‘ये सब होते-होते 13 साल बीत गए। शाहजहां शेख और उसके लोगों को जो औरत अच्छी लगती, पार्टी की मीटिंग के बहाने ऑफिस में बुला लेते। दो दिन, तीन दिन, चार दिन, जब तक मन होता, ऑफिस में ही रखते। कोई महिला बुलाने पर नहीं आती, तो उसे घर से उठा लेते। 3-4 बार मुझे
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8 फरवरी, 2024 की बात है। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से ऐसी कई कहानियां सामने आईं। बस विक्टिम अलग थे, लेकिन सबकी आपबीती एक जैसी। कहानी में आरोपी ममता बनर्जी की पार्टी TMC का पूर्व नेता शाहजहां शेख और उसके दो साथी हैं। इन पर सेक्शुअल हैरेसमेंट, गैंगरेप और जमीन पर कब्जा करने के आरोप हैं। इस मामले में 19 केस दर्ज किए गए, जिन्हें कोर्ट के आदेश पर मिलाकर एक कर दिया गया।
2024 के लोकसभा चुनाव में संदेशखाली केस सुर्खियों में रहा। BJP ने विक्टिम रेखा पात्रा को बशीरहाट लोकसभा सीट से टिकट दिया। हालांकि चुनाव से ठीक पहले TMC ने एक वायरल वीडियो जारी किया, जिसमें BJP लीडर गंगाधर कोयल यह कहते देखे गए कि संदेशखाली केस फर्जी था। ये सब BJP लीडर सुवेंदु अधिकारी के इशारों पर हुआ।
फिलहाल, लोकसभा चुनाव के बाद से मामला ठंडे बस्ते में हैं। अब तकरीबन एक साल बाद दैनिक भास्कर की टीम कोलकाता से 3 घंटे का सफर तय कर संदेशखाली का हाल जानने पहुंची। हमने विक्टिम्स और बाकी गांववालों से बात की। यहां हमें बात कर समझ आया कि विक्टिम्स अब भी डरी हुई हैं और शाहजहां शेख के लोगों से उन्हें अब भी धमकियां मिल रही हैं।

विक्टिम नंबर-1 शाहजहां-उसके साथी जेल में, फिर भी आ रहे धमकी भरे फोन संदेशखाली एक छोटा सा टापू है। यहां तक पहुंचने का जरिया बोट ही है। यहां की जमीन लगभग बंजर हो चुकी है। लगभग हर सड़क खुदी पड़ी है। तालाब खत्म हो चुके हैं। तालाब में या तो पानी नहीं है या फिर मछली नहीं है। गांव में जमीन इस लायक नहीं बची कि उस पर खेती कर लोग अपना गुजारा कर सकें।
यहां हमें वसंती (बदला हुआ नाम) मिलीं। वो उन महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने शेख शाहजहां के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया है। संदेशखाली में महिलाएं आज भी गरीबी और मजबूरी के बीच अपनी जिंदगी गुजार रही हैं। ज्यादातर विक्टिम्स बात करने से डर रही थीं। सिर्फ वसंती ही बात करने के लिए राजी हुईं।
पिछले एक साल में क्या बीता? इस पर वसंती कहती हैं, ‘पिछले साल जब आंदोलन हुआ, तब मैं उसका हिस्सा थी। शाहजहां शेख हम महिलाओं पर बुरी नजर रखता था। वो हमें अपने ऑफिस बुलाता था। वो और उसके साथी महिलाओं के साथ दुष्कर्म करते थे। मैंने भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। तब से मुझे परेशान किया जा रहा है।’

