कोलकाता4 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
पुलिस कस्टडी में कोर्ट से बाहर आता संजय रॉय। यह तस्वीर सितंबर 2024 की है।
कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में सियालदह कोर्ट आज दोषी संजय रॉय को सजा सुनाएगी। संजय को कम से कम उम्रकैद और अधिकतम फांसी की सजा हो सकती है। कोर्ट ने 162 दिन बाद 18 जनवरी को मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया था।
सजा के ऐलान से पहले 19 जनवरी को संजय की मां मालती ने कहा था- मेरी 3 बेटियां हैं, मैं उनका (पीड़ित के माता-पिता का) दर्द समझती हूं। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अगर कोर्ट कहती है कि उसे फांसी पर लटका दो, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। संजय की बड़ी बहन ने 18 जनवरी को कहा था कि ट्रायल कोर्ट के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं देंगे।
फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा था-
मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मैंने यह काम नहीं किया। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया है। एक IPS इसमें शामिल है। मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता तो यह टूट जाती।
8-9 अगस्त की रात रेप के बाद हत्या हुई आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं।
जूनियर डॉक्टर फेडरेशन और सोशल एक्टिविस्ट ने 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया था।
फैसले से जुड़ी 3 बड़ी बातें
1. फैसले का आधार फोरेंसिक रिपोर्ट
अदालत ने फोरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जो बताती है कि संजय रॉय इस मामले में शामिल था। घटनास्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर भी संजय का DNA मिला था। रॉय को भारत न्याय संहिता अधिनियम की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी पाया गया है
2. अधिकतम सजा फांसी होगी
जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा कि इस मामले में अधिकतम सजा फांसी दी जा सकती है। कम से कम सजा आजीवन कारावास होगी।
3. दोषी संजय को बोलने का मौका मिलेगा
जब दोषी संजय ने कहा कि उसे इस केस में फंसाया जा रहा है, इसके बाद जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा कि सजा सुनाए जाने से पहले उसे बोलने का मौका मिलेगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर जांच CBI ने शुरू की 9 अगस्त की घटना के बाद आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों और पीड़ित परिवार ने मामले की CBI जांच की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश नहीं दिए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अगस्त को जांच CBI को सौंपी गई। इसके बाद CBI ने नए सिरे जांच शुरू की।
सियालदह कोर्ट में केस का ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, इसके 57 दिन बाद संजय को दोषी करार दिया गया।
3 को आरोपी बनाया गया, 2 को जमानत आरोपी संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी। इसके अलावा ताला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी चार्जशीट दायर न करने के कारण जमानत दी गई।
इससे पहले CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। अधिकारियों ने करीब 3 घंटे उससे सवाल-जवाब किए। संजय के अलावा 9 लोगों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और 2 गार्ड्स शामिल थे।
CBI ने 2 सितंबर को संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था।
संजय इयरफोन और DNA से पकड़ में आया टास्क फोर्स ने जांच शुरू होने के 6 घंटे के भीतर दोषी संजय रॉय को अरेस्ट किया। CCTV के अलावा पुलिस को सेमिनार हॉल से एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था। ये दोषी के फोन से कनेक्ट हो गया था। संजय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया था।
संजय का DNA मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ था। संजय के शरीर पर चोट के जो 5 निशान मिले थे, वे उसे 24 से 48 घंटे के दौरान लगे थे। यह ब्लंट फोर्स इंजरी हो सकती है, जो पीड़ित से अपने बचाव के दौरान हुई होगी। इसी के जरिए पुलिस संजय को पकड़ने में कामयाब रही।
हॉस्पिटल में लगे CCTV कैमरे में संजय रॉय 9 अगस्त की सुबह 4:03 मिनट पर वार्ड में आता दिखा था। उसने टी-शर्ट और जींस पहनी थी। बाएं हाथ में हेलमेट पकड़ा था।
