Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर आतंकवादियों की तलाश के लिए बाबरीशी से लेकर बोटापाथरी पहाड़ियों तक के चुनौतीपूर्ण इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है. उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के बोटापाथरी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास हुए आतंकवादी हमले के बाद आज तीसरे दिन भी अभियान जारी रहा.
इस घटना में दो सैनिकों और दो नागरिक कुलियों की दुखद मौत हो गई, जिसके बाद हमलावरों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा अभियान शुरू किया गया है. एसएसपी बारामूला मोहम्मद जैद ने कहा कि बोटापाथरी में तलाशी अभियान जारी है जिसमें पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल पूरे इलाके में सक्रिय रूप से शामिल हैं.
हमले की जांच जारी
हम इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए बाबरीशी से लेकर बोटापाथरी पहाड़ियों तक के इलाके को कवर कर रहे हैं. एसएसपी ने आगे कहा कि मौजूदा तलाशी अभियान को अब आस-पास के इलाकों तक बढ़ा दिया गया है, जिससे संकेत मिलता है कि आतंकवादी बारामूला जिले के पट्टन-क्रीरी इलाके की ओर बढ़ गए हैं.
एसएसपी ने कहा, “इस हमले से पहले, हमने विशेष इनपुट के आधार पर पट्टन और कीरी क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया था और कुछ घटनाओं की सूचना भी मिली थी.” उन्होंने कहा कि वर्तमान में, एकत्रित खुफिया जानकारी के आधार पर, हमारा मानना है कि तीन से चार आतंकवादी शामिल हो सकते हैं, लेकिन हम सटीकता सुनिश्चित करने के लिए तथ्यों की सावधानीपूर्वक जांच कर रहे हैं.”
एसएसपी बारामुल्ला क्या है?
सोशल मीडिया पर हमले के दृश्यों को दिखाने का दावा करने वाली अपुष्ट छवियों को संबोधित करते हुए, एसएसपी बारामुल्ला ने सावधानी बरती. उन्होंने कहा, “मैंने ऐसी कोई तस्वीर नहीं देखी है और इस समय वे निराधार लगती हैं.” SSP ने सत्यापित जानकारी पर भरोसा करने के महत्व पर जोर दिया.
यह हमला एलओसी के करीब एक बीहड़ क्षेत्र नागिन ढोक में हुआ, जहां राष्ट्रीय राइफल्स के एक काफिले पर छिपे हुए हमलावरों ने भारी गोलीबारी की. इस हमले में सैनिकों और कुलियों के बीच दुखद हताहत हुए जिसके बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया.
हेलीकॉप्टर और ड्रोन के सहारे आतंकवादी की तलाशी जारी
सुरक्षा बलों ने शुक्रवार सुबह बोटापाथरी क्षेत्र और उसके आसपास के पहाड़ी इलाकों की तलाशी लेने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिसमें हवाई और जमीनी निगरानी का पूरा इस्तेमाल किया गया. नियंत्रण रेखा से इलाके की निकटता को देखते हुए, अधिकारियों को संदेह है कि यह घुसपैठ का मामला हो सकता है, हालांकि जांच जारी है.