मुझे अब भी धमकी भरे कॉल आते हैं। मैं नहीं जानती कि ये कौन लोग हैं। एक का नाम अमजदुल सरदार है। वो संदेशखाली का बाशिंदा नहीं है। वो खरमपुर से आकर यहां रहता है।
‘वो कहता है कि यहां उसके दादा का घर है। वो कभी-कभी यहां आता है। वो मुझे धमकाता है कि तुमने शाहजहां शेख और उसके साथियों के खिलाफ रेप का केस करवाकर सही नहीं किया। वो मुझे जान से मारने की धमकी देता है। वो शिबू हाजरा और आमिर शाहजहां के ग्रुप के लोग हैं।’
जब वसंती से पूछा कि शाहजहां के जेल जाने के बाद जिंदगी कितनी बदली? वे जवाब में कहती हैं, ‘कुछ फर्क तो पड़ा है। अब हम बिना डर के घर से बाहर निकल सकते हैं। मेरे पति और बड़ा बेटा गुजरात में काम करते हैं। मैं छोटे बेटे के साथ रहती हूं। जब मुझे धमकी मिलती है, तो थोड़ा डर लगता है। यहां किसी पार्टी का कोई भी नेता मदद के लिए नहीं आता। चुनाव के वक्त रेखा भी आती थी, बहुत समय से वो भी यहां नहीं आई।’

विक्टिम नंबर-2 शाहजहां शेख की गैंग आज भी एक्टिव, हम आज भी डर में जी रहे इसके बाद हम पियाली दास से मिले। संदेशखाली की रहने वाली पियाली कहती हैं कि उन्होंने ही शाहजहां शेख के खिलाफ मुहिम शुरू की थी। इसके बाद BJP नेताओं से मदद मिली। वे बताती हैं, ‘पहले चाय की दुकान पर खड़े होकर लोग एक-दूसरे का हालचाल भी नहीं पूछ पाते थे। बहुत खौफ था। अब माहौल ठीक है, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार में शाहजहां शेख जेल में बैठकर भी लोगों को धमका रहा है।’
‘यहीं नदी पार कर हमारे दोस्त रुबीन मंडल का परिवार रहता है। उनकी सब्जी मार्केट थी, जिसे दो साल पहले शाहजहां शेख ने हड़प लिया और अपने नाम लिखवा लिया। उनके परिवार को आज भी धमकी मिलती है कि जिस दिन बाहर निकलोगे, तुम्हें देख लेंगे। ये धमकी मस्तान नाम का एक बदमाश देता है। वो शाहजहां का ही गुर्गा है।’
‘शाहजहां शेख की गैंग अब भी एक्टिव है। मुझे सोशल मीडिया पर आज भी ढेरों धमकियां मिलती हैं। ये सब फेक आईडी से आती हैं।’
‘संदेशखाली एक टापू है। हमें इलाज के लिए भी बाहर जाना होता है। हमारे बच्चे बाहर पढ़ते हैं। उनसे मिलने के लिए बासुंदी हाईवे या सेर्बेरिआ से होकर ही जाना पड़ता है। ये शाहजहां का इलाका है।’

झूठे केस में फंसाया, महिला आयोग और सुवेंदु अधिकारी ने की मदद पियाली आगे कहती हैं, ‘मुझे झूठे केस में फंसाया गया था। करीब 7 दिन मैं जेल में रही। मुझ पर आरोप लगाया गया कि मैं महिलाओं से कोरे सफेद कागज पर साइन करवा रही हूं। उस वक्त महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं रेखा शर्मा आई थीं। मैं उनकी टीम के साथ थी। मैंने उन्हें बताया था कि कई महिलाओं ने शिबू हाजरा और शाहजहां शेख के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने भगा दिया।’
‘तब रेखा शर्मा मुझे अपना अनुवादक बनाकर साथ में पुलिस स्टेशन ले गईं। मैं बस उनके साथ खड़ी थी और मेरे ऊपर झूठा आरोप लगा दिया गया कि मैंने सफेद कागज पर महिलाओं से गलत बयान लिखवा लिए हैं। हालांकि, मुझे कोर्ट ने बरी कर दिया। इसमें मुझे सुवेंदु अधिकारी ने सपोर्ट किया।’
वे कहती हैं, ‘मैं घर के सामने शिव मंदिर बनाना चाहती थी, लेकिन शिबू हाजरा कई बार इसका काम रुकवा चुका है। पिछले साल जब यहां सुवेंदु दादा आए, तब हमने उनसे मंदिर बनवाने की गुजारिश की थी। उन्होंने 6 महीने पहले हमें आर्थिक मदद दी, जिसके बाद में ये पहला मंदिर तैयार हो रहा है।’

