3 मार्च को महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी विधानसभा से बाहर निकल रहे थे। चलते-चलते एक रिपोर्टर ने सवाल किया कि असम के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से की है। अबू आजमी ने जवाब दिया, ‘मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता। जो लोग दावा कर
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इस बयान से उठा विवाद महाराष्ट्र और UP की विधानसभा तक गूंजा। अबू आजमी को धमकियां मिलने लगीं, महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने उन पर देशद्रोह का केस चलाने की मांग की। आखिर में अबू आजमी ने बयान वापस ले लिया। दैनिक भास्कर ने इस विवाद पर उनसे बात की। उनसे पूछा कि क्या आपने माफी मांगी है? उन्होंने जवाब दिया, ‘मैंने कौन सी गलती की है, मैं माफी क्यों मांगू।’ पढ़िए पूरा इंटरव्यू…
सवाल: आपने कहा कि औरंगजेब क्रूर शासक नहीं था। इस पर विवाद हुआ, आप विधानसभा से सस्पेंड कर दिए गए, केस भी दर्ज हो गया। क्यों? जवाब: सदन के बाहर रिपोर्टर ने सवाल किया था कि असम के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से की है। मैंने जवाब दिया कि ये कोई तुलना नहीं है। मैंने इतिहास में पढ़ा है कि औरंगजेब सेक्युलर था। उनके प्रशासन में 34% हिंदू थे। मुंबई में इतिहास के प्रोफेसर राम पुण्यानी ने भी ये बातें कही हैं। मैं कॉन्ट्रोवर्सी नहीं चाहता था। उम्मीद नहीं थी कि इतनी छोटी बात को इतना तूल दे दिया जाएगा।

सवाल: 3 मार्च को आपने बयान दिया, 4 मार्च को वापस भी ले लिया। क्या आपने माफी भी मांगी है? जवाब: मैंने माफी नहीं मांगी है। इतना विवाद हो गया, तो मैंने कहा कि मैं बयान वापस लेता हूं। क्या मैं मार खाने लगूं? लोग मुझे गाली दे रहे हैं, मुझे विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया। मुझे फोन करके धमकियां दी जा रही हैं। इसलिए मैंने कहा कि मैं अपनी बात वापस लेता हूं।

इस मुल्क में इस तरह की चीजें हो रही हैं। कोई कह दे कि गंगा का पानी गंदा है, हम उसे हाथ नहीं लगाएंगे, तो क्या होगा। और मैंने कौन सी गलती की है, मैं माफी क्यों मांगू।
सवाल: आपको पता तो होगा ही कि औरंगजेब की तारीफ से महाराष्ट्र में विवाद हो सकता है, फिर क्यों ऐसा बयान दिया? जवाब: शासक तो सभी क्रूर होते हैं। लड़ाई होती है, तो जो भी सामने आता है, उसे घोड़े पर चढ़कर तलवार से मारते हैं। हाथी से कुचल देते हैं। औरंगजेब के बारे में ये भी कहानी मिलती है कि बनारस में रहने वाली शकुंतला से वहां का कोतवाल जबरदस्ती शादी करना चाहता था।
उस लड़की ने शिकायत की, तो औरंगजेब दिल्ली से आए और कोतवाल को दोनों पैरों से फाड़ दिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि मुसलमान के राज में किसी हिंदू के साथ गलत न हो। ऐसी बहुत सारी कहानियां हैं।
सवाल: क्या आपको अंदाजा था कि इतना विवाद हो जाएगा? जवाब: अगर मुझसे पूछा जाता कि संभाजी के साथ इस तरह सलूक किया गया, तो मैं जरूर कहता कि किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। ये अपने राजकाज और राज्य के विस्तार की लड़ाइयां होती हैं। कोई भी राजा हो, अगर किसी के साथ बर्बरता करता है और इस पर मुझसे पूछा जाएगा तो मैं कहूंगा कि गलत है। ये सब हमें अच्छा नहीं लगता, इंसानियत के खिलाफ नजर आता है।
सवाल: महाराष्ट्र की राजनीति और संभाजी राजे को लेकर जैसी भावना है, आपको नहीं लगता कि औरंगजेब की तारीफ करना पॉलिटिक्स के लिहाज से फिट नहीं बैठता? जवाब: आजादी के बाद से दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर सड़क थी। वो नाम नहीं रखना चाहिए था। इतिहासकार औरंगजेब के बारे में अच्छी बातें लिखते हैं, उन पर बैन लगना चाहिए। मैं समझता हूं कि इतिहास तो एक जैसा ही होगा।
हम खुद भी छत्रपति शिवाजी महाराज का बहुत आदर करते हैं। वे सेक्युलर इंसान थे। उनकी हुकूमत में मुसलमानों को बहुत सम्मान मिला। उनका सिपहसालार, नेवी कमांडर सब मुस्लिम थे। हम असेंबली में खड़े होकर उनके लिए अच्छी बात बोलते हैं।
सवाल: योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अबू आजमी UP आएं, तो हम उनका इलाज कर देंगे। इस पर क्या कहेंगे? जवाब: हमने कौन सी ऐसी बात कह दी कि वो हमारा इलाज कर देंगे। यहां पर भी उन्हीं की सरकार है। इलाज तो इन्होंने मेरा कर ही दिया है। विधानसभा सत्र से सस्पेंड कर दिया। मेरे खिलाफ FIR दर्ज कर दी। सदन में डिप्टी चीफ मिनिस्टर कहते हैं कि मैं आतंकवादी हूं।

