रिपोर्ट:-कृष्ण कुमार शुक्ल/विवेक शुक्ल
रामनगर बाराबंकी: चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद मानव जीवन मिलता है।इसलिए हम सभी को हमेशा एक दूसरे का सहयोग करते हुये लोक कल्याण के लिये कार्य करना चाहिये।यह बात ग्राम मीतपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा मे मुख्य वक्ता पंडित लेखराज गिरी महाराज ने कथा कहते हुये व्यक्त किया।उन्होंने आगे कहा कि ईर्ष्या और द्वेष ही मनुष्य के पतन का कारण है।वर्तमान समय में लोग मोह माया और लालच में फंसकर तमाम अनैतिक कार्य करने लगे।इसीलिए मानव शरीर को विभिन्न प्रकार के कष्ट भोगने पड़ रहे हैं।इसके अलावा लेखराज गिरी महाराज भगवान शंकर माता पार्वती भगवान श्री कृष्ण एवं प्रभु श्री राम के जीवन के बारे में भी विस्तार से लोगों को समझाया और सदैव सत्य के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। ज्ञात हो कि 21 मार्च को कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुई भागवत कथा का समापन 30 मार्च को भव्य भंडारे के साथ किया जायेगा।
28 मार्च को बारात निकाली जायेगी।जो पूरे नगर का भ्रमण करेगी।भागवत कथा के कार्यक्रम में उपस्थित गिन्नीलाल त्रिवेदी, युगल किशोर मिश्रा, सुरेश चंद्र मिश्रा ,मनोज मिश्रा, मूलचंद अवस्थी, कैलाश नाथ त्रिवेदी, सुभम त्रिवेदी ,गंगा त्रिवेदी,कपिल मिश्रा, रोहित मिश्रा, पुत्तन त्रिवेदी ,राज केश मिश्रा ,सुधीर मिश्रा, सुशील शुक्ला ,सुधीर शुक्ला ,चंदन मिश्रा ,गौरव मिश्रा सहित कई लोग भागवत में सहयोग कर रहे हैं।