रिपोर्ट/एडिटर कृष्ण कुमार शुक्ल
रामनगर बाराबंकी।कोटि कोटि शिवभक्तों की आस्था का प्रतीक प्रसिद्ध शिवतीर्थ महादेवा में लोधेश्वर महादेव जी का जलाभिषेक किया हुआ जल जिसे शास्त्रों में निर्माल्य कहा जाता है अत्यंत पवित्र होता है और जिसे लाँघने तक की मनाही होती है।महादेवा में गर्भगृह से निकलने वाला ये निर्माल्य मठ के बगल बने छोटे से कुंड में जाता रहा है।वर्षा ऋतु में जब कुंड भर जाता था तब ये पवित्र जल एक नाले के माध्यम से सड़क पार के छोटे तालाब में एकत्रित होता था।जल इकठ्ठा होने वाला स्थान बरसात के अलावा हर मौसम में सूखा खाली पड़ा रहता था।ऐसे में स्थानीय रियाज नाम के व्यक्ति ने तालाब के स्थान पर अतिक्रमण कर उसपर पक्का निर्माण कर लिया।मंदिर के सेवादार जोकि स्वयं वर्तमान समय में ग्राम प्रधान भी हैं निर्माण के समय मौन रहे और दूसरे सेवादार आदित्य तिवारी जोकि निर्माण का विरोध कर रहे थे उनको गलत बताया।महादेवा में मंदिर के मुख्य मार्ग पर विश्वकल्याण द्वार के आगे हनुमान जी के मंदिर तक सड़क पर जलभराव होता है सड़क के किनारे नाली भी नही बनाई गई है।डीएम एसपी स्वयं मुख्य मार्ग पर जलभराव देखकर आपत्ति जता चुके हैं फिर भी जलभराव हो रहा है।महादेवा एक ऐसा धार्मिक स्थल है जहां पर वर्ष भर में पचासों लाख श्रद्धालु जलाभिषेक को आते हैं।जिनके बैठने रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है सड़क के किनारों पर सरकारी जमीन में मकान दुकान बने हुए हैं।लाखों शिवभक्तों को योगी सरकार से इस बात की आशा थी कि बाबा जी महादेवा की सूरत अवश्य बदल देंगे किंतु उन्हे निराशा हाथ लग रही है।महादेवा धाम में आस्था रखने वाले तमाम शिवभक्त व समाजसेवी महंत बी पी दास बाबाजी के आवाहन पर मुख्यमंत्री के पास समस्या रखने के लिए शीघ्र ही जाने वाले हैं।जिला प्रशासन फागुन और सावन का मेला निपटाने के बाद महादेवा से मुंह फेर लेता है।अब महादेवा की समस्याओं का निदान कौन करे अंततः अब सभी को योगी जी से ही उम्मीद है।महादेवा में लगा आवाहन सत्यागृह का बैनर लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है लोगों का कहना है कि महादेवा में मठ मंदिर की और सरकारी जमीनों पर जो निर्भय अतिक्रमण हुआ है योगी जी उसे खाली जरूर कराएंगे।