विक्टिम नंबर-3 ‘जमीन खत्म हो गई है, अब इस पर खेती नहीं कर सकते’ इसके बाद हमारी मुलाकात जोशना दास से हुई। वो संदेशखाली की ही रहने वाली हैं। जोशना बताती हैं, ‘मुझे यहां रहते हुए 40 साल बीत गए। शाहजहां शेख और शिबू हाजरा ने हम पर बहुत जुल्म किए हैं। शिबू ने मेरी जमीन छीन ली। मेरे पास 7.5 बीघा जमीन थी। मेरा परिवार उस पर धान की खेती किया करता था। बगल में ही तालाब भी था। उसमें मछली पालते थे। उसी से घर चलता था।’
‘दो साल पहले शिबू हाजरा ने हमारी जमीन पर कब्जा करना चाहा। जब हमने विरोध किया तो उसने मेरे बड़े बेटे की हत्या कर दी। वे मेरे छोटे बेटे को घर से उठा ले जाते और उसे बहुत मारते थे। शाहजहां शेख हमसे हमारी जमीन पर काम करवाता, लेकिन पैसे नहीं देता था। वे लोग हमारी जमीन छीनकर अपने लोगों के नाम कर देते।’

हम गरीब थे, अब भी गरीबी में ही जी रहे शाहजहां शेख के जेल जाने के बाद यहां के हालात में कुछ बदलाव आया है या नहीं? इसके जवाब में जोशना कहती हैं, ‘शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर हमें बहुत खुशी हुई थी, लेकिन हम अब भी डरे हुए हैं। अब भी रात को शाहजहां शेख के लोग हमें डराने आते हैं। वो मुंह पर कपड़ा बांधकर आते हैं। उनकी सिर्फ आंखें नजर आती हैं। वे धमकाते हैं कि जब हम वापस आ जाएंगे तो सबको देख लेंगे।’
शाहजहां शेख और उसके गुंडे कभी भी जेल से बाहर आ सकते हैं। BJP पिछले साल तक तो यहां एक्टिव रही, लेकिन अब वे लोग भी नहीं आते। TMC के लोग ही आते हैं। 4 महीने पहले यहां TMC के कुछ लोग आए थे। तब उन्होंने वादा किया था कि वो जमीन पर मिट्टी डालकर इसे उपजाऊ बना देंगे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया।’
जोशना आगे कहती हैं, ‘हम पहले भी गरीब थे और अब भी गरीबी में ही जी रहे हैं। यहां पानी खत्म हो चुका है। हमारी कब्जा कर ली गई जमीनें हमें वापस तो मिली हैं, लेकिन अब हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि जमीन पर मिट्टी डालकर इसे फिर से उपजाऊ बना सकें।’
‘जमीन बंजर हो गई है। इस पर कुछ उगाया नहीं जा सकता। यहां खेती करने के लायक जमीन नहीं है। मेरा पति शहर में ड्राइवर का काम करता है।’

शाहजहां शेख के अरेस्ट होने के बाद गांव में शिव मूर्ति स्थापित कराई शाहजहां शेख और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद संदेशखाली में पहली बार गांववाले पूजा और मेला लगाना चाहते हैं। हालांकि, गरीबी के चलते उनके लिए मुमकिन नहीं हो पा रहा है। फिर भी वो खुश हैं कि अब गांव में मंदिर बनवा सकते हैं। कुछ महिलाओं ने मिलकर एक झोपड़ी में भगवान की मूर्ति स्थापित की है, अब वो इसे पक्का मंदिर बनवाना चाहते हैं।
यहीं रहने वाली गौरी सरदार कहती हैं, ‘जब शाहजहां बाहर था, तब गांव में कोई त्योहार नहीं मना सकता था। कोई मेला नहीं लगता था। कोई मंदिर नहीं था। अब गांव में शांति है। हमने एक झोपड़ी में मंदिर भी बना रखा है। हम गांव में पक्का मंदिर बनवाना चाहते हैं, लेकिन हमें किसी पार्टी से कोई मदद नहीं मिल रही है।’
वे आगे कहती हैं, ‘हमारे गांव की दूसरी बड़ी दिक्कत है कि यहां पानी ही नहीं है। तालाब गंदे हो गए हैं। मछली पालने तक के लिए कोई तालाब नहीं बचा। हम सब मजबूर हैं। हमें इसी पानी में नहाना पड़ता है और कपड़े धोने पड़ते हैं। शाहजहां शेख के लोगों ने जमीन छीनकर सब बर्बाद कर दिया। पीने के लिए पानी भरना हो तो हमें नदी पार करके जाना पड़ता है। कोई हमारी सुनने वाला नहीं।’

