रामनगर/बाराबंकी
रिपोर्ट/विवेक कुमार शुक्ला
रामनगर तहसील के समूचे क्षेत्र में नाग पंचमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने अपने अपने घरों में कपड़े की गुड़िया बनाई। किशोरियों ने कस्बे व गांव के मार्गों पर गुड़िया डाली जिनको छोटे-छोटे बच्चो ने छूल से पीटकर खूब मौज मस्ती व आनंद लिया। इसके बाद किशोरीयो ने दूब घास तोड़कर घर लेकर आई। घर के बाहर लगे पेड़ों पर झूले डाले गए।महिलाएं व बच्चों ने झूला झूलकर खूब मौज मस्ती की महिलाओं ने सावन के गीत गाकर एक दूसरे को पर्व की बधाई दी।इस पर्व की मान्यता है कि ऋषि आस्तिक मुनि महाराज ने सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन यज्ञ रोककर नागों की रक्षा की थी इसके चलते तक्षक नाग के बचने से नागों का वंश बच गया था। ऋषि ने आग के ताप से नाग को बचाने के लिए उस पर कच्चा दूध डाला था तभी से नाग पंचमी का पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है हिंदू त्योहारों में नाग पंचमी का अपना खास महत्व है क्योंकि नाग भगवान शिव के गले का आभूषण है नाग पंचमी पर नाग की पूजा जीवन में सुख समृद्धि खेतों में फसलों की रक्षा के लिए की जाती है इस त्यौहार में नाग देवता के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा व रुद्रा अभिषेक भी किया जाता है।शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी पर घर के बाहर सांप का चित्र बनाया जाता है इससे नाग देवता की कृपा परिवार पर बनी रहती है।मान्यताओं के अनुसार लोग नाग पंचमी पर उपवास रखकर नाग देवता पर फूल व दूध चढ़ाकर उनकी पूजा व जलाभिषेक करते है। मान्यता है कि नाग पंचमी पर सुई धागे का इस्तेमाल करना भी अशुभ माना गया है। इस दिन लोहे के बर्तन में भोजन नहीं बनाना चाहिए।