महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के निजी पाठ्यक्रमों को बंद किया जा रहा है जिसका प्रभाव लाखों छात्रों के जीवन पर पड़ता है। नई शिक्षा नीति के तहत महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है। अभी तक लाखों ऐसे कलाकार थ
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महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रो केपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही।
अब ऑनलाइन करिये निःशुल्क पढ़ाई
रुहेलखंड विश्वविद्यालय के संरक्षक प्रो केपी सिंह ने बताया कि अब छात्रों के लिए प्राइवेट पढ़ाई का भी शानदार विकल्प दिया गया है। अब लोग ऑनलाइन डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी डिजिटल लॉन्च हब बन रहा है। जहां दुनिया के किसी भी कोने में ऑफलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। उसके लिए ऑफ़लाइन सारा कोर्स उपलब्ध रहेगा। ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ ऑफलाइन एग्जामिनेशन और वाया भी हो सकता है। फ़ेस जमा करने की भी सुविधा ऑनलाइन रहेगी ताकि किसी भी देश में बैठे हुए किसी भी परेशानी न हो, किसी भी देश की हो वो रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में जमा कर सके। ऑनलाइन यूजी और कोचिंग कोर्स उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के ऑफ़लाइन अध्ययन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय की उपलब्धियाँ
2024 में प्रमुख उपलब्धियाँ महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पिता प्रो. केपी सिंह ने 2024 में विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ और आगामी नामांकन पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
उच्च पद और सम्मान – यूनिवर्सिटी ने नैक ग्रेडिंग में A++ ग्रेड प्राप्त किया। – सविस्तार कैटिगरी-1 विश्वविद्यालय का प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ। – अनिनी और वर्ल्ड क्यूएस जैसी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में स्थान हासिल किया। – टाइम्स हेयर एजुकेशन और इंडिया रैंकिंग में भी पहचान की गई। – इन दस्तावेजों में विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की छवि अंकित है।
डिजिटल शिक्षा अनुसंधान और
– डिजिटल लैब और लैब लैब की शुरुआत – उषा योजना के तहत यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिला। – डिजिटल लर्निंग हब के तहत आर्टिफिशियल वैज्ञानिकों और ऑगमेंटेड रियलिटी आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। – विद्यार्थियों के लिए लैब लैब की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
शोध और बाक्स
– 2024 में 187 शोध छात्रों को शुरुआती स्तर पर प्रस्तुत किया गया। – 725 नए शोधार्थियों को अलग-अलग विषयों में शामिल किया गया। – विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योगों से बड़ी संख्या में अनुसंधान अनुदान प्राप्त हुए।
अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ: – विदेशी छात्रों का प्रवेश – 2024 चार देश से 71 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। – यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश और भारत को वैश्विक पहचान दिलाने में सहायक बनी हुई है। – अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सक:- शीघ्र ही अंतर्राष्ट्रीय ट्रांजिट ऑपरेटर और पायलट इनक्यूबेशन सुविधा शुरू होगी।
भविष्य की योजनाएँ
– राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) का पूर्ण रूप से कार्यान्वयन। – सभी श्रमिकों का डिजिटलीकरण पोर्टल के माध्यम से समर्थित। – इंजीनियरिंग कोचिंग कोर्सेज, ड्यूनल एम.टेक. और बहुभाषा अध्ययन केंद्र में नए दोस्त और स्टूडियो की शुरुआत।
खेल और सांस्कृतिक उपलब्धियाँ
– विश्वविद्यालय के छात्रों ने बैडमिंटन, नेटबॉल, शूटिंग, जूडो, एथलेटिक्स आदि में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। – वाद-विवाद, प्रवचन, रंगोली जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी छात्रों ने विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया।
सामाजिक दायित्व एवं सुधार कार्य
-दिशा विद्यालय को केजी से पीयाज तक विस्तार करने का विवरण। – हेल्थ सेंटर में डिजिटल एक्स-रे मशीन, ऑक्सीजन युक्त बेड, और एस्टर बिजनेस होटल की सुविधा दी गई। – विश्वविद्यालय के बी. ड्रग स्टूडेंट्स द्वारा एक्सपीरियंसल लॉन्च प्रोजेक्ट्स ऑपरेशन।
उद्योग जगत से सहयोग
– छात्रों को एमए स्टार्टअप मिले के लिए छात्रों को विशेषज्ञ के अनुकूल बनाया जा रहा है। – स्थानीय वैज्ञानिकों के उच्च वैज्ञानिक वाहनों में छात्रों को कार्य करने की अनुमति दी जा रही है।