रिपोर्ट-रोचक अग्निहोत्री(शाहजहांपुर)
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शाहजहाँपुर–कलेक्ट्रेट सभागार में गीता प्रतियोगिता को लेकर आयोजित विशेष बैठक में जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने ऑनलाइन कक्षाओं का शुभारंभ करते हुए बेटी बचाओ‑बेटी पढ़ाओ की नयी मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि “गीता किसी एक धर्म की पुस्तक नहीं, यह संपूर्ण मानवता के लिए जीवन जीने की एक उत्कृष्ट मार्गदर्शिका है।”इस अवसर पर जिले के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) से एक-एक छात्रा तथा एक-एक शिक्षक उपस्थित थे, जबकि शेष विद्यालयों के छात्र‑छात्राएँ और शिक्षक वर्चुअल (वीसी) माध्यम से जुड़े। कार्यक्रम की शुरुआत छात्राओं द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के चयनित श्लोकों के उच्चारण से हुई, जिसे सुनकर जिलाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए उन्हें प्रत्यक्ष और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से गीता की सुंदर प्रतियाँ भेंट कीं।जिलाधिकारी सिंह ने आगे कहा,“गीता सदैव सत्य पर टिके संदेशों का संग्रह है। इसके उपदेश हमें आंतरिक शांति, स्थिरता और आत्मिक बल प्रदान करते हैं। जब हम इनका भावार्थ समझकर जीने लगते हैं, तभी जीवन में समरसता और संस्कारों की वृद्धि संभव होती है।”बैठक में जिलाधिकारी ने प्रतियोगिता की रूपरेखा भी स्पष्ट की:1. दो स्तरों पर आयोजन – पहले अध्यापकों के लिए, फिर छात्राओं के लिए प्रतियोगिता।2. श्लोकों का कारणात्मक शिक्षण – केवल रटन्त नहीं, भावार्थ एवं कथात्मक शैली में समझाकर पढ़ाया जाए।3. शब्दावली तैयारी – राज्य संदर्भ समूह द्वारा चयनित श्लोकों से संबंधित 200 शब्दों की शब्दावली तैयार की जाएगी।पुरस्कारों की घोषणा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा:प्रथम पुरस्कार: ₹21,000द्वितीय पुरस्कार: ₹15,000तृतीय पुरस्कार: ₹10,000प्रोत्साहन पुरस्कार: 10 प्रतिभागियों को प्रत्येक ₹2,000 या समकक्ष उपहारउन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रतियोगिता से छात्राओं में भारतीय संस्कृति, नैतिक शिक्षा तथा आत्मिक जागरूकता को नई दिशा मिलेगी। “आप सब शुभ चिंतक बनें, इस महायज्ञ में अपने-अपने विद्यालयों की शानदार तैयारी सुनिश्चित करें,” जिलाधिकारी ने सभी अध्यापकों और छात्राओं से आग्रह किया।कार्यक्रम के समापन पर मुख्य विकास अधिकारी ने भी गीता के संदेश के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी विद्यालय प्रबंधन को आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने हेतु सहयोग का आश्वासन दिया। इस प्रकार, आध्यात्मिकता और प्रशासनिक सौहार्द का अनूठा संगम शाहजहाँपुर में एक नए उत्साह के साथ शुरू हुआ।
शाहजहाँपुर–कलेक्ट्रेट सभागार में गीता प्रतियोगिता को लेकर आयोजित विशेष बैठक में जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने ऑनलाइन कक्षाओं का शुभारंभ करते हुए बेटी बचाओ‑बेटी पढ़ाओ की नयी मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि “गीता किसी एक धर्म की पुस्तक नहीं, यह संपूर्ण मानवता के लिए जीवन जीने की एक उत्कृष्ट मार्गदर्शिका है।”
इस अवसर पर जिले के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) से एक-एक छात्रा तथा एक-एक शिक्षक उपस्थित थे, जबकि शेष विद्यालयों के छात्र‑छात्राएँ और शिक्षक वर्चुअल (वीसी) माध्यम से जुड़े। कार्यक्रम की शुरुआत छात्राओं द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के चयनित श्लोकों के उच्चारण से हुई, जिसे सुनकर जिलाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए उन्हें प्रत्यक्ष और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से गीता की सुंदर प्रतियाँ भेंट कीं।
जिलाधिकारी सिंह ने आगे कहा,
“गीता सदैव सत्य पर टिके संदेशों का संग्रह है। इसके उपदेश हमें आंतरिक शांति, स्थिरता और आत्मिक बल प्रदान करते हैं। जब हम इनका भावार्थ समझकर जीने लगते हैं, तभी जीवन में समरसता और संस्कारों की वृद्धि संभव होती है।”
बैठक में जिलाधिकारी ने प्रतियोगिता की रूपरेखा भी स्पष्ट की:
1. दो स्तरों पर आयोजन – पहले अध्यापकों के लिए, फिर छात्राओं के लिए प्रतियोगिता।
2. श्लोकों का कारणात्मक शिक्षण – केवल रटन्त नहीं, भावार्थ एवं कथात्मक शैली में समझाकर पढ़ाया जाए।
3. शब्दावली तैयारी – राज्य संदर्भ समूह द्वारा चयनित श्लोकों से संबंधित 200 शब्दों की शब्दावली तैयार की जाएगी।
पुरस्कारों की घोषणा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा:
प्रथम पुरस्कार: ₹21,000
द्वितीय पुरस्कार: ₹15,000
तृतीय पुरस्कार: ₹10,000
प्रोत्साहन पुरस्कार: 10 प्रतिभागियों को प्रत्येक ₹2,000 या समकक्ष उपहार
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रतियोगिता से छात्राओं में भारतीय संस्कृति, नैतिक शिक्षा तथा आत्मिक जागरूकता को नई दिशा मिलेगी। “आप सब शुभ चिंतक बनें, इस महायज्ञ में अपने-अपने विद्यालयों की शानदार तैयारी सुनिश्चित करें,” जिलाधिकारी ने सभी अध्यापकों और छात्राओं से आग्रह किया।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्य विकास अधिकारी ने भी गीता के संदेश के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी विद्यालय प्रबंधन को आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने हेतु सहयोग का आश्वासन दिया। इस प्रकार, आध्यात्मिकता और प्रशासनिक सौहार्द का अनूठा संगम शाहजहाँपुर में एक नए उत्साह के साथ शुरू हुआ।