली।

इसके बाद कंपनी ने पेट्रोल गाड़ियों के साथ-साथ प्लग-इन हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू किया। साल 2008 में BYD ने दुनिया की पहली प्लग-इन हाइब्रिड कार BYD F3DM लॉन्च की। ये उस समय एक क्रांतिकारी कदम था जब बाकी कंपनियां अभी EVs पर सोच ही रही थीं।

टेस्ला को टक्कर देगी BYD की नई इलेक्ट्रिक कार। अब इंडिया में EV प्लांट लगाने की योजना बना रही है।

टेस्ला को टक्कर देगी BYD की नई इलेक्ट्रिक कार। अब इंडिया में EV प्लांट लगाने की योजना बना रही है।

साल 2008 में दुनियाभर में बड़े-बड़े बिजनेस में इन्वेस्ट करने वाली कंपनी Berkshire Hathaway ने BYD में इन्वेस्ट करने का फैसला किया। दरअसल, वॉरेन बफे की कंपनी Berkshire Hathaway के एक निवेश सलाहकार डेविड सोकोल चीन गए थे। उन्होंने BYD के संस्थापक वांग चुआनफु से मुलाकात की।

वांग के विजन और EV टेक्नोलॉजी से सोकोल इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने बफे को कहा, वांग ‘थॉमस एडिसन, जैक वेल्च और बिल गेट्स का कॉम्बिनेशन है। हमें इसकी कंपनी में इन्वेस्ट करना चाहिए।’

तब बर्कशायर हैथवे ने BYD की 20% हिस्सेदारी खरीदी। इसके लिए उन्होंने BYD को 1 हजार 968 करोड़ रुपए यानी 230 मिलियन डॉलर दिए। BYD के लिए यह एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

कुछ ही सालों में BYD के शेयर 10 गुना तक बढ़ गए। इसके बाद 2009 में BYD ने पहली इलेक्ट्रिक कार e6 लॉन्च की और ​16 सालों में BYD एक ग्लोबल ब्रांड बन गया।

वांग का मानना था कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का भविष्य, बैटरी टेक्नोलॉजी पर निर्भर होगा। उन्होंने कहा था- अगर आप बैटरी टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कर लेते हैं, तो आप EV इंडस्ट्री में अपनी जगह बना सकते हैं।

एक रिसर्च कंपनी रोडियम ग्रुप के मुताबिक साल 2015 से 2020 के बीच BYD को सरकार से 36 हजार 800 करोड़ रुपए यानी 4.3 बिलियन डॉलर का सहयोग मिला।

साल 2020 में BYD ने ब्लेड बैटरी लॉन्च की

यह बैटरी अपनी सेफ्टी, लास्टिंग और इफेक्टिव कॉस्ट के लिए मशहूर है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में कंपनी की अलग पहचान बनी। ये बैटरी टेस्ला सहित दूसरी कार बनाने वाली कंपनी भी यूज कर रही है।

यह खासतौर पर लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) बैटरी है। उस समय बाकी कंपनियां इसे कम एनर्जी स्टोरेज होने की वजह से इस्तेमाल नहीं करती थीं, लेकिन BYD ने इस टेक्नोलॉजी में सुधार किया।

BYD ने 2020 में ब्लेड बैटरी लॉन्च की, जिससे कंपनी को अलग पहचान मिली।

BYD ने 2020 में ब्लेड बैटरी लॉन्च की, जिससे कंपनी को अलग पहचान मिली।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इन सुधारों के बाद ये बैटरियां लंबी दूरी की गाड़ियों के लिए भी उपयुक्त हो गईं। इसी साल BYD की कारों की बिक्री में तेजी आई और 2020 में कंपनी ने 1 लाख 30 हजार इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेचीं।

कोविड के दौरान BYD ने बनाए मास्क N95

कोविड-19 के दौरान दुनिया में मास्क की कमी हो रही थी, उस समय वांग ने अपने प्रोडक्शन प्लांट का इस्तेमाल मास्क बनाने के लिए किया। कंपनी ने सिर्फ 3 दिनों में मास्क बनाने की प्लानिंग कर ली। 7 दिनों के भीतर मशीनें तैयार हुईं और 10 दिनों के अंदर पहला ऑर्डर तैयार कर लिया गया।

मजह 24 दिनों में BYD ने दुनिया का सबसे बड़ा मास्क प्लांट बनाकर मास्क बनाना शुरू किया। कंपनी ने प्रतिदिन लगभग 10 करोड़ N95 मास्क बनाया। कुछ ही हफ्तों में BYD दुनिया की सबसे बड़ी मास्क बनाने वाली कंपनी बन गई।

