काशी हिंदू विश्वविद्यालय में क्रिया शारीर विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर वैद्य सुशील कुमार दुबे ने बीएचयू प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। उनका आरोप है कि राष्ट्रपति भवन, कोर्ट और चांसलर के आदेश, निर्देश के बाद भी प्रमोशन चार साल से लटका है। आईएमएस बी
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प्रोफेसर ने कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
प्रोफेसर ने कहा – उच्च न्यायालय ने तीन महीने के भीतर प्रोन्नति करने को कहा था। इस अवधि के समाप्त होने में कुछ ही दिन शेष हैं। बावजूद प्रत्यावेदन पर किसी भी कार्रवाई की सूचना नहीं मिली है। राष्ट्रपति के यहां भी याचिका लगाई गई थी और राष्ट्रपति सचिवालय से अवर सचिव पीसी मीणा ने भी मामले में पत्र भेजा था। साथ ही विश्वविद्यालय के तत्कालीन चांसलर जस्टिस गिरिधर मालवीय ने भी प्रोन्नति के मामले में जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बावजूद अभी तक कोई प्रगति नहीं हो सकी है। ब्यूरो
300 से ज्यादा कोर्ट केस हो चुके
वैद्य सुशील कुमार दुबे ने बताया कि प्रोन्नति के मामले में लेटलतीफी के कारण 300 से ज्यादा कोर्ट केस हो चुके हैं। विश्वविद्यालय की ओर से अपने पैनल के वकील के बजाय नॉन पैनल के वकीलों को खड़ा किया गया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय कुछ बड़े पद पर बैठे प्रोफेसर ने बिना कार्यकारिणी परिषद के ही प्रमोशन ले लिया है।
विश्वविद्यालय के नियमानुसार लिया जायेगा निर्णय
कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार का कहना है विश्वविद्यालय में फिलहाल कार्यकारिणी परिषद नहीं है। पूर्णकालिक कुलपति का पद रिक्त चल रहा है। विश्वविद्यालय के नियमानुसार जो भी निर्णय होगा उसे लिया जाएगा।