रिपोर्ट:-कृष्ण कुमार शुक्ल/विवेक कुमार शुक्ल
रामनगर विधानसभा 267 के प्रत्याशी जो टिकट मांग रहे हैं
जनपद बाराबंकी अंतर्गत तहसील रामनगर में टिकट की दावेदारी में भाजपा के सबसे ज्यादा प्रत्याशी है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों में सरगर्मियां जोरों से चल रही है।आगामी विधान सभा चुनाव की घोषणा के बाद से क्षेत्र मे राजनीतिक सरगर्मी धीरे धीरे परवान चढ़ने लगी है।जागरुक जनो मे कयास का दौर शुरु हो चुका है।राजनैतिक पार्टियां अपना अपना समीकरण साधने में जुटी हुई हैं।तो वही किस दल से कौन अच्छा लडेगा और किसकी जमानत जब्त होगी यह चर्चा क्षेत्र मे बढ चुकी है।हम बात कर रहे है रामनगर विधानसभा 267 सीट की जहा से लडने के लिये भाजपा,सपा, बसपा काग्रेस, से टिकट के लिये कथित उम्मीदवार क्षेत्र से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक दिन रात्रि एक कर रहे है।यहा पर सबसे अधिक दावेदार भाजपा से बताये जा रहे है।जिसमे वर्तमान विधायक शरद अवस्थी को सबसे कमजोर कडी माना जा रहा है।भाजपा से अन्य दावेदारो मे पूर्व विधायक अमरेश कुमार शुक्ल, राधा कृष्ण मिश्र, रामबाबू द्विवेदी, प्रमोद तिवारी ,अलका मिश्रा, कल्पना तिवारी ,योगी सेवक नीरज शर्मा,आदि के नाम क्षेत्र मे चर्चित है।बताते चले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथित लहर मे शरद कुमार अवस्थी ने सपा के दिग्गज नेता और क्षेत्र से विधायक व मंत्री रहे अरविंद कुमार सिंह गोप को चुनाव हराकर जीत हासिल की थी।लेकिन वर्तमान समय में परिस्थितियां काफी बदली हुई दिखाई पड रही है।दल के साथ साथ लोग कथित प्रत्याशियो के द्वारा पूर्व मे किये गये जनहित के कार्यो का और उनकी व्यवहारिकता को महत्व देने की बात कह रहे है।क्षेत्र के लोगो मे क्या चल रहा है शोषल मीडिया पर निकल रही जमकर भडास से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।इसी प्रकार समाजवादी दल से पूर्व मंन्त्री अरविन्द कुमार सिह गोप और राकेश कुमार वर्मा के मध्य मे टिकट को लेकर रस्साकसी चल रही थी अब अन्तिम समय में पार्टी अपना प्रत्याशी किसे घोषित करती है यह तो अभी भविष्य के गर्भ मे है।जन चर्चा के मुताविक दोनो दावेदार जबरस्त चुनाव लडेगे।वही बहुजन समाज पार्टी से राम किशोर शुक्ला का टिकट बसपा के एक कार्यक्रम मे घोषित भी किया जा चुका है मगर रणनीतिक धुरंन्धरो की माने तो अन्तिम समय मे बसपा की तरफ से बदलाव किया जा सकता है।हांलाकि इस विधान सभा क्षेत्र मे शायद ही कोई गली कूचा मोहल्ला उनसे बचा हो जहा वह न पहुचे हो और दो वर्षो से अथक परिश्रम कर वह दिन रात्रि एक किये हुये है वह पहले व्यक्ति है जो समूचे क्षेत्र मे पहुचकर अपनी तरफ जनमत बढाने मे जुटे हुये है।कुछ ऐसा ही मामला काग्रेस पार्टी का बताया जा है सपा भाजपा का टिकट फाइनल हो जाने के बाद काग्रेस का प्रत्याशी यहा से कौन होगा स्पष्ट होने की प्रबल संभावना जतायी जा रही है।अब टिकट किस दल से किसे हासिल होगा यह तो दस पाच दिन मे स्पष्ट हो जाएगा।जिसके बाद वर्चस्व वाले बाहुबली नेताओ की रणनीति क्या गुल खिलायेगी यह बात धीरे धीरे आम हो जायेगी।जिसके बाद सभी दलीय प्रत्याशियो के मध्य लडाई मे प्रमुख रुप से कौन रहेगा यह दिखाई और सुनाई पडेगा।आगे जो होगा वह देखा जायेगा।