जर्जर विद्यालयों की नीलामी अटकी,जाँच कमेटी नही दे रही रिपोर्ट
नाराद संवाद बाराबंकी

कृष्ण कुमार शुक्ला रामनगर/बाराबंकी। पुराने एवं जर्जर भवनों को न गिराना खतरनाक हो सकता है। नए भवनों का निर्माण कराने के बाद भी जर्जर भवनों को नीलाम नहीं किया जा रहा है। इस पूरे क्षेत्र में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में नवीन भवन बनाए गए हैं। नियमानुसार नए भवनों का निर्माण कराने के बाद पुराने भवनों को नीलाम कर दिया जाता है। नीलामी का प्रस्ताव ग्राम शिक्षा समिति के सदस्य करते हैं। नीलामी से प्राप्त धनराशि जिला शिक्षा समिति के खाते में जमा कर दिया जाता है। पुराने भवनों को नीलाम किए जाने का दो लाभ होता है। पहला विद्यालय में दुर्घटना की संभावना खत्म हो जाती है। दूसरा विभाग को धन भी प्राप्त हो जाता है।
क्षेत्र में तमाम जर्जर विद्यालय भवन मौजूद हैं जो दुर्घटना का सबब बन सकते हैं। शिक्षा क्षेत्र रामनगर के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय अमलोरा में लगभग 113 छात्र पढ़ते हैं। नए भवनों का निर्माण पुराने भवन से सटाकर कराया गया है। पुराने भवन नए विद्यालय के बगल में खड़े हैं। अमलोरा प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका शिल्पी मौर्या बताती हैं कि अभी तो छात्रों की पढ़ाई नही चल रहा है लेकिन जब छात्रो की पढ़ाई होती थी तो बच्चों को संभालना मुश्किल हो जाता था। बच्चे जर्जर भवन के आसपास खेलते रहते थे। विद्यालय परिसर में बाउंड्री न होने से गाँव के बच्चे भी मैच खेलते है और गेंद भवन में चली जाती है। भवन कभी भी गिर सकता है। जर्जर भवन के छतों में दरार है। भवन गिरने से बच्चों को खतरा पैदा हो सकता है। ग्राम प्रधान वीरेंद्र कुमार ने बताया कि भवन को गिराने का प्रस्ताव अभी नहीं भेजा गया है। प्रधानाध्यापक सत्यनारायन ने कहा कि जल्द ही प्रस्ताव करके उच्च अधिकारियो को भेज दिया जाएगा।
क्या कहते है खण्ड शिक्षा अधिकारी आर के द्विवेदी
रामनगर शिक्षा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय अमलोरा सहित कुल 14 भवन जर्जर है। जेई आर एस को सूची दे दी गई है। जाँच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।