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Elon Musk SpaceX Success Story; Revenue, Rocket Mission | Sunita Williams | मेगा एंपायर- पहली प्राइवेट कंपनी जिसने भेजे अंतरिक्ष में इंसान: मंगल पर कॉलोनी बसाने के लिए बनी स्पेसएक्स, पहला रॉकेट 25 सेकंड में गिरा था


तारीख-19 मार्च 2025, समय- तड़के 3 बजकर 27 मिनट। सुनीता विलियम्स समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों को लाने वाला कैप्सूल फ्लोरिडा के तट के पास समंदर में गिरा।

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समंदर के सतह पर आने के बाद चारों अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत हुआ। कंट्रोल सेंटर ने अंतरिक्ष यात्रियों का नाम लेते हुए कहा, ‘निक, एलेक, बुच, सुनी… का स्पेसएक्स की ओर से घर वापस आने पर स्वागत है।’

अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने वाली ये ड्रैगन कैप्सूल थी अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स की। जिसकी नींव इलॉन मस्क ने 2002 में रखी थी। आज इसका रेवेन्यू 1.12 लाख करोड़ रुपए है।

आज मेगा एंपायर में कहानी एयरोस्पेस और स्पेस ट्रांसपोर्टेशन की पहली प्राइवेट कंपनी स्पेसएक्स की…

19 मार्च 2025 को वापस लौटे अंतरिक्ष यात्री निक, एलेक, बुच, सुनीता विलियम्स।

19 मार्च 2025 को वापस लौटे अंतरिक्ष यात्री निक, एलेक, बुच, सुनीता विलियम्स।

स्पेसएक्स एक अमेरिकी एयरोस्पेस और स्पेस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी है, जिसकी शुरुआत इलॉन मस्क ने 6 मई 2002 में की थी। मस्क को हमेशा से अंतरिक्ष में दिलचस्पी थी। उन्होंने सोचा कि दूसरे ग्रहों तक पहुंचने के लिए स्पेस ट्रैवल का किराया कम करना बहुत जरूरी है। इसलिए स्पेसएक्स कंपनी की शुरुआत हुई। जो स्पेस टेक्नोलॉजी को सस्ता, सुरक्षित और री-यूजेबल रॉकेट बनाने के मिशन पर काम कर रही है।

दरअसल, इलॉन मस्क का सपना था कि इंसान को एक मल्टी-प्लैनेटरी स्पीशीज बनाया जाए, जो पृथ्वी के अलावा दूसरे ग्रहों पर भी रह सकें। साथ ही मस्क मंगल ग्रह पर भी कॉलोनी बसाना चाहते थे।

उस वक्त, कोई भी प्राइवेट कंपनी स्पेस मिशन पर इतना बड़ा दांव लगाने के लिए तैयार नहीं थी। फिर भी मस्क किसी भी कीमत पर ये कंपनी शुरू करना चाहते थे। इसके लिए मस्क ने अपनी एक पुरानी कंपनी बेच दीं। दरअसल, 1999 में मस्क ने एक ऑनलाइन बैंकिंग स्टार्टअप X.com शुरू की थी। बाद में यह कंपनी PayPal में बदल गई। 2002 में eBay ने PayPal को खरीद लिया।

मस्क को इस डील से करीब 1,494 करोड़ रुपए मिले। इस रकम से मस्क ने स्पेसएक्स शुरू किया। यही पैसे स्पेसएक्स में इन्वेस्ट किए गए और 10-15 कर्मचारियों के साथ कंपनी शुरू हुई।

स्पेसएक्स की फाउंडिंग टीम में तीन सदस्य टॉम म्यूलर, ग्विन शॉटवेल और जिम कैंटरेल थे। ये NASA के पूर्व एम्प्लॉई और एयरोस्पेस इंडस्ट्री के इंजीनियर थे।

टॉम म्यूलर, स्पेसएक्स के को-फाउंडर माने जाते हैं

टॉम म्यूलर, रॉकेट इंजन डेवलपमेंट के एक्सपर्ट थे।

टॉम म्यूलर, रॉकेट इंजन डेवलपमेंट के एक्सपर्ट थे।

टॉम म्यूलर ने स्पेसएक्स के पहले रॉकेट इंजन Merlin और Kestrel बनाने में अहम भूमिका निभाई।

ग्विन शॉटवेल, स्पेसएक्स की President और COO

ग्विन शॉटवेल, स्पेसएक्स कंपनी शुरू होने के कुछ समय बाद इससे जुड़ीं।

ग्विन शॉटवेल, स्पेसएक्स कंपनी शुरू होने के कुछ समय बाद इससे जुड़ीं।

शॉटवेल ने बिजनेस डेवलपमेंट और कॉमर्शियल रणनीतियों को लीड किया।

जिम कैंटरेल, एयरोस्पेस इंजीनियर और स्पेस मिशन एक्सपर्ट

जिम कैंटरेल, इलॉन मस्क के शुरुआती सलाहकार और स्पेसएक्स की फाउंडिंग टीम के सदस्य थे।

जिम कैंटरेल, इलॉन मस्क के शुरुआती सलाहकार और स्पेसएक्स की फाउंडिंग टीम के सदस्य थे।