सवाल: डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने आपको देशद्रोही कह दिया। आपको लगता है कि आपके साथ ज्यादती हुई है? जवाब: मुझे लगता है कि ये सिर्फ वोटों की राजनीति है। हां, मेरे साथ ज्यादती हुई है। जिन लोगों ने औरंगजेब के बारे में ये इतिहास लिखा है, उन्हें बैन क्यों नहीं किया जा रहा। मैं तो लिखा हुआ इतिहास पढ़ रहा हूं, इस वजह से मेरे साथ ऐसा हो रहा है। ये तो गलत है।
सवाल: आरोप है कि आपने मुस्लिमों को खुश करने के लिए ऐसा बयान दिया है? जवाब: ऐसा नहीं है। हमने जो इतिहास में पढ़ा, वही कहा है।
सवाल: विधानसभा में आपके बयान पर हंगामा हुआ, उसी दिन बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या सुर्खियों में थी। क्या वो मामला दबाने के लिए आपके बयान का मुद्दा उछाला गया? जवाब: ये हो सकता है कि उस मुद्दे को दबाने के लिए इस विवाद को बड़ा बनाया गया हो। मेरे बयान पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। मैं एंटीसिपेटरी बेल के लिए कोर्ट गया, तो जज ने पुलिस से पूछा कि क्या आपने बयान पढ़ा है। नहीं, तो FIR कैसे दर्ज कर ली। इसलिए मुझे आसानी से बेल मिल गई। इस बात को इतना तूल देने का मतलब ही ये है कि इसके पीछे कोई और वजह थी।
सवाल: 4 मार्च को आपके बेटे फरहान के खिलाफ गोवा में FIR दर्ज हुई। क्या इस विवाद और FIR के बीच कोई लिंक है? जवाब: कोई लिंक नहीं है। फरहान कहीं गए हुए थे। वहां कुछ तू-तू मैं-मैं हो गई थी। बाकी दोनों मामलों का कोई लेना-देना नहीं है।
सवाल: आपने संभाजी राजे की पुण्यतिथि पर ट्वीट किया। क्या ये डैमैज कंट्रोल करने की कोशिश थी? जवाब: मैं हर साल छत्रपति शिवाजी महाराज के जयंती समारोह में शामिल होता हूं। असेंबली में उनके बारे में बात करता हूं। मैंने खुद कहा है महापुरुषों के बारे में कोई गलत बात करता है तो उसे 10 साल की सजा होनी चाहिए।

