एडिटर संपादक कृष्ण कुमार शुक्ल
रामनगर बाराबंकी।रामनगर विकासखंड के मड़ना ग्राम में अवस्थी परिवार द्वारा श्रद्धापूर्वक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है।यहां पर श्री अयोध्या पुरी से टोली सहित आए कथा व्यास पंडित शिवकैलाश सरस जी द्वारा भव्य संगीतमयी पावन कथा कही जा रही है।ये कथा आगामी 8 नवंबर दिन मंगलवार तक चलेगी उसी दिन हवन कन्या पूजन के बाद ब्रह्मभोज भंडारे में प्रसाद वितरण भी किया जाएगा।वहीं संगीतमई मधुर कथा में शुक्रवार की रात्रि आठ बजे से 12 बजे राम लक्ष्मण सीता हनुमान की झांकी दिखाकर श्री कृष्ण जन्म लीला की कथा का भावपूर्ण प्रसंग सुनाया गया।
कथा व्यास पंडित शिव कैलाश सरस ने भागवत कथा कहते हुए कहा जिसने मां को जन्म दिया है वह भी मां है जिसने जन्म नहीं दिया है वह भी मां है। भगवान ने किसी को नास्तिक पैदा ही नहीं किया। गाय दान को महत्वपूर्ण दान बताया।श्री कृष्ण जन्म की कथा प्रारंभ करते हुए बताया रानी पवन रेखा के सतीत्व को नष्ट किया दुर्बलीक दानव ने राजा उग्रसेन का रूप धारण कर उनके साथ व्यभिचार कर सतीत्व को नष्ट कर दिया।कोई भी संतान नहीं होती थी रानी पवन रेखा के उनकी कोख से महा प्रतापी बलशाली कंस ने जन्म लिया। कथावाचक ने बताया कंस बड़ा निर्दयी था वह बच्चों से कहता आप क्या खाकर आए हो तो बच्चे बताते पकवान खा कर आए हैं तो कहता मुंह खोलो जरा हम खुशबू लें, और जैसे ही बच्चे अपना मुंह खोलते तो तुरंत ही कंश जबड़ा उखाड़ कर फेंक देता था। चौराहा से जब गोपिया निकलती थी तो उनको कंश बुलाता था अगर वह भाई कहती तो बहुत बुरी तरह से मारता था पूरी खाल उधेड़ देता था। नंद बाबा की गोपियों को कंस ने खूब मारा जिसकी शिकायत नंद बाबा ने राजा उग्रसेन से की कंस को दरबार बुलाया गया कंश से कई बार राजा उग्रसेन ने पूछा तुमने क्यों मारा गोपियों को जवाब नहीं दिया तो राजा उग्रसेन ने हाथ उठाया और जैसे ही हाथ उठाया कंस ने तुरंत ही अपने पिता का हाथ पकड़ लिया और सैनिकों से कहा राजा अब बूढ़े हो गए इनको कारागार में डाल दिया जाए। कंस का राज चलने लगा बड़ा ही भयानक शासन कंस का था कड़े नियम थे कोई चूं नहीं करता था पता नहीं कितने संतो को जान से मारकर लोगों को मांस खिला दिया। पंडित शिव कैलाश ने बताया भगवान किसी जाति के रूप में नहीं आते हैं वह स्वयं प्रकट होते हैं। कंस ने अपनी बहन देवकी का विवाह वासुदेव के साथ धूमधाम से किया विदाई करने स्वयं रथ पर सवार होकर कंस जाने लगा तो आकाशवाणी हुई कि कंश देवकी की गर्भ से जन्मा आठवां पुत्र ही तुम्हारा काल बनेगा।यह आकाशवाणी केवल कंस को ही सुनाई पड़ी कंस ने तुरंत ही अपनी बहन अपने जीजा को कारागार में बंद कर दिया।वासुदेव ने कंश को वचन दिया कि मैं अपने सारे पुत्रों को आपको सौंप दूंगा। आठवां पुत्र श्री कृष्ण भगवान के रूप में जन्मा उसी पुत्र ने राक्षस कंस का वध किया।
*राम लक्ष्मण सीता हनुमान की दिखाई गई भव्य झांकी भक्त झांकी देखकर हो गए मंत्रमुग्ध*
श्री कृष्ण जन्म की कथा के उपरांत श्री अयोध्या पुरी से टोली सहित आए कलाकारों के द्वारा रंगारंग सुंदर प्रस्तुति झांकी दिखा कर की गई जिसमें पवन पुत्र हनुमान के द्वारा नृत्य पर भक्तों ने खूब आनंद उठाया हनुमान जी का स्वरूप चर्चा का केंद्र बना रहा। वही इसके बाद बाल हनुमान भक्ति गाने पर उछल कूद कर नीम के पेड़ पर चढ़कर खूब नाच किया।कथा सुनने आए भक्तों ने अपने मोबाइल फोन में वीडियो क्लिप बनाया। इस अवसर पर आचार्य मयंक ओझा शास्त्री अंकुर तिवारी शिवाकर तिवारी बसंत दीक्षित गोलू दीक्षित कथा आयोजक अशोक कुमार अवस्थी, संदीप कुमार अवस्थी, प्रदीप कुमार अवस्थी ,कुलदीप अवस्थी सहित सैकड़ों भक्तगण ने भागवत कथा का रसपान कर झांकियां देखकर मंत्रमुग्ध हो गए तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा मढ़ना गांव गूंज उठा।