आगरा से संजय सागर की रिपोर्ट
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ममता बनर्जी की सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देती रही है, उन्हें वोटर कार्ड, आधार, राशन कार्ड, यहां तक कि आवासीय ज़मीन तक मुहैया कराई गई।——राजेश खुरानाघुसपैठियों को राजनीतिक ताकत देने का उद्देश्य राज्य में सत्ता की स्थिरता बनाए रखना है, और ममता सरकार की ओर से बीएसएफ के दायरे को सीमित रखने की कोशिशें भी लगातार विवाद में रही हैं।—–राजेश खुरानाऐसे में बीएसएफ (BSF) का कार्यक्षेत्र 50 किमी से बढ़ाकर 100 किमी किया जाए, और घुसपैठ, अवैध बसावट तथा पहचान दस्तावेज़ों की पुनः समीक्षा की जाए।——राजेश खुरानानई दिल्ली, संजय साग़र सिंह। जनसंख्या असंतुलन, अवैध घुसपैठ और सुरक्षा के सवाल अब केवल बंगाल तक सीमित नहीं रहे। यह पूरे राष्ट्र के भविष्य से जुड़ा मामला बन चुका है। ज़रूरत है तथ्यों पर आधारित, शांतिपूर्ण और संविधान सम्मत समाधान की — जिसमें राजनीति नहीं, राष्ट्रहित सर्वोपरि हो।
राजेश खुराना ( सदस्य : आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार) ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और एक राष्ट्रव्यापी जनसंख्या नियंत्रण नीति की आवश्यकता मांग करते हुए कहा, पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में अल्पसंख्यक आबादी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी अब एक राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या संतुलन का मुद्दा बन चुकी है। मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर जैसे जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी कई क्षेत्रों में 60% से भी अधिक पहुंच गई है। वहीं, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जैसे जिलों में घुसपैठ के कारण इनकी जनसंख्या और प्रभाव में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है।2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, मुर्शिदाबाद में अल्पसंख्यक आबादी 66.27% से अधिक है, मालदा और उत्तर दिनाजपुर में भी तेज़ी से बढ़ती घुसपैठ के कारण बहुसंख्यक जनसंख्या धीरे-धीरे अल्पमत में बदलती जारही हैं।राजेश खुराना ( सदस्य : आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार) का कहना है कि 294 विधानसभा सीटों में से लगभग 100 सीटों पर तेज़ी से बढ़ती घुसपैठ के कारण इस वर्ग के वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पहले इन पर वाम मोर्चा का प्रभाव था, लेकिन वर्ष 2011 और 2016 के चुनावों में यह वोट बैंक तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में गया और ममता बनर्जी को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।श्री खुराना ने आरोप लगाया है कि बंगाल में हो रही जनसंख्या वृद्धि स्वाभाविक नहीं बल्कि संगठित रणनीति का हिस्सा है। उनका आरोप है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित घुसपैठ, सीमावर्ती जिलों में स्थायी बसावट, आधार कार्ड, राशन, बिजली और भूमि आवंटन जैसी सुविधाएं देकर स्थानीय आबादी के स्वरूप को बदलने का प्रयास हो रहा है।उन्होंने ने यह भी आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी की सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देती रही है। उन्हें वोटर कार्ड, आधार, राशन कार्ड, यहां तक कि आवासीय ज़मीन तक मुहैया कराई गई। घुसपैठियों को राजनीतिक ताकत देने का उद्देश्य राज्य में सत्ता की स्थिरता बनाए रखना बताया गया है। ममता सरकार की ओर से बीएसएफ के दायरे को सीमित रखने की कोशिशें भी लगातार विवाद में रही हैं।सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, सीमाई जिलों में जनसंख्या में अस्वाभाविक वृद्धि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील है। ऐसे में विशेषज्ञों ने सिफारिश की है कि बीएसएफ (BSF) का कार्यक्षेत्र 50 किमी से बढ़ाकर 100 किमी किया जाए, और घुसपैठ, अवैध बसावट तथा पहचान दस्तावेज़ों की पुनः समीक्षा की जाए।राजेश खुराना ( सदस्य : आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार) ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और एक राष्ट्रव्यापी जनसंख्या नियंत्रण नीति की आवश्यकता पर बल दिया है। उनका कहना है कि यदि अब भी इन मुद्दों की अनदेखी की गई, तो आने वाले वर्षों में देश के सीमावर्ती राज्यों में जनसंख्यकीय असंतुलन और गहराएगा।आखिर में राजेश खुराना कहा, “देश का जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है, जिसे एकजुट होकर लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से इन मुद्दों पर आवाज़ उठानी चाहिए। भारत विविधता में एकता का देश है, लेकिन जब विविधता को ममता द्वारा एक रणनीतिक हथियार बनाकर इस्तेमाल किया जाए, तो यह सामाजिक समरसता के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकता है।”
मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर जैसे जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी कई क्षेत्रों में 60% से भी अधिक पहुंच गई है।— राजेश खुराना
वहीं, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जैसे जिलों में घुसपैठ के कारण इनकी जनसंख्या और प्रभाव में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है।—–राजेश खुराना
294 विधानसभा सीटों में से लगभग 100 सीटों पर तेज़ी से बढ़ती घुसपैठ से इस वर्ग के वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं।—–राजेश खुराना
बंगाल में हो रही जनसंख्या वृद्धि स्वाभाविक नहीं बल्कि संगठित रणनीति का हिस्सा है।—-राजेश खुराना
