श्रावण माह के सातवें सोमवार को करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन कर श्री लोधेश्वर महादेव का किया जलाभिषेक
रिपोर्ट/वाइस एडिटर कृष्ण कुमार शुक्ल
रामनगर/ बाराबंकी।उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध एतिहासिक महादेवा तीर्थ में सावन माह के सातवें सोमवार पर भगवान लोधेश्वर महादेव जी का जलाभिषेक करने के लिए काफी दूर-दराज से आए श्रृद्धालुओं ने शिवजी को जल पुष्प बिल्वपत्र चना और दूध अर्पित किया।महादेवा में रविवार की रात से ही दर्शनों हेतु कतारें लग गई थी पूरा मंदिर परिसर बम बम भोले के नारों से की गूंजता रहा।प्रशासन द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार शाम 5:00 बजे तक करीब 2 लाख श्रद्धालुओं ने महादेवा में जलाभिषेक किया।हजारों भक्त लेटकर परिक्रमा करते हुए व पदयात्रा कर मंदिर पहुंचे जिसमे महिलाओं और बच्चों की खासी संख्या रही।सोमवार रात करीब 12:15 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही श्रद्धालु जलाभिषेक करने लगे।2:00 बजे के बाद भीड़ बढ़ने लगी और फिर सुबह 8:00 बजे तक इतनी भीड़ हो गई कि रिजर्व में रखा गया पुलिस बल भी सुरक्षा में लगाना पड़ा।वहीं नागपंचमी का दुर्लभ संयोग होने से इस सोमवार की महत्ता और बढ़ गई महादेवा धाम देर शाम की श्रृंगार पूजा तक भक्तों से गुलजार रहा।वहीं तहसील क्षेत्र के सभी कस्बों और ग्रामों में नागपंचमी गुड़िया त्योहार हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। ग्राम सभा रेलीबाजार मजरे लोहटी जई के ब्योमकेश चंद्रशेखर शुक्ला ,सनातन शुक्ला ,विराट कृष्ण शुक्ला ने गुड़िया पर्व पर हरी-भरी बड़हल की डाल से नाग पंचमी के दिन बालिकाओं के द्वारा कपड़े की रंग बिरंगी डाली गई गुड़िया को हरी भरी डाल से खूब पीटा।तमाम गांवों में पड़े झूले बालिकाओं से सज उठे युवतियां जहां पूरे उत्साह से पेंग मार मार कर झूले को तेज गति से ऊंचाई देती दिखीं।वहीं अन्य महिलाओं ने कजरी गीत शिव शंकर चले कैलाश बुंदिया पड़ने लगी व अन्य मधुर पारंपरिक गीत गाकर सावन की सुंदर छटा को और भी मनमोहक कर दिया।