{“_id”:”67160b804025ca42a802d824″,”slug”:”on-karva-chauth-married-women-keep-fast-for-the-long-life-of-their-husbands-2024-10-21″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”करवा चौथ: सुहागिनों ने रखा दिनभर निर्जला व्रत, चंद्र दर्शन कर दिया अर्घ्य, पति के लिए मांगी लंबी उम्र”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़ Published by: चमन शर्मा Updated Mon, 21 Oct 2024 01:36 PM IST विज्ञापन
सभी महिलाएं टकटकी लगाकर आसमान की ओर देख रहीं थीं । बादलों के बीच से रात करीब 8:15 बजे चंद्रमा के दर्शन हुए । व्रती महिलाओं के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी । सुहागिनों ने चंद्रमा को पति के साथ छलनी से निहारा । आरती की और अर्घ्य दिया । पति और घर के बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। पति ने पत्नी को पानी पिलाकर व्रत खुलवाया।
चंद्रमा को अर्घ्य देतीं सुहागिनें – फोटो : संवाद
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अखंड सौभाग्य का प्रतीक एवं सुहागिनों का प्रमुख त्योहार करवा चौथ 20 अक्टूबर को पूरे धार्मिक उल्लास व पारंपरिक तरीके से मनाया गया । सुहागिनों ने पति की दीर्घायु व अविवाहित कन्याओं ने अच्छे वर की कामना को लेकर करवा चौथ का व्रत रखा । व्रत को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिला । दिनभर महिलाएं निर्जला व्रत रहीं । शाम को महिलाओं ने सोलह श्रंगार किए फिर माता गौरी की कथा सुनीं और देवी गीत गाए । विधि- विधान से पूजन किया ।
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इसके बाद महिलाएं चंद्रमा के दर्शन की तैयारियों में जुट गईं । महिलाओं ने रात में चंद्रमा निकलने पर अर्घ्य देकर अपने उपवास को खोला । इसके साथ ही आतिशबाजी से पूरा शहर गूंज उठा । व्रती महिलाओं में सुबह से ही व्रत की तैयारियों को लेकर भारी उत्साह देखा गया । दिन में महिलाओं ने निर्जला व्रत का संकल्प लिया । दोपहर बाद से पूजन की तैयारियां शुरू हो गईं ।
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दिनभर निर्जला व्रत रखने के चलते व्रतियों की निगाहें आसमान की ओर थीं। सभी में बेसब्री थी कि जल्द चंद्रमा निकले और पूजन करें । हालांकि, बादलों ने भी खूब अटखेलियां खेलीं । शाम से ही आसमान पर घने काले बादल छाए हुए थे । इसलिए तारे भी बहुत कम नजर आ रहे थे । बस, सभी की बेसब्री से निगाहें थीं कि चंद्रमा के दर्शन हो जाएं । देरशाम तक तो घरों के आंगन और छतों पर व्रती पहुंच चुकी थीं। तमाम जगहों पर आकर्षक रंगोली सजाई गई थी। महिलाओं के हाथों में पूजन की थाली थी ।
सभी महिलाएं टकटकी लगाकर आसमान की ओर देख रहीं थीं । चंद्रमा ने कुछ देर प्रतीक्षा कराई । फिर बादलों के बीच से रात करीब 8:15 बजे चंद्रमा के दर्शन हुए । व्रती महिलाओं के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी । सुहागिनों ने चंद्रमा को पति के साथ छलनी से निहारा । आरती की और अर्घ्य दिया । पति और घर के बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। पति ने पत्नी को पानी पिलाकर व्रत खुलवाया। विज्ञापन
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