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देवा में वारसी आस्ताने पर हिन्दू मुस्लिम एक साथ खेलते हैं होली

 

 

 

           

होली पर्व पर हिंदू मुस्लिम देवा शरीफ में होली खेलते हुवे

           ब्यूरो रिपोर्ट:के के शुक्ल/ताहिर रिजवी

 देवा नवाबगंज। देवां में स्थित हाजी वारिस अली शाह की मजार शरीफ भारत के कोने-कोने में मशहूर है क्योंकि यहां पर हिन्दू मुस्लिम का भेदभाव नहीं रहता है। रंगों और उमंगों के इस त्यौहार का असली आनंद अगर कहीं पर आता तो स्थान है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई भाई का पैग़ाम देने वाले हाजी वारिस अली शाह के आस्ताने पर हाजी वारिस अली शाह की मजार शरीफ उत्तर प्रदेश के जनपद बाराबंकी के टाउन एरिया देवां शरीफ़ में स्थित है जहां पर सभी धर्मों के लोग आस्था के विपरीत आ कर माथा टेकने से लेकर लंगर (भण्डारे) की भी व्यवस्था करने से नहीं चूकते हैं । हाजी वारिस अली शाह के आस्ताने पर होली के पर्व के दो तीन दिन पहले से ही भारत के विभिन्न हिस्सों से जायरीनों का आना शुरू हो जाता । होली के दिन लगभग सुबह नो बजे से हिन्दू मुस्लिम एक साथ होली खेलते इस जगह पर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है होली खेलने वाला हिन्दू धर्म से या कि मुस्लिम धर्म से क्योंकि सबके होंठों पर एक ही नारा होता है होली है भई होली है हक वारिस या वारिस के नारों वातावरण गूंजमय हो जाता है। जायरीनों की उपस्थिति लगभग पांच हजार से पच्चीस हजार तक पहुंच जाती है।

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