कौन है संजय रॉय संजय ने 2019 में कोलकाता पुलिस के तहत डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप के लिए वॉलंटियर के तौर पर काम करना शुरू किया था। इसके बाद वह वेलफेयर सेल में चला गया। अच्छे नेटवर्क की बदौलत उसने कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन में आवास ले लिया। इस आवास की वजह से आरजी कर अस्पताल में नौकरी मिली। वह अक्सर अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात रहता था, जिससे उसे सभी विभागों में एक्सेस मिली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय की कई शादियां असफल रहीं। रॉय ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि कथित तौर पर युवा डॉक्टर के साथ क्रूरता से कुछ घंटे पहले वह दो बार रेड-लाइट एरिया में गया था।
3 अदालतों में केस, निचली ने फैसला सुनाया आरजी कर रेप-मर्डर केस निचली अदालत के साथ-साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकाओं के साथ पीड़ित के माता-पिता ने भी याचिका दायर की थी। इनमें कोलकाता पुलिस पर अविश्वास जताते हुए CBI जांच की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने 13 अगस्त को मामले में CBI जांच के आदेश दिए थे।
वहीं, देशभर में डॉक्टरों के प्रदर्शन और हड़ताल के बाद 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खुद एक्शन लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सिक्योरिटी की कमी पर चिंता जताई थी। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर टास्क फोर्स बनाने का निर्देश दिया था।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले की निगरानी कर रहा है। CBI ने 10 दिसंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया था कि सियालदह कोर्ट में रेगुलर सुनवाई हो रही है। उस समय 81 में से 43 गवाहों से पूछताछ हो चुकी थी।
CBI ने कहा था- ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ CBI ने 7 अक्टूबर 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट में चार्जशीट दायर की, जिसमें कोलकाता पुलिस में सिविक वॉलंटियर संजय को एकमात्र आरोपी बताया गया। एजेंसी ने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ था।
चार्जशीट में 100 गवाहों के बयान, 12 पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट, CCTV फुटेज, फोरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन शामिल रहीं। यह भी कहा गया है कि पीड़ित के शरीर से मिला सीमन सैंपल और खून आरोपी से मैच हुआ।
वहीं क्राइम सीन पर मिले छोटे बाल भी फोरेंसिक जांच के बाद आरोपी के बालों से मैच हुए। संजय का इयरफोन, मोबाइल ब्लूटूथ से कनेक्ट हो गया था। इसे भी अहम सबूत माना गया।
फोरेंसिक रिपोर्ट से आया ट्विस्ट, गद्दे पर हाथापाई के सबूत नहीं कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में 24 दिसंबर को सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (CFSL) की एक रिपोर्ट सामने आई। जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे थे। 12 पेज की रिपोर्ट में कहा गया था कि सेमिनार हॉल में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे पता चले कि वहां पीड़ित से रेप के बाद हत्या की गई।
रिपोर्ट के 12वें पेज की आखिरी लाइनों में लिखा था- जिस जगह ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था, वहां संघर्ष का कोई सबूत नहीं मिला। जिस गद्दे पर शव था, उस पर भी किसी तरह की हाथापाई के निशान नहीं मिले।
पैरेंट्स ने कहा था- सियालदह कोर्ट को सजा सुनाने से रोका जाए CBI जांच को लेकर ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने असंतोष जताया। उन्होंने मामले की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है। उन्होंने अपील की है कि सियालदह स्पेशल कोर्ट को इस मामले में सजा सुनाने से रोका जाए और पूरे मामले की एक बार फिर नए सिरे से जांच की जाए।
इधर, शनिवार को फैसले से पहले पीड़ित के पिता ने कहा है कि आरोपी की सजा कोर्ट तय करेगा, लेकिन जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता हम अदालत का दरवाजा खटखटाते रहेंगे।
——————————————
केस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
पुलिस की वर्दी में घूमता था आरोपी; पुलिस कैंपस में रह रहा था, घटना वाली रात दो बार हॉस्पिटल गया
रेप-मर्डर का आरोपी संजय कोलकाता पुलिस में सिविल वॉलंटियर था। 33 साल का संजय बेरोकटोक हॉस्पिटल में जाता था। खुद को पुलिसवाले की तरह दिखाता था। कोलकाता पुलिस की टीशर्ट पहनता था और बाइक पर भी कोलकाता पुलिस का टैग लगा रखा था। पूरी खबर पढ़ें…
क्या कोलकाता रेप आरोपी को बचा पाएंगी कबिता सरकार, क्यों कर रहीं जघन्य आरोपी संजय की पैरवी
एक ओर देशभर में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर करने के आरोपी संजय रॉय को फांसी देने की मांग हो रही है। वहीं, दूसरी ओर जब किसी वकील ने आरोपी की पैरवी करने से मना कर दिया तो सियालदह कोर्ट ने ये जिम्मेदारी कबिता सरकार को दी है। 52 साल की कबिता सरकार 25 साल से वकालत कर रही हैं। पूरी खबर पढ़ें…