संदेशखाली में शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के बाद पहली बार गांववाले पूजा और मेला लगाने जा रहे हैं। उन्होंने झोपड़ी में एक मूर्ति भी बैठाई है।
अब पॉलिटिकल पार्टियों की बात… TMC: संदेशखाली अब BJP के लिए डेड इश्यू TMC का मानना है कि BJP ने संदेशखाली मुद्दे का इस्तेमाल करना छोड़ दिया। पार्टी प्रवक्ता अरूप चक्रबर्ती कहते हैं, ‘BJP के लिए संदेशखाली एक डेड इश्यू है। इस केस ने हम सबकी आंखें खोल दीं। झूठे रेप केस बनाए गए। एक स्टिंग ऑपरेशन में संदेशखाली में BJP के मंडल अध्यक्ष गंगाधर ने खुद मान लिया कि ये सब सुवेंदु अधिकारी के इशारों पर हुआ। उन्होंने 2000 रुपए देकर महिलाओं के झूठे मामले बनवाए।’
‘जानबूझकर ये सब चुनाव से ऐन पहले किया गया। नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल आए और रेखा पात्रा को बशीरहाट से टिकट देकर अपना चेहरा बनाया। उन्होंने रेखा के साथ ही संदेशखाली की बाकी महिलाओं के साथ मुलाकात की, लेकिन वे मणिपुर की विक्टिम्स से मिलने नहीं जा सके।’
‘पश्चिम बंगाल की जनता ये झूठ समझ गई। आरजी कर रेप केस के दौरान BJP ने वॉट्सएप के जरिए मिसइन्फॉर्मेशन फैलाई। महिलाओं का वोट ममता दीदी की ताकत है।’

BJP: हम संदेशखाली को भूले नहीं, आरजी कर के साथ इसे भी उठाते रहेंगे पश्चिम बंगाल BJP महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल कहती हैं, ‘BJP के कारण ही शेख शाहजहां जैसे गुंडे की गिरफ्तारी हो सकी। वो अब भी जेल में है, ये हमारी उपलब्धि है। हालांकि, वो जेल से भी लोगों को धमका रहा है। उसका आतंक खत्म नहीं हुआ है। अब भी उसके गुंडे संदेशखाली के आम लोगों को परेशान कर रहे हैं। हालांकि, ये पहले से कम हुआ है।’
’BJP अब भी उस इलाके में एक्टिवली काम कर रही है। हमारी मंडल और जिला अध्यक्ष रेखा पात्रा इस मामले को देख रही हैं। पूरे पश्चिम बंगाल में ऐसे गुंडे, जिन्हें ममता की पुलिस और प्रशासन का सपोर्ट मिला हुआ है। उनकी जमीन उपजाऊ नहीं रही। TMC इसके लिए कुछ क्यों नहीं करती? ये सरकार कोई हल नहीं निकालेगी। ये सरकार उन्हें रहने की दूसरी जगह देकर सम्मान से जीने का अधिकार नहीं दे सकती।’
’BJP संदेशखाली का मुद्दा उठाती रहेगी। आरजी कर के साथ हमेशा संदेशखाली का नाम भी आता है। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। शाहजहां शेख जेल के अंदर से हमारे सभापति को धमकी देता है।’

वकील बोले- मामला अभी कोर्ट में पेंडिंग शाहजहां शेख के वकील राजा भौमिक बताते हैं, ‘मामला अभी हाईकोर्ट में पेंडिंग है। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बता सकता। जिसे लगता है कि उन्हें धमकी मिल रही है, वो कोर्ट जा सकता है।’
विक्टिम्स के केस प्रियंका टिबरेवाल लड़ रही हैं। वे बताती हैं, ‘मामला कोर्ट में पेंडिंग है। अगली डेट का अंदाजा भी नहीं है। CBI केस की जांच कर रही है। वही बता सकते हैं कि देरी क्यों हो रही है।’
स्टोरी में सहयोग: शुभम बोस …………………………………………………
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