Naradsamvad

जय गुरुदेव बाबा के संत बाबा उमाकांत जी महाराज नें लोहटी जई में किया सत्संग

नारद संवाद न्यूज़ एजेंसी 

सत्संग सुनने भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भीड़

कृष्ण कुमार शुक्ल
रामनगर बाराबंकीजनपद बाराबंकी के विकासखंड रामनगर के ग्राम पंचायत लोहटी जई में गुरुवार की शाम को जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी संत बाबा उमाकांत जी महाराज का आगमन हुआ था जिसके दृष्टिगत बाबा उमाकांत जी महाराज का सत्संग सुनने के लिए जय गुरुदेव के हजारों भक्तों के द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जय गुरुदेव जहां सत्संग करेंगे वहां का पंडाल बनकर तैयार हो गया है।उसी पंडाल के पास में रामनगर,सूरतगंज, हैदरगढ़, व बाराबंकी का भंडारे का पंडाल लगा हुआ है जिसमें लोग प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।जय गुरुदेव के कार्यकर्ताओं के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की सभी जिम्मेदारी ली गई है।रामनगर थाना प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी सहित पुलिस आरक्षी जय गुरुदेव के कार्यक्रम में तैनात हैं। सत्संग के पास सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अंदर पंडाल के पास भी कई पुलिसकर्मी तैनात हैं। चारों तरफ पुलिस का पहरा हैं सुरक्षा के ख़ास इंतजाम हैं। जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी अपना सत्संग करीब 12:30 बजे शुरू किया ।उमाकांत जी महाराज सत्संग करने के लिए अपने वाहन से पंडाल तक पहुंचे वहाँ उनका स्वागत करने के लिए भारी मात्रा में महिलाएं पुरुष दोनों तरफ लाइन लगकर हाथ जोड़कर प्रणाम किया। उमाकांत जी महाराज अपने पंडाल में पहुंचकर सत्संग प्रारंभ किया है। उनका सत्संग सुनने के लिए बाराबंकी जनपद सहित कई ब्लॉकों के श्रद्धालु भारी संख्या में उनका सत्संग सुनकर पुण्य प्राप्त किया।
सत्संग करते हुए महाराज जी ने बताया मानव मंदिर में मांस व शराब डालकर गन्दा मत करो। आजकल जो बीमारियां हो रही है। मांसाहारी खाने की वजह से ऐसे रोग हो रहे हैं जिसकी दवा नहीं मिल पा रही है।

जिस चीज में जीव हत्या होती हो वह काम नहीं करना:

एक तो बीमारियां तकलीफें लाती है मौसम के बदलाव से खाने पीने की बद परहेज़ी से कर्मों से तकलीफें होती हैं उम्र के हिसाब से बुढ़ापे में तकलीफ होती है अंग जब ढीले पड़ जाते हैं तो शक्ति कम हो जाती हैं मेहनत ज्यादा हो जाती है तो बदन में दर्द हो जाता है तकलीफ तो आनी ही आनी है। यह तकलीफ तो दूर हो जाती है लेकिन कर्म वाली तकलीफ जो जीव हत्या किया जो मांस खाया वह पाप क्षमा नहीं होता। जिस चीज में जीव हत्या होती हो वह काम नहीं करना चाहिए।

पैसा देकर मांस लाते जरूर है लेकिन पाप लगता है:

उमाकांत जी महाराज सत्संग में कहने लगे कि आप कहोगे हम जीव मारते नहीं हम तो पैसा देकर मांस लाते हैं लेकिन यह नहीं मालूम है कि यह भी पाप होता है। जानवरों को लाने वाले खाने वाले मांस काटने वाले बनाने पकाने खाने खिलाने वाले सबको पाप लगता है। इसलिए पाप के भागीदार आप मत बनो यह मानव शरीर रूपी मंदिर हैं जो भगवान के भजन इबादत करने के लिए मिला है इसको गंदा मत करना मांस मछली मत खाना।

बजरंगबली वज्र जैसे अंग होना चाहिए था, वह अंडा खाने से हवा में उड़ने जैसे हो रहे हैं:
अंडा बड़ी गंदी चीज है माताएं मासिक धर्म होती हैं खराब खून इकट्ठा होकर बच्चा बन जाता है।मुर्गियों का खराब खून इनके लैट्रिन पेशाब का खराब हिस्सा इकट्ठा हो जाता है वही अंडा बन जाता है यह चीज कभी मत खाना।
आगे सत्संग में उमाकांत जी ने महाराज ने कहा शराब जैसी बुद्धि भ्रष्ट करने वाले तेज नशे का सेवन मत करना ऐसी चीजों को सेवन करने से बुद्धि खराब हो जाती है शराब मत पीना गांजा अफीम आदि तेज नशे वाली चीजे इसमें आदमी का होश खत्म हो जाता है बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है बुद्धि भ्रष्ट वाली चीजों को मत खाना आदि बातें सत्संग में बाबा उमाकांत जी महाराज ने लोहटी जई के ग्राम सभा के मैदान में ज्ञान रूपी सत्संग का प्रवचन कर भक्तों से कही। सत्संग में हजारों महिला पुरुष युवक व स्कूली बच्चों नें शामिल होकर उनके सत्संग का श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
इस सत्संग में ग्राम प्रधान रीना त्रिवेदी, सुनील त्रिवेदी,अजय प्रताप सिंह,अमर सिंह, समाजसेवी रविकांत पांडे,कमलेश वर्मा,डॉक्टर हनुमान, अभिनव वर्मा,सरजू प्रसाद त्रिवेदी, मनोज त्रिवेदी,पत्रकार के के शुक्ल अवधेश शुक्ल, महेन्द्र तिवारी, अनूप लोधी सहित हजारों की संख्या में सत्संग में श्रद्धालु शामिल हुए।

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