जिम, कुछ समय बाद कंपनी छोड़कर चले गए और अपनी एयरोस्पेस कंपनी शुरू की, जो स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल्स बना रही है।

असफल रहा स्पेसएक्स का पहला मिशन स्पेसएक्स का पहला मिशन Falcon-1 Flight-1 था। कंपनी का पहला रॉकेट 24 मार्च 2006 को क्वाजालीन एटोल, मार्शल आइलैंड्स से लॉन्च हुआ था। यह कम लागत वाला रॉकेट था जो लॉन्च होने के महज 25 सेकेंड के भीतर समंदर में गिर गया।

रॉकेट की फ्यूल लाइन लीक हो गई, जिसकी वजह से मिशन फेल हो गया। Falcon 1 के असफल लॉन्च के बाद भी लगातार तीन बार स्पेसएक्स के मिशन फेल हुए।

तब स्पेसएक्स के पास केवल आखिरी लॉन्च के पैसे बचे थे। अगर यह भी फेल हो जाता, तो कंपनी बंद हो सकती थी। हालांकि चौथा प्रयास सफल रहा। 28 सितंबर 2008 को फॉल्कन-1 ने ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रवेश किया।

फॉल्कन-1 के सफल लॉन्च के बाद NASA ने स्पेसएक्स को स्पेस स्टेशन तक सामान पहुंचाने का करीब 13,000 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया।

इसके बाद, कंपनी ने फॉल्कन 9 नाम का नया रॉकेट बनाया, जो ज्यादा भार उठा सकता था। 2012 में इस रॉकेट के साथ ड्रैगन कैप्सूल पहली बार स्पेस स्टेशन से जुड़ा। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी प्राइवेट कंपनी ने अपना यान स्पेस स्टेशन से जोड़ा था।

2015 में स्पेसएक्स ने अपने रॉकेट को सफलतापूर्वक धरती पर वापस लैंड कराया, ताकि इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। इससे पहले तक रॉकेट एक बार इस्तेमाल होने के बाद बेकार हो जाते थे। इसी वजह से स्पेस मिशन बहुत महंगे पड़ते थे। हालांकि इस नई टेक्नोलॉजी से स्पेस ट्रैवल की कॉस्ट काफी कम हो गई।

6 फरवरी 2018 को स्पेसएक्स ने केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से फॉल्कन हैवी नाम का एक रॉकेट लॉन्च किया। ये एक सुपर-पावरफुल रॉकेट था। इसमें कुल 27 Merlin इंजन होते हैं- जो इसे 5 मिलियन पाउंड से भी ज्यादा थ्रस्ट देने की ताकत देते हैं।

स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल।

स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल।

यह एक लाख किलोग्राम तक का पेलोड LEO (Low Earth Orbit) में ले जा सकता है। पेलोड यानी किसी रॉकेट, सैटेलाइट या विमान में वो हिस्सा या सामान जिसे लक्ष्य तक पहुंचाना होता है। इस रॉकेट के साथ मस्क ने अपनी टेस्ला रोडस्टर कार को पेलोड के तौर पर भेजा, जिसमें एक डमी ड्राइवर भी था। कार को सूर्य के ऑर्बिट में भेजा गया और वो आज भी वहीं घूम रही है।

30 मई 2020 को स्पेसएक्स ने Crew Dragon के जरिए NASA के दो एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक सफलतापूर्वक पहुंचाया। यह पहली बार था जब किसी प्राइवेट कंपनी ने इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा।

अब स्पेसएक्स जल्द ही Starship, Falcon 9 और Crew Dragon जैसी टेक्नोलॉजी के साथ मंगल पर इंसानों को भेजने की तैयारी कर रही है। कंपनी का मकसद इस रॉकेट से चांद और मंगल पर इंसानों की बस्ती बसाना है। स्पेसएक्स हर साल सैकड़ों सैटेलाइट लॉन्च करता है और NASA, पेंटागन और प्राइवेट कंपनियों के साथ काम कर रहा है।

कैलिफोर्निया में स्पेसएक्स का हेडक्वार्टर।

कैलिफोर्निया में स्पेसएक्स का हेडक्वार्टर।

30 जनवरी 2021 को स्पेसएक्स ने स्टारशिप SN9 का हाई-एल्टिट्यूड टेस्ट किया, जिसमें इसे लगभग 10 किलोमीटर की ऊंचाई तक भेजा गया। हालांकि लैंडिंग सफल नहीं रही, लेकिन इस टेस्ट से स्पेसएक्स को अगली जनरेशन के स्पेसक्राफ्ट के लिए डेटा मिला। स्पेसएक्स साल 2024 तक 400 से ज्यादा रॉकेट लॉन्च कर चुका है।

आज कंपनी की वैल्यूएशन करीब 14.9 लाख करोड़ है। कंपनी का हेडक्वार्टर कैलिफोर्निया में है। ये ऑफिस 5 लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। जहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, डिज़ाइन लैब, मिशन कंट्रोल, रॉकेट असेंबली और टेस्टिंग फैसिलिटीज भी हैं। फिलहाल, कंपनी में 13 हजार से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। स्पेसएक्स पहली प्राइवेट कंपनी बनी जिसने लिक्विड फ्यूल रॉकेट से ऑर्बिट में पहुंचने का काम किया।

रिसर्च- रतन प्रिया

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