झाड़ी में फेंकी गई बहुत सारी दवाईयां
रिपोर्ट:कृष्ण कुमार शुक्ल/विवेक शुक्ल रामनगर बाराबंकी।तहसील क्षेत्र रामनगर अंतर्गत स्वास्थ विभाग की घोर लापरवाही उजागर हो रही है ,आपको अवगत करा दे, जीवन रक्षक दवाईयां बहुत मात्रा में एस्पायर खराब मेडिसिन की खेप जंगल झाड़ी मे फेकी गई है। जहाँ एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ स्वास्थ सुविधाओ को बेहतर से बेहतर बनाने के प्रयास कर रहे है, वही सरकारी अस्पताल के अधिकारी व कर्मचारी भारत सरकार की छवि धूमिल करने पर तुले है।एक तरफ यूपी सरकार के तेज़ तर्रार उपमुख्यमंत्री व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक जहां दिन पर दिन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकारी अस्पतालों के दौरे कर स्वास्थ्य सुविधाओं को ठीक करने में लगे हुए हैं।वहीं सरकारी अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही का साफ़ नजारा विकासखंड रामनगर के इलाके मे देखने को मिला है,जो केसरीपुर रेलवे लाइन से होकर ग्राम बरुआ कुम्भरवा को जाने वाले मार्ग के समीप जंगल में भारी मात्रा में खराब मेडिसिन दवाईयां जंगल में फेंकी गई है।जंगल में फेंकी गई दवाइयो से यह अंदाजा लगाया जा सकता है की भारत सरकार का कितना नुकसान किया जा रहा है,जिनमें कई दर्जन आयरन की सिरप, फेर्रस सल्फेट एंड फोलिक एसिड सिरप तथा कैल्सियम विटामिन D3 की सैकड़ों पत्ता दवाइयां रोड के किनारे झाड़ी जंगलों में किसी के द्वारा फेंकी गई है , जिससे साफ जाहिर होता है कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते यह दवाइयां बेकार हो गई जबकि इन दवाईयों से कमजोर बच्चे,किशोर, किशोरी , गर्भवती महिलाओ, बुजुर्गो की सेहत के लिए जरूरी थी। इतनी बड़ी मात्रा में मेडिसिन फेंके जाने से स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठना लाजमी हैं,की आखिर इतनी बड़ी मात्र मे सरकारी दवाइयाँ जंगल झाड़ी में कैसे आयी है और किसने फेंकी है, यह गहरे जाँच का विषय है।