11 मार्च को अबू आजमी के X अकाउंट से ये फोटो पोस्ट की गई थी। उन्होंने लिखा कि पराक्रमी योद्धा, धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।
सवाल: आजकल इतिहास पर हिंदू-मुस्लिम की पॉलिटिक्स शुरू हो जाती है। इस ट्रेंड पर आप क्या सोचते हैं? जवाब: ये बात सही है। 2014 के बाद से हिंदू और मुस्लिम के बीच खाई खोदने, उन्हें बदनाम करने की कोशिश हो रही है। मुसलमानों को इस देश में अलग-थलग करना है और उन्हें बेइज्जत करने की कोशिश हो रही है।
सवाल: महाराष्ट्र में NDA की बहुमत की सरकार है। आने वाले 5 साल आप कैसे देखते हैं? जवाब: मैं कुछ नहीं कह सकता। महाविकास अघाड़ी में टूट-फूट होती रहती है। ये लोग इकट्ठा नहीं रहते। अगर ये एक साथ रहते, तो अच्छा नतीजा होता। सारी गलती महाविकास अघाड़ी और INDIA ब्लॉक की है, जो साथ में मिलकर चुनाव नहीं लड़ते।

दो तारीखें, अबू आजमी के दो बयान
3 मार्च 2025 ‘हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए लड़ाई थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता।’
4 मार्च 2025 ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने लिखा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है।’
औरंगजेब पर बयान के बाद क्या-क्या हुआ
अबू आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड औरंगजेब की तारीफ करने पर अबू आजमी को पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। महाराष्ट्र का बजट सत्र 3 मार्च को शुरू हुआ और 26 मार्च को खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आजमी की टिप्पणी से सदन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इसलिए उनकी सदस्यता को बजट सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को सदन में पारित कर दिया।
मुंबई में केस दर्ज, तीन दिन थाने में पेश होना होगा 4 मार्च को अबू आजमी के खिलाफ मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया। FIR में कहा गया है कि आजमी ने कहा भारत में सरकार चला रही पार्टी देश में मुसलमानों को खत्म करना चाहती है। इसलिए वे हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोगों के बीच तनाव पैदा कर रहे हैं।’
FIR कराने वाले शिवसेना कार्यकर्ता किरण नकटी ने आरोप लगाया है कि आज़मी ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई और BJP को भी बदनाम किया है। इस केस में अबू आजमी को अग्रिम जमानत मिल गई है। हालांकि, उन्हें 12 से 15 मार्च तक जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा। 12 मार्च को अबू आजमी मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के सामने पेश हुए।

अबू आजमी 12 मार्च को मरीन ड्राइव थाने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं अल्लाह के अलावा दुनिया में किसी से नहीं डरता।
योगी आदित्यनाथ बोले- UP भेज दीजिए, हम इलाज करवा देंगे UP में बजट सत्र के आखिरी दिन CM योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में अबू आजमी के बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे UP भिजवा दीजिए, हम उपचार अपने आप करवा देंगे।

औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, फडणवीस बोले- हम सब यही चाहते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से BJP सांसद उदयनराजे भोंसले ने मांग की थी कि औरंगजेब की कब्र को ढहा दिया जाए। उन्होंने कहा कि एक JCB मशीन भेजकर कब्र को गिरा दो, वो एक चोर और लुटेरा था। औरंगजेब की कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि देने वाले लोग उसका भविष्य हो सकते हैं। उन्हें उस कब्र को अपने घर ले जाना चाहिए, लेकिन औरंगजेब का महिमामंडन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम सब यही चाहते हैं, लेकिन आपको इसे कानून के दायरे में करना होगा। यह एक संरक्षित स्थल है। कुछ साल पहले कांग्रेस के शासन में इस जगह को ASI की देखरेख में रखा गया था।
औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्दाबाद में है। 89 साल की उम्र में 3 मार्च, 1707 को औरंगजेब की मौत हो गई थी। औरंगजेब को दौलताबाद के पास खुल्दाबाद में सूफी संत शेख जैन-उद-दीन की कब्र के बगल में दफनाया गया था।
औरंगजेब कॉन्ट्रोवर्सी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… योगी बोले- शाहजहां ने कहा था औरंगजेब जैसा बेटा पैदा न हो

UP बजट सत्र के आखिरी दिन CM योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में जवाब दिया। कहा- ये लोग औरंगजेब को अपना आदर्श मान रहे हैं। उसका पिता शाहजहां अपनी जीवनी में लिखता है- खुदा करे कि ऐसा कमबख्त किसी को पैदा न हो। उसने शाहजहां को आगरा के किले में कैद कर रखा था। एक-एक बूंद पानी के लिए तरसाया। पढ़ें पूरी खबर…