रिपोर्ट – रोचक अग्निहोत्री (शाहजहांपुर)
शाहजहांपुर – महिला कल्याण विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। अक्षय तृतीया (30 अप्रैल), जिसे परंपरागत रूप से शुभ विवाह तिथि माना जाता है, के अवसर पर बाल विवाह की बढ़ती घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया गया।
कार्यक्रम का आयोजन क्रिश्चियन गर्ल्स हाई स्कूल में किया गया, जहाँ 120 से अधिक छात्राओं और विद्यालय स्टाफ ने सहभागिता निभाई।
महिला कल्याण विभाग की ओर से अमृता दीक्षित, डिस्ट्रिक्ट मिशन कोऑर्डिनेटर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी लड़की या लड़के का विवाह यदि 18 वर्ष की आयु से पहले किया जाता है, तो वह बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह केवल बचपन को छीनता ही नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य की संभावनाओं पर भी गहरा नकारात्मक असर डालता है।
छात्राओं को बताया गया कि बाल विवाह के कारण न केवल व्यक्तिगत विकास बाधित होता है, बल्कि पूरा परिवार सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयों के दुष्चक्र में फंस जाता है। इस बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए बालिकाओं को शिक्षित करना, जागरूकता फैलाना और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना अत्यंत आवश्यक है।
इसी क्रम में, उपस्थित छात्राओं को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और स्पॉन्सरशिप योजना सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी गई। पात्र बालिकाओं को इन योजनाओं में ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया भी समझाई गई।
कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्या अल्पना सिंह, शिक्षिकाएँ मीनाक्षी सक्सेना, वंदना, डोली, इल्मा खान, अमरीन कुमुद, खुशी, फलक सहित अनेक छात्राएं और स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में बालिकाओं ने बाल विवाह के विरुद्ध एकजुट होकर संकल्प लिया कि वे न केवल स्वयं जागरूक रहेंगी, बल्कि समाज में भी इस बुराई के विरुद्ध आवाज उठाएँगी।