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महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में मनोज जरांगे उतारेंगे अपने उम्मीदवार, किस पार्टी को होगा नुकसान?


Maharashtra Election 2024: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कई बार अनशन कर चुके मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने महाराष्ट्र की 16 सीटों पर इच्छुक प्रत्याशियों के नाम घोषणा कर दी है. उन्होंने 30 इच्छुक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है जिनमें से 16 नाम चुने जाएंगे. मनोज जरांगे मराठा समुदाय के बीच काफी चर्चित नाम हैं. बीते एक साल में उन्होंने अपने अनशन से इस समाज के लोगों का ध्यान भी खींचा है. उनके प्रत्याशी उतारे जाने पर मराठा वोट कटने की भी आशंका है. ऐसे में यह जानने की  कोशिश करते हैं कि वह किन पार्टियों का खेल खराब कर सकते हैं.

सीट के अनुसार देखें तो जरांगे ने भायखला, अणुशक्ती नगर, जोगेश्वरी, शिवडी, दिंडोशी,  भांडुप, चेंबूर, चांदिवली, कलिना, घाटकोपर पूर्व, मुंबादेवी, वडाला, मानखुर्द, कांदिवली, मागाठाणे और अंधेर पूर्व से प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है. ये सभी सीट मुंबई सिटी और मुंबई उपनगर में स्थित है. इनमें से ज्यादातर पर बीजेपी या अविभाजित शिवसेना ने पिछला चुनाव जीता था. ऐसे में जरांगे का फैसला बीजेपी, शिवसेना और शिवसेना यूबीटी को प्रत्याशियों को प्रभावित कर सकता है.

भायखला और अणुशक्ति नगर में कटेगा किसका वोट?
इन सीटों के पिछले प्रदर्शन पर गौर करें तो भायखला से अविभाजित शिवसेना से यामिनी जाधव ने पिछला चुनाव जीता था. यामिनी जाधव एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना का अब हिस्सा हैं. उन्हें फिर से चुनाव में टिकट दिया गया है. अणुशक्ति नगर से 2019 का चुनाव अविभाजित एनसीपी से नवाब मलिक ने जीता था. इस बार अजित पवार गुट ने नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को यहां से टिकट दिया है.

जोगेश्वरी और शिवडी का हाल
जोगेश्वरी सीट पर 2009 से शिवसेना के रविंद्र वायकर जीतते आ रहे हैं. इस बार शिवसेना ने उनकी पत्नी मनीष वायकर को टिकट दिया है. वहीं, उद्धव गुट ने जोगेश्वरी से अनंत बाला को टिकट दिया है. शिवडी सीट पर जरांगे प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं जहां बीजेपी और शिवसेना-यूबीटी के बीच मुकाबला दिख सकता है. शिवडी से अजय चौधरी को शिवसेना-यूबीटी ने उतारा है.

दिंडोशी और भांडुप दोनों ही अविभाजित शिवसेना की सीट रही है. दिंडोशी और भांडुप से अभी महायुति की तरफ से प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं जबकि भांडुप से शिवसेना यूबीटी ने रमेश कोरगांवकर को टिकट दिया है. जबकि दिंडोशी से सुनील प्रभु को उतारा है. चेंबूर सीट पर महायुति में अभी प्रत्याशी नहीं उतारा गया है. उद्धव गुट ने प्रकाश प्रतापेखर के नाम का ऐलान किया है.

शिवसेना-य़ूबीटी बनाम बीजेपी की लड़ाई में किसे फायदा?

वडाला से बीजेपी के कालीदास कोलांबकर के सामने श्रद्धा जाधव है. वडाला में पिछला चुनाव बीजेपी के कालीदास ने ही जीता था. चांदीवली से पिछला चुनाव शिवसेना के दिलीप लांडे ने जीता था. इस बार भी एकनाथ शिंदे ने उन्हें ही मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला कांग्रेस के नसीम खान से होगा. कलिना से शिवसेना यूबीटी ने संजय पोटनिस को उतारा है. पिछला दो चुनाव संजय पोटनिस ने ही जीता था. जबकि अबी महायुति से प्रत्याशी नहीं उतारा गया है.

एमवीए और महायुति की लड़ाई में जरांगे काटेंगे वोट?
मुंबा देवी में महाविकास अघाड़ी की ओऱ से अमीन पटेल चुनाव लड़ रहे हैं. मुंबादेवी पर तीन चुनाव से कांग्रेस ही जीत रही है. अंधेरी पूर्व अविभाजित शिवसेना ने जीता था. जहां से इस बार शिवसेना-यूबीटी रुजुता लटके को टिकट दिया है. मागाठाणे से शिवसेना के प्रकाश सुर्वे और शिवसेना यूबीटी के उदेश परोटेकर के बीच मुकाबला है. कांदिवली अतुल भटखालकर प्रत्याशी हैं. उन्होंने ने ही पिछला दो चुनाव जीता है. एमवीए से यहां प्रत्याशी नहीं उतारा गया है. 

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