एडिटर कृष्ण कुमार शुक्ल नारद संवाद नई दिल्ली। देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन नहीं रही। शुक्रवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए यह जानकारी दी गई। पोस्ट में लिखा गया, शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।’ प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधान मंत्री मोदी अहदाबाद के लिए रवाना हो चुके हैं।
आपको बता दें कि हीराबेन मोदी (99 वर्ष) की बुधवार सुबह तबियत खराब हो गई। उन्हें तत्काल अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल यूएन मेहता में भर्ती कराया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर दिल्ली से सीधे अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल पहुंचे। वह यहां माताजी के पास डेढ़ घंटा रुककर हालचाल जानने व उनके स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद शाम को दिल्ली लौट आए थे।
संघर्षों को चुनौती देती रहीं हीराबेन
हीराबा का जन्म पालनपुर में हुआ था, शादी के बाद वह वडनगर शिफ्ट हो गई थीं। हीराबा की उम्र महज 15-16 साल थी, जब उनकी शादी हुई थी। घर की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के चलते उन्हें पढ़ने का मौका नहीं मिला। लेकिन वह अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए दूसरे के घरों में भी काम करने के लिए तैयार हो गईं। उन्होंने फीस भरने के लिए कभी किसी से उधार पैसे नहीं लिए। हीराबा चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़लिखकर शिक्षित बने।