2 दिन पहलेलेखक: रउफ डार
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यह गांदरबल के गगनगीर इलाके में आतंकी हमले के बाद की तस्वीर है।
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में रविवार की रात आतंकियों ने गैर-स्थानीय लोगों पर हमला कर दिया। हमले में डॉक्टर समेत 7 लोगों की जान चली गई। डॉक्टर की पहचान शहनवाज अहमद के तौर पर हुई है।
5 मजदूरों के भी घायल होने की खबर है। उन्हें श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है। सभी मजदूर केंद्र सरकार की तरफ से चल रहे सुरंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।
हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, ताकि हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। IGP कश्मीर वीके बिरदी भी घटना स्थल पर पहुंच गए हैं।
आतंकी हमला जिस क्षेत्र में हुआ है, वह सीएम उमर अब्दुल्ला के चुनाव क्षेत्र गांदरबल विधानसभा में आता है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा- मैं इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस घिनौने हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह हमला देश के विकास में योगदान देने वालों के खिलाफ है।
इससे पहले 16 अक्टूबर को शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
घटना के बाद की 2 तस्वीरें…
आतंकी हमले में 6 लोगों की जान चली गई।
सभी केंद्र सरकार के सुरंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।
घायलों का श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।
घायल होने वाले सभी लोग बाहरी राज्यों के हैं।
प्राइवेट कंपनी के शिविर में मजदूरों पर गोलीबारी की गई है।
कश्मीर जोन पुलिस आईजी वीके बिरदी घटना स्थल पर पहुंचे।
अप्रैल में तीन टारगेट किलिंग हुई थीं
22 अप्रैल: राजौरी में आतंकियों ने एक घर पर फायरिंग की थी। इसमें 40 साल के मोहम्मद रज्जाक की मौत हो गई थी। वे कुंडा टोपे शाहदरा शरीफ के रहने वाले थे। अप्रैल में टारगेट किलिंग की ये तीसरी वारदात थी।
रज्जाक के भाई सेना में जवान हैं। 19 साल पहले आतंकियों ने इसी गांव में रज्जाक के पिता मोहम्मद अकबर की हत्या कर दी थी। वे वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करते थे। रज्जाक को पिता की जगह नौकरी मिली थी।
राजौरी में मो. रज्जाक का अंतिम संस्कार किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।
8 अप्रैल: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था। आतंकियों ने परमजीत पर उस वक्त हमला किया था, जब वह अपनी ड्यूटी पर था। घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले थे।
17 अप्रैल: आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी शंकर शाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने उसे पेट और गर्दन में गोलियां मारी थीं।
17 अप्रैल को आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
फरवरी में पंजाब के दो लोगों की हत्या हुई थी
7 फरवरी को आतंकियों ने अमृतसर के दो युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
श्रीनगर में 7 फरवरी 2024 को आतंकियों ने हब्बा कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को AK-47 राइफल से गोली मारी दी थी। मृतकों की पहचान अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) और रोहित मसीह (25) के रूप में की गई थी। अमृत पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। रोहित ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था।
पिछले 2 साल में टारगेट किलिंग की अन्य घटनाएं 26 फरवरी 2023: आतंकियों ने पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या कर दी थी। वो अपने गांव में गार्ड का काम करते थे। सुबह के वक्त वह ड्यूटी से लौट रहे थे। तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग की थी।
29 मई 2023: अनंतनाग में आतंकियों ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान दीपक कुमार के रूप में हुई थी। दीपक जम्मू के उधमपुर का रहने वाला था और अनंतनाग के जंगलात मंडी में सर्कस मेले में काम करता था।
15 अक्टूबर 2022: शोपियां के चौधरीगुंड गांव में आतंकियों ने पूरन कृष्ण भट्ट पर फायरिंग की थी। गंभीर रूप से घायल पूरन को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
अगस्त 2022: शोपियां में आतंकियों ने बिहार के रहने वाले तीन प्रवासी मजदूरों को गोली मारी थी। इसके अलावा सेब के बाग में एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई थी। बांदीपोरा में आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
नवंबर 2022: शोपियां में आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले दो मजदूरों की हत्या कर दी थी। शोपियां के हरमेन में आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका था, जिसमें मोनीश कुमार और राम सागर नाम के दो मजदूर घायल हो गए थे।
घाटी में गैर-कश्मीरियों की हत्या का कारण
खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि टारगेट किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई साजिश है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है।
आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।
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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 2 आतंकी गिरफ्तार, 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शनिवार सुबह सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद की गई है। सेना के अधिकारियों ने बताया ये दोनों जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स नाम के संगठन से जुड़े हाइब्रिड आंतकी हैं।
हाइब्रिड आतंकी आम नागरिकों की तरह ही इलाके में रहते हैं, लेकिन चोरी-छिपे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं या आतंकियों की सहायता करते हैं। इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। पूरी खबर पढ़ें …
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