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- जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़
उत्तर2 घंटे पहलेलेखक: रउफ़ दार
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सेना और वैज्ञानिक के बीच सोपोर के जालोरा गुर्जरपति में मंगनी हो रही है।
जम्मू-कश्मीर के सोपोर में साइंटिस्ट और साइंटिस्ट के बीच रविवार शाम से मंगनी हो रही है। बेरोजगारों को बेरोजगारों का मिलाप था। इसके बाद सर्च किया गया ऑपरेशन के दौरान स्टील ने स्टील शुरू कर दी। 2000 में 2000 के दशक में 2 रेलवे कर्मचारियों ने काम शुरू कर दिया था। इलाके की घेराबंदी कर ली गई है।
पुलिस प्रवक्ता ने दैनिक भास्कर को बताया कि सोपोर के जालोरा गुज्जरपति में गर्लफ्रेंड का भंडाफोड़ करने वाले थे। उस समय की लड़ाई तब शुरू हुई जब सोपोर पुलिस ने 22 राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय पुलिस रिजर्व बल (सीआरपीएफ) की 179वीं बटालियन के साथ मिलकर साइबेरिया पर हमला कर दिया।
साइंटिस्टों पर रोक के लिए पूरे इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं।
राक्षस की 3 तस्वीरें…
सोपोर पुलिस और सुरक्षाबल इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे।
यूक्रेन के दौरान सुरक्षा एसोसिएटेड परास्नातक ने स्टेरॉयड की स्थापना की।
सेना ने भी इलाके की घेराबंदी कर जवाबी हमला किया।
19 दिसंबर को 5 बजे स्ट्रेटेजी को बेच दिया गया था 19 दिसंबर को कुलगाम जिले के कैडर इलाके में सेना और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में 5 स्ट्रेटेजी को ठिकाने लगाया था। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर फारूक अहमद भट्ट भी शामिल था। बटेर में 2 जवान भी घायल हो गए।
हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर फारूक अहमद भट्ट घाटी में पिछले दिनों कथित हमले में शामिल था।
नवंबर में 8 दोस्त मारे गए थे जम्मू-कश्मीर में सेना और वैज्ञानिक के समर्थकों की यह पहली घटना है। पिछले महीने नवंबर में 10 दिनों में 9 लोग उतरे थे। जिसमें 8 माता-पिता हो गए थे।
जम्मू में जैश और वैशाली का 20 साल पुराना नेटवर्क सक्रिय जम्मू रीजन में सेना ने 20 साल पहले पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और विश्विद्यालय-ए-तैयबा के स्थानीय नेटवर्क को निष्क्रिय कर दिया था, वो पूरी ताकत से फिर से सक्रिय हो गई है। पहले ये लोग सामान ढोने का काम करते थे, अब इनमें ही हथियार, गोला-बारूद और खाना-पीना दे रहे हैं।
दिसंबर 25 में बदमाशों को हिरासत में लिया गया था। उन्होंने पूछताछ में बताया कि लोकल नेटवर्क जम्मू के 10 में से नौ आखरी राजसौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कथुआ, डोडा, किश्तवाड़, जम्मू और रामबन में जाम है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य के मुताबिक, अनुच्छेद 370 के बाद से ही पाकिस्तान सेना और आईएसआई ने जम्मू पर हमला करना शुरू कर दिया था। वह 2 साल में इस नेटवर्क को सक्रिय कर दिया। मित्र की मदद से 2020 में पुंछ और राजौरी में सेना पर बड़े हमले हुए। फिर उधमपुर, रियासी, डोडा और कचुआ पर लगाम।
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