ममता बनर्जी की सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देती रही है, उन्हें वोटर कार्ड, आधार, राशन कार्ड, यहां तक कि आवासीय ज़मीन तक मुहैया कराई गई।——राजेश खुराना
घुसपैठियों को राजनीतिक ताकत देने का उद्देश्य राज्य में सत्ता की स्थिरता बनाए रखना है, और ममता सरकार की ओर से बीएसएफ के दायरे को सीमित रखने की कोशिशें भी लगातार विवाद में रही हैं।—–राजेश खुराना
ऐसे में बीएसएफ (BSF) का कार्यक्षेत्र 50 किमी से बढ़ाकर 100 किमी किया जाए, और घुसपैठ, अवैध बसावट तथा पहचान दस्तावेज़ों की पुनः समीक्षा की जाए।——राजेश खुराना
नई दिल्ली, संजय साग़र सिंह। जनसंख्या असंतुलन, अवैध घुसपैठ और सुरक्षा के सवाल अब केवल बंगाल तक सीमित नहीं रहे। यह पूरे राष्ट्र के भविष्य से जुड़ा मामला बन चुका है। ज़रूरत है तथ्यों पर आधारित, शांतिपूर्ण और संविधान सम्मत समाधान की — जिसमें राजनीति नहीं, राष्ट्रहित सर्वोपरि हो।
राजेश खुराना ( सदस्य : आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार) ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और एक राष्ट्रव्यापी जनसंख्या नियंत्रण नीति की आवश्यकता मांग करते हुए कहा, पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में अल्पसंख्यक आबादी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी अब एक राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या संतुलन का मुद्दा बन चुकी है। मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर जैसे जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी कई क्षेत्रों में 60% से भी अधिक पहुंच गई है। वहीं, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जैसे जिलों में घुसपैठ के कारण इनकी जनसंख्या और प्रभाव में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है।
राजेश खुराना ( सदस्य : आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार) ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और एक राष्ट्रव्यापी जनसंख्या नियंत्रण नीति की आवश्यकता मांग करते हुए कहा, पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में अल्पसंख्यक आबादी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी अब एक राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या संतुलन का मुद्दा बन चुकी है। मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर जैसे जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी कई क्षेत्रों में 60% से भी अधिक पहुंच गई है। वहीं, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जैसे जिलों में घुसपैठ के कारण इनकी जनसंख्या और प्रभाव में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है।
2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, मुर्शिदाबाद में अल्पसंख्यक आबादी 66.27% से अधिक है, मालदा और उत्तर दिनाजपुर में भी तेज़ी से बढ़ती घुसपैठ के कारण बहुसंख्यक जनसंख्या धीरे-धीरे अल्पमत में बदलती जारही हैं।
राजेश खुराना ( सदस्य : आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार) का कहना है कि 294 विधानसभा सीटों में से लगभग 100 सीटों पर तेज़ी से बढ़ती घुसपैठ के कारण इस वर्ग के वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पहले इन पर वाम मोर्चा का प्रभाव था, लेकिन वर्ष 2011 और 2016 के चुनावों में यह वोट बैंक तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में गया और ममता बनर्जी को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
श्री खुराना ने आरोप लगाया है कि बंगाल में हो रही जनसंख्या वृद्धि स्वाभाविक नहीं बल्कि संगठित रणनीति का हिस्सा है। उनका आरोप है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित घुसपैठ, सीमावर्ती जिलों में स्थायी बसावट, आधार कार्ड, राशन, बिजली और भूमि आवंटन जैसी सुविधाएं देकर स्थानीय आबादी के स्वरूप को बदलने का प्रयास हो रहा है।
उन्होंने ने यह भी आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी की सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देती रही है। उन्हें वोटर कार्ड, आधार, राशन कार्ड, यहां तक कि आवासीय ज़मीन तक मुहैया कराई गई। घुसपैठियों को राजनीतिक ताकत देने का उद्देश्य राज्य में सत्ता की स्थिरता बनाए रखना बताया गया है। ममता सरकार की ओर से बीएसएफ के दायरे को सीमित रखने की कोशिशें भी लगातार विवाद में रही हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, सीमाई जिलों में जनसंख्या में अस्वाभाविक वृद्धि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील है। ऐसे में विशेषज्ञों ने सिफारिश की है कि बीएसएफ (BSF) का कार्यक्षेत्र 50 किमी से बढ़ाकर 100 किमी किया जाए, और घुसपैठ, अवैध बसावट तथा पहचान दस्तावेज़ों की पुनः समीक्षा की जाए।
राजेश खुराना ( सदस्य : आगरा स्मार्ट सिटी, भारत सरकार) ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और एक राष्ट्रव्यापी जनसंख्या नियंत्रण नीति की आवश्यकता पर बल दिया है। उनका कहना है कि यदि अब भी इन मुद्दों की अनदेखी की गई, तो आने वाले वर्षों में देश के सीमावर्ती राज्यों में जनसंख्यकीय असंतुलन और गहराएगा।
आखिर में राजेश खुराना कहा, “देश का जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है, जिसे एकजुट होकर लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से इन मुद्दों पर आवाज़ उठानी चाहिए। भारत विविधता में एकता का देश है, लेकिन जब विविधता को ममता द्वारा एक रणनीतिक हथियार बनाकर इस्तेमाल किया जाए, तो यह सामाजिक समरसता के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकता है।”