
कृष्ण कुमार शुक्ल
बाराबंकी।जिला मुख्यालय बाराबंकी से 33 किलोमीटर दूर अयोध्या व नैमिष तीर्थ के मध्य रामनगर तहसील में उत्तर भारत के प्रसिद्ध शिवतीर्थ महादेवा के मठ में श्रीलोधेश्वर महादेव जी का दरबार है जोकि महाभारत काल से विख्यात है।मान्यता है कि अज्ञातवास के समय जब माता कुंती पांडव पुत्रों के साथ इस क्षेत्र में आईं शिव की आराधना हेतु पुत्र भीम से दो शिवलिंग मंगवाए।एक शिवलिंग की स्थापना धर्मराज युधिष्ठिर ने महादेवा तथा दूसरे शिवलिंग की स्थापना कुंती माता ने सिरौली गौसपुर के ग्राम किंतूर के कुंतेश्वर धाम में की।महादेवा में लोधेश्वर जी के दर्शन हेतु लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष जलाभिषेक करने आते हैं।भगवान श्रीलोधेश्वर महादेव जी का इतिहास बताते हुए मंदिर के प्रधान पुजारी वीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि किसान पंडित लोधेराम अवस्थी एक विद्वान ब्राह्मण सरल दयालु स्वभाव के व्यक्ति थे एक रात भगवान शिव ने स्वप्न में उन्हें दर्शन दिए अगले दिन लोधेराम ने अपने अपने खेत की सिंचाई करते हुए गड्ढा देखा जहां से सिंचाई का पानी पृथ्वी में जाकर गायब हो रहा था।उन्होंने उसे गड्ढे को भरने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन असफल रहे। रात में उन्होंने फिर से इस प्रतिमा को अपने सपनों में देखा और यह हुए सुना कि उस गड्ढे में जहां पानी गायब हो रहा है मेरा स्थान है वहीं मुझे स्थापित करो इससे मुझे तुम्हारे नाम से प्रसिद्धि मिलेगी।अगले दिन जब लोधेराम गड्ढे की खुदाई कर रहे थे तो उनका फावड़ा किसी कठोर वस्तु से जा टकराया मिट्टी हटाते वही शिवलिंग मिली जो सपने में आई थी शिवलिंग में रक्तस्राव हो रहा था।रक्त देख लोधेराम भयभीत हो गए फिर स्वप्न की बातें ध्यान आईं उन्होंने उसी स्थान पर पूजा अर्चना आरंभ किया और मठ की स्थापना हुई शिवलिंग को लोधेश्वर महादेव जी का नाम दिया गया।कुछ ही वर्षों में यह स्थान महादेवा के नाम से व आराधित शिवलिंग लोधेश्वर जी के नाम से प्रसिद्ध हो गया।उस समय रामनगर धमेड़ी राज्य के राजा द्वारा महादेवा में भव्य मंदिर व सरोवर बनाकर मंदिर में जमीन का दान कर मठ को समृद्ध किया गया।धीरे-धीरे यह शिवलिंग प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों में भी विख्यात हो गया बुंदेलखंड से बड़ी संख्या में भक्त लोधेश्वर जी के जलभिषेक पूजन दर्शन हेतु प्रति वर्ष फाल्गुन व श्रावण मास में आने लगे शिवकृपा से भक्तों द्वारा महादेवा में की गईं मनौतियां पूर्ण होती रहीं महादेवा का महत्व निरंतर बढ़ता ही चला गया।आस्थावान श्रृद्धालुओं संत महंतों व जिले के वरिष्ठ पत्रकारों व समाजसेवियों ने सरकार से महादेवा के भव्य विकास की मांग उठाई।इसी दौरान प्रदेश में भाजपा सरकार आई महंत योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए उन्होंने महादेवा धाम को अपने कहे अनुसार चौबीस घंटे निर्बाध्य बिजली आपूर्ति प्रदान की जिससे भक्तों में उत्साह बढ़ा।भाजपा सरकार के सांसद मंत्री विधायक जो भी महादेवा आते भक्तिभाव पूर्वक अपनी निधि से यहां पर विकास कार्य करवाने लगे।पत्रकार समाजसेवी जनप्रतिनिधि व श्रद्धालुओं ने प्रदेश सरकार से महादेवा का विकास करने की बात मीडिया के माध्यम से उठाई।इस विषय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने कैबिनेट के साथ विचार विमर्श किया और महादेवा आकर पूजन अर्चन कर बड़ी घोषणा कर दी।उन्होंने कहा कि काशी व अयोध्या की तरह ही महादेवा में भव्य कारीडोर बनाया जाएगा इस घोषणा से श्रद्धालुओं में अपार खुशी की लहर दौड़ गई।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी दोबारा मुख्यमंत्री बन गए उन्होंने अपना वादा पूरा किया और काशी की तर्ज पर लोधेश्वर महादेव के कॉरिडोर के लिए करोड़ों रुपए पास कर दिए। प्रशासन द्वारा कॉरिडोर निर्माण के लिए 12 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई इस समय कॉरिडोर निर्माण कार्य चल रहा है।प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रीलोधेश्वर महादेवा में हर वर्ष फाल्गुनी, अगहनी,श्रावणी व कजरीतीज सहित चार मेले लगते हैं।हर तीसरे साल पुरूषोत्तम मास का भी मेला लगता है।वैसे तो यहां प्रत्येक सोमवार भक्तों की भारी भीड़ रहती है लेकिन 4 बड़े मेलों में यहां आस्था का जनसैलाब लाखों श्रद्धालुओं के रूप में उमड़ता है।माघी पूर्णिमा के बाद फाल्गुन मास लगते ही महादेवा में भोले के भक्त कांवरियों का आना शुरू हो गया है कांवरियों द्वारा लोधेश्वर जी का जलाभिषेक किया जा रहा क्षेत्र में चिर परिचित बम भोले के जयकारे गूंजने लगे हैं आगामी महाशिवरात्रि तक बाराबंकी की ओर आने वाले सभी रास्ते कांवरियों से गुलजार रंहेगे।