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J&K: LeT कमांडर को ढेर करने का बिस्कुट से क्या रहा कनेक्शन? अब सामने आई असल बात


Srinagar Encounter: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के खानयार क्षेत्र में सुरक्षा बल लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उस्मान को मुठभेड़ में मार गिरा चुके हैं. उस्मान को ढेर करने में नौ घंटे की बनाई गई सटीक प्लानिंग के साथ ही बिस्कुट का भी अहम रोल रहा. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों को खानयार के घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्र में उस्मान की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके कारण ऑपरेशन को सफल करने के लिए नौ घंटे की ऐसी सटीक प्लानिंग बनाई गई थी. उसमें कम से कम नुकसान हो. हालांकि, इस अभियान के दौरान आवारा कुत्तों की उपस्थिति थी जो सिर दर्द बना हुआ था. हमें डर था कि उनके भौंकने से आतंकवादी सतर्क हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसका मुकाबला करने के लिए खोजी टीमों को बिस्किट दिए गए थे. जब ये टीम लक्ष्य की ओर बढ़ीं तो उन्होंने आवारा कुत्तों को शांत करने के लिए उन्हें बिस्कुट खिलाए. सुरक्षाकर्मियों की पूरी तैनाती फज्र की नमाज (सुबह की नमाज) से पहले कर दी गई और 30 घरों के इर्द-गिर्द घेरा डाल दिया गया. इस दौरान एके-47, एक पिस्तौल और कई ग्रेनेड से लैस उस्मान ने सुरक्षाबलों पर भीषण गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. मुठभेड़ के दौरान कुछ ग्रेनेड फटने से मकान में आग लग गई जिस पर सुरक्षाबलों ने तुरंत काबू पा लिया, ताकि यह आसपास के मकानों में न फैले. कई घंटे तक चली भीषण मुठभेड़ में उस्मान को ढेर कर दिया गया.

मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल

अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनकी हालत स्थिर बताई जाती है. इस अभियान के साथ सुरक्षाबलों को विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा की शाखा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है, जो गैर-स्थानीय मजदूरों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले करने में शामिल रहा है.

यूनिक सोलूशन्स खोजने में माहिर है सुरक्षाकर्मी

उन्होंने आगे कहा, “सफल अभियान इस बात को बताता है कि अधिकारी अभियान की सफलता के लिए यूनिक सोलूशन्स खोजने के साथ-साथ किस हद तक जा सकते हैं. यह मुठभेड़ न केवल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी प्रयासों में महत्वपूर्ण क्षण है, बल्कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने में सुरक्षाबलों के सामने आने वाली चुनौतियों को भी बताता है.” अधिकारियों ने बताया कि यह दो साल से अधिक समय में जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में पहली महत्वपूर्ण मुठभेड़ थी. स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त प्रयासों से  आतंकवाद रोधी यह अभियान सफल रहा.

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