रामनगर/बाराबंकी
रिपोर्ट/अशोक सिंह/विवेक शुक्ल
समाधान दिवस मे आने वाले फरियादियो की संख्या निरन्तर घट रही है।न्याय सस्त शुलभ न होने से लोगो का अब धीरे धीरे मोहभंग हो चुका है।क्षेत्र के पीड़ितों ने बड़ी संख्या मे जन सुनवाई ऐप पर शिकायते दर्ज करवाकर न्याय की आस लगाई थी।यहा भी अधिकतर थोक भाव मे झूठी जांच आख्याये एक बड़ा इतिहास बनाने की ओर अग्रसर है।जागरुक जनो ने जनसुनवाई के मामले मे प्रदेश सरकार के मुखिया से गौर किये जाने की मांग की है।मालूम हो कि प्रदेश की योगी सरकार ने पीड़ितों शोषितो को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के लिये एक ही छत के नीचे तहसील एंव थाना समाधान दिवसो का आयोजन कर एक सुन्दर पहल की थी।लेकिन तहसील रामनगर के क्षेत्र मे अधिकतर जांच आख्याये मन माफिक लगाई जाती है।क्षेत्र के शोषित पीड़ित दर दर भटकने को मजबूर होते है।विभागीय जानकारो के मुताविक थाना रामनगर मे समाधान दिवस के रजिस्टर पर दर्ज शिकायतो मे मात्र दस मामलो की निष्पक्षता से जांच करवा ली जाय तो सच्चाई मुह बाये खड़ी मिलेगी।कुछ इसी तरह तहसील सम्पूर्ण समाधान दिवस और मुख्यमंत्री जनसुनवाई ऐप का भी हाल है।प्राप्त विवरण के अनुसार क्षेत्र के जागरुक जनो की शिकायतो पर भी झूठी जांच आख्याये निरन्तर लगाई जाती रही है ऐसी स्थिती मे आमजनो की शिकायतो पर संज्ञान कैसे लिया जा रहा है इस बात का सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है।अभी हाल मे नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन रामशरण पाठक ने आनलाईन शिकायत की थी।एक पखवारे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी उन्हे न्याय की कोई किरण अभी तक दिखाई नही पड़ सकी। वही कस्बा रामनगर निवासी मंशा तिवारी का कहना है कि एक मामले को लेकर हमने दो बार आयोजित थाना समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया जिस पर आश्वासन देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। न्याय की उम्मीद न दिखाई पड़ने पर मेरे द्वारा ऊपर जब ऑनलाइन शिकायत की गई तो यहां के जिम्मेदारों नें अपने मनमाफिक रिपोर्ट लगा दी।खैर यह तो मात्र बानगी भर है।क्षेत्र के जागरुक जनो ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से जनसुनवाई दिवसो और आनलाईन होने वाली शिकायतो के गुणवत्तापरक निस्तारण के प्रति गौर फरमाये जाने की माग की है।