लखनऊ अमीनाबाद स्थित जनाना पार्क में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बज्म-ए- ख्वातीन के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, होली मिलन और रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगठन की अध्यक्ष शहनाज सिदरत समेत बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और आपसी
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कार्यक्रम की अध्यक्ष शहनाज सिदरत ने कहा- आज महिलाएं खेल से लेकर आकाश तक अपना परचम लहरा रही हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है।
महिलाओं को बराबर से मिले हिस्सेदारी
उन्होंने कहा- घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं दर-दर की ठोकर खाती है। मगर कोई सहयोग करने वाला नहीं। सरकार, अफसरशाही और संसद में उनकी संख्या अभी भी बहुत कम है। राजनीतिक दल अपने मंचों पर नारों और वादों की बात करते हैं। महिलाओं को वास्तविक सुरक्षा और अधिकार देने में असफल हैं।
बेटियों को अधिकार देना जरूरी
मुख्य अतिथि डॉ. शाहिदा सिद्दीकी ने महिलाओं के सम्मान और इस्लाम में उनके अधिकारों पर चर्चा किया। उन्होंने कहा- इस्लाम ने लड़कियों से मोहब्बत का पैगाम दिया है।
उन्होंनें कहा- बेटियों से ही परिवार आगे बढ़ता बेटियों इस समाज का ताज हैं। हमें लड़के और लड़कियों के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। बेटियों को उनकी विरासत में पूरा अधिकार देना चाहिए। शादी के बाद भी बेटी का अधिकार खत्म नहीं होता। इस्लाम के अनुसार बेटियों को उनका अधिकार देना आवश्यक है।