वांग चुआनफु ने कोविड-19 महामारी के दौर में मास्क बनाने का फैसला लिया। BYD के मास्क अलग-अलग देशों में जाने लगा।

वांग चुआनफु ने कोविड-19 महामारी के दौर में मास्क बनाने का फैसला लिया। BYD के मास्क अलग-अलग देशों में जाने लगा।

कंपनी को जापान की सॉफ्टबैंक ग्रुप और अमेरिका के कैलिफोर्निया से मास्क बनाने के बड़े ऑर्डर मिले। जिसके बाद BYD को 8 हजार 560 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा हुआ। BYD के बनाए मास्क 80 से ज्यादा देशों में भेजे जाने लगे।

पिछले कुछ सालों में BYD ने चीन के बाहर भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया के इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में BYD की 43% हिस्सेदारी है। यही वजह है कि BYD टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है।

BYD की नई कार, टेस्ला के सुपरचार्जर से दोगुना तेज

कंपनी के फाउंडर वांग चुआनफू ने कंपनी के शेन्जेन हेडक्वार्टर से लाइवस्ट्रीम हुए एक इवेंट में कहा- BYD की नई सुपर ई-प्लेटफॉर्म कार 15 मिनट में 80% तक चार्ज हो सकती है। ये टेस्ला के V3 सुपरचार्जर से लगभग दोगुनी स्पीड है।

अपनी कार में BYD ने खुद की डेवलप की गई ब्लेड बैटरी और सुपर DC चार्जिंग टेक का इस्तेमाल किया है। इसमें 800V architecture इस्तेमाल हुआ है जो चार्जिंग को सुपरफास्ट बनाता है।

BYD की नई सुपर ई-प्लेटफॉर्म कार जो 5 मिनट चार्ज होने पर 400 KM तक चलेगी।

BYD की नई सुपर ई-प्लेटफॉर्म कार जो 5 मिनट चार्ज होने पर 400 KM तक चलेगी।

​BYD केवल गाड़ियों तक सीमित नहीं है, बल्कि एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशन, इलेक्ट्रिक बसें और यहां तक कि कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे iPads और iPhones के प्रोडक्शन में भी आगे है। 2024 में कंपनी ने ग्लोबली 42 लाख 68 हजार गाड़ियां बेचीं, जो 2020 की तुलना में दस गुना ज्यादा है।

BYD हैदराबाद में EV प्लांट की योजना बना रही है

BYD भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हैदराबाद में पहली मेगा EV प्रोडक्शन प्लांट शुरू करने की योजना बना रही है। इससे हर साल 6 लाख कारों का प्रोडक्शन संभव होगा।

अगर BYD तेलंगाना में अपनी फैक्ट्री शुरू करती है, तो यह टेस्ला के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसके अलावा कंपनी यूरोप, ब्रिटेन और दक्षिण-पूर्व एशिया में भी तेजी से आगे बढ़ रही है।

आज कंपनी के प्लांट चीन में सबसे ज्यादा हैं, लेकिन कंपनी ने कई दूसरे देशों में भी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और असेंबली प्लांट्स लगाए हैं। चीन के शेनझेन समेत 7 शहरों में BYD के प्लांट हैं। कंपनी में करीब 9 लाख 68 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं।

इसके अलावा भारत में चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में BYD का प्लांट है जहां फिलहाल इलेक्ट्रिक बसें बन रही हैं। भविष्य में इस प्लांट में कार का प्रोडक्शन भी होगा। अमेरिका के कैलिफोर्निया EV बस प्लांट है। ब्राजील में बैटरी और EV असेंबली प्लांट है। थाईलैंड में EV प्रोडक्शन प्लांट है। इसके अलावा कई देशों में प्लांट शुरू करने की प्लानिंग चल रही है।

BYD की कारें अब तक 70 से अधिक देशों और 6 महाद्वीपों में बिक रही हैं। इनमें प्रमुख हैं- एशिया में भारत, चीन, जापान, सिंगापुर, इंडोनेशिया, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस।

यूरोप में नॉर्वे, यूके, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड्स, स्पेन, डेनमार्क, स्वीडन। अमेरिकी महाद्वीप में ब्राजील, मेक्सिको, कोलंबिया, उरुग्वे, चिली। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड।

रिसर्च- रतन प्रिया

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