रमजान से पहले शनिवार को शुरू हो गईं तराबीह, मरकजी मस्जिद में बढ़ने लगे नमाजी
झांसी में रमजान-उल-मुकद्दस का चांद शनिवार को नजर आ गया है। इसके बाद अब झांसी में रविवार से रोजे शुरू हो जाएंगे। पहले रोजे की सहरी का इंतजाम करने के लिए लोगों ने बाजारों का रुख किया है। वहीं, मस्जिदों में तराबीह की नमाज़ भी शनिवार की रात से शुरू हो गईं
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मुस्लिमों होने के पांच फर्ज में से एक रमजान का पाक महीना रविवार से शुरू हो रहा है। यह महीना मुसलमानों के लिए बेहद खास माना जाता है। पूरे महीने मुसलमान रोजा रखते हैं और पांच वक्त होने बाली नमाज के साथ साथ रात को इशां की नमाज के बाद तराबीह की नमाज अदा की जाएगी। इसको लेकर मस्जिदों में खास इनतजाम किए गए हैं। यहां रोयते हिलाल कमेटी ने भी चांद की तस्दीक कर दी। यहां रमजान के पहले रोजे का एलान हुआ तो मस्जिदों में तराबीह पढ़ने आने वालों की तादाद बढ़ गई।
तैयारियों में जुटे रोजादार
चांद के दीदार के साथ ही मुस्लिम समाज के लोग रोजा कायम करने की लिए की जाने वाली सहरी की तैयारियों में जुट गए। पुराने शहर के गन्दीगर का टपरा, बिसाती बाजार, नरिया बाजार, गोविंद चौराहा, सैंयर गेट, कसाई मंडी, सीपरी बाजार के चमनगंज जैसे मुस्लिम बाहुल इलाकों में सेवई खजूर और ब्रेड की खरीदारी भी शुरू हो गई।
कहीं पूरे माह तो कहीं 10 दिन की होंगी तराबीह
शहर की अधिकांश मस्जिदों में रमजान शुरू होने के एक दिन पहले से शुरू हुईं तराबीह की नमाजें ईद उल फित्र के 3 या 4 दिन पहले तक होंगी। वहीं, कामकाजी मर्दों के लिए कुछ मस्जिदों में 10 दिन की तराबीह में शुरू हुई हैं। यानी की जिसे कारोबार या मुलाजिमत के सिलसिले में शहर से बाहर रहना पड़ता है, उनके लिए 10 दिन की तराबीह बेहतर है। जीवनशाह की मस्जिद शहीदैन में भी 10 दिन की तराबीह हो रही हैं। मुफ़्ती इमरान नदवी ने बताया कि यहां 10 दिन की तराबीह उन्हीं लोगों के लिए हो रही हैं, जिनका बाहर आना-जाना रहता है। इसमें तमाम लोग शिरकत करते हैं।