शक्तिनगर परिक्षेत्र के म्योरपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत चिलकडाडोड के निमियाडाड बस्ती में केन्द्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी “हर घर नल जल परियोजना” को भारी मात्रा में शामिल किया गया है। सहायक फर्मों और अधिकारियों की विविधता के कारण योजना के लाभ से
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ग्रामवासियों का कहना है कि नलों से पानी का समय नहीं निकलता, और जब पानी आ जाता है, तो वह इतना बूढ़ा हो जाता है कि किसी भी काम में उपयोग नहीं किया जा सकता। रिव्यूल ने आरोप लगाया कि बेसिक फर्म ने पाइपलाइन तो रखी है, लेकिन पानी की गुणवत्ता जांच और समस्या को दूर करने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं आ रहा है।
प्रधान ने अधिकारियों को दोषी ठहराया ग्राम पंचायत चिलकडाउन के प्रधान हीरालाल ने इस समस्या को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों से बातचीत की, लेकिन उनकी ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जब तक अधिकारी सक्रिय नहीं दिखेंगे, तब तक भट्टी के लोग स्वच्छ जल के अधिकार से कहेंगे।
ग्रामवासियों का गुस्सा बढ़ा ग्रामवासियों का कहना है कि सरकार की यह योजना अखबारों पर सफल दिख रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। लोगों ने अधिकारियों और सहायक फर्मों पर कर्मचारियों का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
सरकार प्रशासन और से उम्मीद है “हर घर नल जल योजना” जैसा कि परियोजना का उद्देश्य हर घर तक सफाई पानी पहुंचाना है, लेकिन इस तरह की विशालता और सुविधाओं से योजना की साख पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखिए क्या सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम रखते हैं।