राघवेन्द्र मिश्रा/: कृष्ण कुमार शुक्ल(एडिटर)
जनपद बाराबंकी की तहसील रामनगर में मंगलवार को करीब शाम 4:00 बजे मौसम ने अचानक करवट ली। तेज आंधी और तूफान के साथ आसमान में धूल का गुबार छा गया। देखते ही देखते कई ग्राम पंचायतों में लोगों की झोपड़ियां और टिन शेड उड़ गए। तेज रफ्तार हवा और गर्जना ने ग्रामीणों में भय का माहौल पैदा कर दिया, लोग डर के मारे अपने घरों में दुबक गए।
तूफान इतना तेज था कि खिड़कियों-दरवाजों से धूल घरों में घुस गई। तेज आवाज में चल रही आंधी से लोग सहम गए। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों बाद ऐसा तूफान देखा गया है, जिसमें घर के छप्पर तक उड़ गए।
किसानों की मेहनत पर फिरा पानी
सबसे ज़्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। खेतों में गेहूं की सूखी बालियाँ इकट्ठा कर रहे किसानों की मेहनत पर इस तूफान ने पानी फेर दिया। तेज हवाओं के चलते गेहूं के ढेर उड़ गए और खेतों में बिखर गए।
किसान महेश रावत, आनंद कुमार, आशीष, सुरेश, प्रकाश, समर, अवधेश आदि ने बताया कि गेहूं की कटाई के बाद फसल को बांधकर खेत में रखा गया था। अचानक आई इस आंधी ने सारे बोझ तितर-बितर कर दिए। अब फसल को दोबारा इकट्ठा करने में काफी समय और मेहनत लगेगी।
बारिश का खतरा और बढ़ा डर
मौसम विभाग के अनुसार, तूफान की रफ्तार लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटा रही। हवा में नमी (ह्यूमिडिटी) 38% दर्ज की गई, जबकि तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रहा, जो महसूस होने में 38 डिग्री के बराबर था। आसमान में बादल गरज रहे हैं और बारिश की संभावना भी जताई जा रही है।
किसानों को अब सबसे ज्यादा डर संभावित बारिश का है, क्योंकि अगर बारिश हो गई तो खेत में बिखरी फसल और ज्यादा खराब हो जाएगी।
ग्रामीण प्रशासन से मदद की आस
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि नुकसान का सर्वे कराकर उन्हें मुआवजा दिलाया जाए, ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें और अगली फसल के लिए तैयार हो सकें।