स्पेशल रिपोर्ट – रोचक अग्निहोत्री (शाहजहांपुर)
जनता की सेहत बेच खाई, ईमान की औकात दिखाई!” — ऐसा प्रतीत होता है शाहजहांपुर के चर्चित पूर्व CMO डॉ. आर.के. गौतम के कारनामों को देखकर, जिन पर अब घोटालों की मोटी परतें खुलकर सामने आ रही हैं। सरकारी कुर्सी पर बैठकर जिन्होंने मरीजों की दवाएं तक तिजोरी बना दीं, अब उनकी गिरफ्तारी की बारी आ गई है।
जांच में खुलासा हुआ है कि अपने कार्यकाल के दौरान डॉ. गौतम ने करीब 100 करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया। दस रुपये का पेन 95 में, आम कागज 80 रुपये प्रति शीट की दर से खरीदा गया। यानि सरकारी धन को “अपनों के धन” में तब्दील कर दिया गया।
घर में लगे सरकारी एसी: स्वास्थ्य विभाग के नाम पर मंगवाए गए महंगे एयर कंडीशनर खुद डॉ. साहब के आलीशान बंगले की शोभा बढ़ा रहे थे। मरीजों की दवाएं ददरौल के एक किराए के कमरे में भरवा दी गईं, ताकि मौका मिलते ही बाहर के बाजार में ठिकाने लगाई जा सकें।
संविदा कर्मचारियों का हक भी निगल गए: जो स्टाफ दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे थे, उनका वेतन भी सीएमओ साहब की तिजोरी में चला गया। अंततः विभाग के ही कुछ ईमानदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने आवाज उठाई और मामला पहुंच गया CDO मैडम के पास।
CDO के निर्देश पर ददरौल स्थित फर्जी गोदाम पर छापा पड़ा, जहां से करोड़ों की दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ। जांच का पहिया घूमने लगा और अब हालात ऐसे हैं कि DGP कार्यालय ने इनके पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि जनसेवा की आड़ में विदेश भागने की कोई गुंजाइश न बचे।
अब देखना यह है कि क्या सिस्टम इस सफेदपोश लुटेरे को उसकी असली जगह तक पहुंचा पाएगा, या फिर एक और “फाइल बंद” होकर रह जाएगी?
जवाब मांगती है जनता, इंसाफ चाहता है शाहजहांपुर!