जनपद में समाजवादी पार्टी बन गई प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी, टिकट की मांग में नेताओं की संतान आगे, पुश्तैनी वर्ग से टिकट मिलने से पार्टी को करना पड़ेगा करारी हार का सामना।
कृष्ण कुमार शुक्ला
बाराबंकी। आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी में अन्तर कलाह कम होने का नाम ही नहीं ले रही है, वहीं टिकट की मांग कर रहे हैं पूर्व सांसद स्व0 कमला प्रसाद रावत के पुत्र वेद प्रकाश व उनकी पत्नी लवली रावत के साथ-साथ कई अन्य लोग भी दौड़ में हैं। वहीं लोगों में चर्चा है कि आम कार्यकर्ता क्या सिर्फ पार्टी का झण्डा उठाया करेगा और दरी बिछाकर धरना प्रदर्शन में लाठी डण्डे ही खाकर दर्द से कराहता रहेगा। मालूम हो कि बाराबंकी सुरक्षित सीट होने के कारण सामान्य वर्ग से कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकता है लेकिन सामान्य वर्ग के बड़े-बड़े नेता अपने अपने प्यादों को चुनाव लड़ाकर राजनीति करना चाहते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी में इस समय दो गुट हैं जो पार्टी की मंशा के विरूद्ध कार्य कर रहे हैं, एक वर्ग नेताओं के पुत्रों को टिकट देना नहीं चाहता है यह वर्ग चाहता है कि किसी आम मेहनती कार्यकर्ता को टिकट मिले तो वही दूसरा गुट खानदानी प्रत्याशी को टिकट इसलिए दिलवाना चाहता है कि ताकि उसको जमकर शोषण किया जा सके और अपनी वसूली की मंशा को पूरा किया जा सके। वहीं आम मतदाता समाजवादी पार्टी की अन्दरूनी कलाह के कारण दूरी बनाता हुआ दिख रहा है। वहीं इस बार जिले से भाजपा प्रत्याशी के जीतने की उम्मीद इसलिए ज्यादा दिख रही है क्योंकि भाजपा किसी भी आम कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाकर चुनाव में उतारती है। इसलिए कई कार्यकर्ता जमकर पार्टी की नीतियों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
सूत्रों से पता चला है कि समाजवादी पार्टी से संभावित टिकटार्थी जनपद के कुछ मीडिया कर्मियों को बुलाकर गोपनीय स्तर से अपने पक्ष में खबरों का प्रकाशन करवाकर उसको सोशल मीडिया पर दौड़ाकर अपनी क्षवि को राष्ट्रीय स्तर पर चमकाना चाहते हैं। अगर अगर पार्टी नेतृत्व ने गोपनीय सर्वे कराकर टिकट का बंटवारा किया तो यह सीट बच सकती है अन्यथा इस सीट पर भाजपा बहुत ही आसानी से कब्जा कर लेगी।